न्यूज डेस्क, अमर उजाला, एटा
Updated Sat, 19 Oct 2019 12:43 AM IST
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एटा के जिलाधिकारी को अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने अलीगंज में पकड़े गए गेहूं को रिलीज न करने का कारण पूछते हुए उनसे जवाब-तलब किया है। एसीजेएम कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रशासन ने गेहूं को रिलीज नहीं किया था। मामले में एसडीएम अलीगंज को भी नोटिस जारी किया गया है।
तहसील अलीगंज में 21 जनवरी 2017 को तत्कालीन एसडीएम और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट महेंद्र सिंह तंवर ने गांव जहान नगर में छापेमारी कर निजी गोदाम से 3800 बोरी गेहूं बरामद किया था।
मामले में 10 मार्च 2017 को पूर्ति निरीक्षक योगेंद्र यादव ने गोदाम संचालक अवधेश उर्फ मंतेश के खिलाफ थाना राजा का रामपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले में गोदाम संचालक ने एसीजेएम कोर्ट में याचिका दायर की। इस पर कोर्ट ने गेहूं रिलीज करने का आदेश जारी किया था।
इस आदेश के विरोध में सरकार की ओर से जिला जज कोर्ट में रिवीजन याचिका दाखिल की गई। इस पर सुनवाई करते हुए एडीजे और विशेष न्यायाधीश पारुल जैन ने 22 जुलाई को डीएम को अविलंब गेहूं रिलीज करने के निर्देश दिए, लेकिन आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। इसके बाद गोदाम संचालक ने हाईकोर्ट में डीएम सुखलाल भारती के विरुद्ध हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की।
हाईकोर्ट के न्यायाधीश महेश चंद्र त्रिपाठी ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने पर क्यों न डीएम के विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने डीएम और अलीगंज एसडीएम को नोटिस जारी करते हुए गेहूं रिलीज करने का आदेश देते हुए जवाब-तलब किया है। अधिवक्ता अरविंद सिंह ने बताया कि गेहूं लगातार सड़ रहा है। याचिकाकर्ता की परेशानी को समझते हुए कोर्ट ने नोटिस जारी किए हैं।
अलीगंज की ग्राम पंचायत कंचनपुर आसे नंबर दो में ग्राम पंचायत सदस्य को अंतरिम प्रधान नियुक्त करने के डीएम के आदेश पर भी हाईकोर्ट ने डीएम से जवाब मांगा है। कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा ने कहा कि डीएम को प्रधान की नियुक्ति का अधिकार नहीं है।
डीएम ने शैक्षिक योग्यता के आधार पर एक व्यक्ति को कैसे चुन लिया। हाईकोर्ट ने 31 अक्तूबर को डीएम को जवाब देने को कहा है। मामले में ग्राम पंचायत सदस्य सीता देवी ने कोर्ट में याचिका दायर कर डीएम के आदेश को चुनौती दी थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एटा के जिलाधिकारी को अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने अलीगंज में पकड़े गए गेहूं को रिलीज न करने का कारण पूछते हुए उनसे जवाब-तलब किया है। एसीजेएम कोर्ट के आदेश के बाद भी प्रशासन ने गेहूं को रिलीज नहीं किया था। मामले में एसडीएम अलीगंज को भी नोटिस जारी किया गया है।
तहसील अलीगंज में 21 जनवरी 2017 को तत्कालीन एसडीएम और ज्वाइंट मजिस्ट्रेट महेंद्र सिंह तंवर ने गांव जहान नगर में छापेमारी कर निजी गोदाम से 3800 बोरी गेहूं बरामद किया था।
मामले में 10 मार्च 2017 को पूर्ति निरीक्षक योगेंद्र यादव ने गोदाम संचालक अवधेश उर्फ मंतेश के खिलाफ थाना राजा का रामपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले में गोदाम संचालक ने एसीजेएम कोर्ट में याचिका दायर की। इस पर कोर्ट ने गेहूं रिलीज करने का आदेश जारी किया था।
22 जुलाई को दिया डीएम को आदेश
इस आदेश के विरोध में सरकार की ओर से जिला जज कोर्ट में रिवीजन याचिका दाखिल की गई। इस पर सुनवाई करते हुए एडीजे और विशेष न्यायाधीश पारुल जैन ने 22 जुलाई को डीएम को अविलंब गेहूं रिलीज करने के निर्देश दिए, लेकिन आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। इसके बाद गोदाम संचालक ने हाईकोर्ट में डीएम सुखलाल भारती के विरुद्ध हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की।
हाईकोर्ट के न्यायाधीश महेश चंद्र त्रिपाठी ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने पर क्यों न डीएम के विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने डीएम और अलीगंज एसडीएम को नोटिस जारी करते हुए गेहूं रिलीज करने का आदेश देते हुए जवाब-तलब किया है। अधिवक्ता अरविंद सिंह ने बताया कि गेहूं लगातार सड़ रहा है। याचिकाकर्ता की परेशानी को समझते हुए कोर्ट ने नोटिस जारी किए हैं।
अंतरिम प्रधान नियुक्ति का अधिकार नहीं
अलीगंज की ग्राम पंचायत कंचनपुर आसे नंबर दो में ग्राम पंचायत सदस्य को अंतरिम प्रधान नियुक्त करने के डीएम के आदेश पर भी हाईकोर्ट ने डीएम से जवाब मांगा है। कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा ने कहा कि डीएम को प्रधान की नियुक्ति का अधिकार नहीं है।
डीएम ने शैक्षिक योग्यता के आधार पर एक व्यक्ति को कैसे चुन लिया। हाईकोर्ट ने 31 अक्तूबर को डीएम को जवाब देने को कहा है। मामले में ग्राम पंचायत सदस्य सीता देवी ने कोर्ट में याचिका दायर कर डीएम के आदेश को चुनौती दी थी।