सावन माह शुरू हुए दस दिन गुजर गए लेकिन अभी तक बरसात की सौगात मथुरा को नहीं मिली है। अनुमान, आकलन सभी फेल हो गए हैं। बीते सालों के मुकाबले आधी से भी कम बारिश मथुरा में हुई है।
ब्रजवासियों को मुड़िया पूर्णिमा पर बरसात की बड़ी उम्मीद थी लेकिन पूर्णिमा पर भी इंद्र भगवान की कृपा नसीब नहीं हो सकी। गरमी के चलते लोग अकुला रहे है।
बरसात के लिए जुलाई का महीना उम्मीद भरा रहता है। बीते सालों के आंकड़े देखें तो वर्ष 2015 में जुलाई के महीने में 100 मिमी, 2016 में रिकॉर्ड 412 मिमी बरसात दर्ज की गई है। जबकि इस बार मात्र 52 मिमी बारिश ही रिकॉर्ड की गई है। इसके अलावा जुलाई माह तक के आंकड़े में भी ये साल बरसात के लिए तरसाने वाला रहा है।
वर्ष 2015 में जुलाई माह तक 445 मिमी, 2016 में 507 मिमी बरसात हुई है। जबकि वर्ष 2017 में 18 जुलाई तक मात्र 190 मिमी बरसात ही दर्ज की गई है। जो औसम से काफी कम है।
मंगलवार को भी दिनभर आसमान पर बादल छाए रहे। शाम तक गरमी से परेशान लोगों की निगाहें आसमान पर टिकी रही, लेकिन बादल बिना बरसे ही निकल गए। मंगलवार को दिन का तापमान 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
गूगल गुरु भी फेल
गूगल गुरु भी मौसम का आकलन करने में बुरी तरह से फेल हो गया है। गूगल की मौसम एप्लीकेशन मथुरा में बरसात का अनुमान बता रही थी। बीते रविवार और सोमवार को दिन में बारिश का अनुमान था लेकिन बारिश नहीं हुई। आसमान पर बादल तो छाए लेकिन बिना बरसे ही गुजर गए।
सावन माह शुरू हुए दस दिन गुजर गए लेकिन अभी तक बरसात की सौगात मथुरा को नहीं मिली है। अनुमान, आकलन सभी फेल हो गए हैं। बीते सालों के मुकाबले आधी से भी कम बारिश मथुरा में हुई है।
ब्रजवासियों को मुड़िया पूर्णिमा पर बरसात की बड़ी उम्मीद थी लेकिन पूर्णिमा पर भी इंद्र भगवान की कृपा नसीब नहीं हो सकी। गरमी के चलते लोग अकुला रहे है।
बरसात के लिए जुलाई का महीना उम्मीद भरा रहता है। बीते सालों के आंकड़े देखें तो वर्ष 2015 में जुलाई के महीने में 100 मिमी, 2016 में रिकॉर्ड 412 मिमी बरसात दर्ज की गई है। जबकि इस बार मात्र 52 मिमी बारिश ही रिकॉर्ड की गई है। इसके अलावा जुलाई माह तक के आंकड़े में भी ये साल बरसात के लिए तरसाने वाला रहा है।
वर्ष 2015 में जुलाई माह तक 445 मिमी, 2016 में 507 मिमी बरसात हुई है। जबकि वर्ष 2017 में 18 जुलाई तक मात्र 190 मिमी बरसात ही दर्ज की गई है। जो औसम से काफी कम है।
मंगलवार को भी दिनभर आसमान पर बादल छाए रहे। शाम तक गरमी से परेशान लोगों की निगाहें आसमान पर टिकी रही, लेकिन बादल बिना बरसे ही निकल गए। मंगलवार को दिन का तापमान 33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
गूगल गुरु भी फेल
गूगल गुरु भी मौसम का आकलन करने में बुरी तरह से फेल हो गया है। गूगल की मौसम एप्लीकेशन मथुरा में बरसात का अनुमान बता रही थी। बीते रविवार और सोमवार को दिन में बारिश का अनुमान था लेकिन बारिश नहीं हुई। आसमान पर बादल तो छाए लेकिन बिना बरसे ही गुजर गए।