सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज को एम्स की तर्ज पर विकसित करने की योजना में लेडी लॉयल, मेडिकल कॉलेज और इमरजेंसी को मिलाकर एक परिसर में बदल दिया जाएगा। इसमें 7 ब्लॉक में 46 इमारतें होंगी, जहां लोगों को हर मर्ज का इलाज मिल सकेगा। नई इमारतें इस तरह से बनेंगी, जिनमें रोगियों की जांच, इलाज और ऑपरेशन की सुविधा उसी भवन में मिल सकेंगी।
7 ब्लॉक में प्रस्तावित विभागों के बन जाने के बाद इस परिसर में मरीजों के लिए बेड की संख्या भी बढ़कर 1500 हो जाएगी। अभी मेडिकल कॉलेज में 1033 बेड ही हैं। केवल इमारतों के जरिए नहीं, बल्कि विशेषज्ञ चिकित्सक और अत्याधुनिक मशीनें और उपकरणों के जरिए आगरा के प्रस्तावित एम्स में मरीजों को सुविधाएं मिलेंगी। इससे आगरा से सटे 15 जिलों के लोगों को भी महंगे इलाज से राहत मिलेगी।
ये 7 ब्लॉक होंगे हमारे एम्स की खासियत
-सर्जिकल ब्लॉक: 400 बेड
पेट रोग, मस्तिष्क रोग, हड्डी रोग, ईएनटी समेत शरीर की किसी भी बीमारी की सर्जरी हो सकेगी। इसमें 400 बेड और 24 ऑपरेशन थिएटर होंगे।
- टीबी विभाग: 100 बेड
गेस्टहाउस के समान बनेगा। मरीजों के लिए 100 बेड होंगे। विजिटर रूम, वेटिंग एरिया, पार्क भी होगा, ताकि मरीज को घर जैसा माहौल मिले।
- ट्रॉमा एंड बर्न यूनिट: 200 बेड
ट्रॉमा सेंटर और जले हुए मरीजों के इलाज के लिए बर्न यूनिट होगी। दोनों विभागों में 100-100 बेड होंगे। प्लास्टिक सर्जरी की भी सुविधा मिलेगी।
- कैंसर विभाग: 200 बेड
कैंसर रोगियों की सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी की सब यूनिट बनेंगी। 200 बेड होंगे, रेडियोथेरेपी के लिए अत्याधुनिक मशीनें, ऑपरेशन भी होंगे।
-मेडिसिन ब्लॉक: 300 बेड
इसमें पेट रोग, सामान्य रोग समेत अन्य बीमारियों के फिजीशियन इलाज करेंगे। एसएन कॉलेज में सबसे ज्यादा बेड वाला यह विभाग होगा।
- बाल रोग ब्लॉक: 200 बेड
बच्चों के इलाज में पीआईसीयू में वेंटीलेटर, बाइपैप, सी-पैप मशीनें लगाई जाएंगी। वार्ड को बच्चों के कमरे की तरह सजाया जाएगा।
- नेत्र रोग ब्लाक: 100 बेड
नेत्र रोग विभाग में कॉर्निया ट्रांसप्लांट, रैटिनोपैथी समेत अन्य बीमारियों का इलाज होगा। दो मॉडयूलर ऑपरेशन थिएटर होंगे। अत्याधुनिक उपकरण होंगे।
एक भवन में होगा प्रशासनिक कक्ष
एसएन मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल का प्रशासनिक ब्लाक एक ही बनाया जाएगा। इसमें सभी विभागों का कार्यालय होगा। सभी की इंटरनेट से कनेक्टविटी होगी। शिक्षकों के लिए आवासीय भवन और खेलकूद का मैदान भी होगा।
4 पार्किंगों में 4 हजार वाहन रख सकेंगे
मास्टर प्लान में चार पार्किंग प्रस्तावित हैं, जिनमें 4 हजार वाहन आ सकेंगे। इमरजेंसी के पास, टीबी विभाग के पास, घड़ी वाली इमारत, ओपीडी के पास मल्टीलेवल पार्किंग की सुविधा होगी।
हर ब्लाक के आगे होगा मिनी पार्क, हरियाली
मास्टर प्लान में हरियाली का विशेष ख्याल रखा है। इसमें हर ब्लाक के सामने मिनी पार्क होगा, जिसमें हरियाली विकसित की जाएगी। तीमारदारों के बैठने के लिए बैंच भी लगाई जाएंगी।
अभी एसएन में हैं 1,033 बेड की सुविधा
विभाग बेड
सर्जरी 212
मेडिसिन 162
हड्डी रोग: 102
बाल रोग 102
स्त्री रोग 92
नेत्र रोग 90
इमरजेंसी 77
मानसिक रोग 37
प्राइवेट वार्ड 36
टीबी विभाग 35
ईएनटी 30
त्वचा रोग 30
रेडियोथेरेपी 24
दंत रोग 04
हर विभाग व्यवस्थित होगा
एसएन कॉलेज के इंटीग्रेटेड प्लान में हर विभाग व्यवस्थित ढंग से होगा। एक ही भवन में बीमारी से संबंधित इलाज, जांच समेत अन्य सुविधाएं होंगी। इनके लिए मल्टीस्टोरी इमारत बनेंगी, जिससे खाली जमीन मिल जाएगी। इस खाली जमीन पर हरियाली विकसित की जाएगी।
-डॉ. संजय काला, प्राचार्य
विशेषज्ञ चिकित्सक बढ़ेंगे
कॉलेज के इंटीग्रेटेड प्लान में सात ब्लॉक में बेड संख्या लगभग 1500 करने की योजना है। हर मर्ज के विभाग में बेड और सुविधाएं बढ़ेंगी। विशेषज्ञ चिकित्सक और अत्याधुनिक उपकरण भी बढ़ाए जाएंगे। आसपास के जिलों के मरीजों को भी लाभ मिलेगा।
-डॉ. प्रशांत गुप्ता, योजना प्रभारी
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सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज को एम्स की तर्ज पर विकसित करने की योजना में लेडी लॉयल, मेडिकल कॉलेज और इमरजेंसी को मिलाकर एक परिसर में बदल दिया जाएगा। इसमें 7 ब्लॉक में 46 इमारतें होंगी, जहां लोगों को हर मर्ज का इलाज मिल सकेगा। नई इमारतें इस तरह से बनेंगी, जिनमें रोगियों की जांच, इलाज और ऑपरेशन की सुविधा उसी भवन में मिल सकेंगी।
7 ब्लॉक में प्रस्तावित विभागों के बन जाने के बाद इस परिसर में मरीजों के लिए बेड की संख्या भी बढ़कर 1500 हो जाएगी। अभी मेडिकल कॉलेज में 1033 बेड ही हैं। केवल इमारतों के जरिए नहीं, बल्कि विशेषज्ञ चिकित्सक और अत्याधुनिक मशीनें और उपकरणों के जरिए आगरा के प्रस्तावित एम्स में मरीजों को सुविधाएं मिलेंगी। इससे आगरा से सटे 15 जिलों के लोगों को भी महंगे इलाज से राहत मिलेगी।
ये 7 ब्लॉक होंगे हमारे एम्स की खासियत
-सर्जिकल ब्लॉक: 400 बेड
पेट रोग, मस्तिष्क रोग, हड्डी रोग, ईएनटी समेत शरीर की किसी भी बीमारी की सर्जरी हो सकेगी। इसमें 400 बेड और 24 ऑपरेशन थिएटर होंगे।
- टीबी विभाग: 100 बेड
गेस्टहाउस के समान बनेगा। मरीजों के लिए 100 बेड होंगे। विजिटर रूम, वेटिंग एरिया, पार्क भी होगा, ताकि मरीज को घर जैसा माहौल मिले।
- ट्रॉमा एंड बर्न यूनिट: 200 बेड
ट्रॉमा सेंटर और जले हुए मरीजों के इलाज के लिए बर्न यूनिट होगी। दोनों विभागों में 100-100 बेड होंगे। प्लास्टिक सर्जरी की भी सुविधा मिलेगी।