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कोरोना की दूसरी लहर भले ही अभी देश के कुछ राज्यों तक सीमित है, लेकिन देवभूमि हिमाचल में पर्यटन कारोबार पर इसका असर दिखना शुरू हो गया है। महाराष्ट्र और केरल में फिर कोरोना वायरस के बढ़ते दायरे ने हिमाचल की सैर का तानाबाना बुन रहे सैलानियों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। बाहरी राज्यों के सैलानियों ने प्रदेश के होटलों में एडवांस बुकिंग कन्फर्म करवानी बंद कर दी है। सैलानी हफ्ते-दस दिन के लिए बुकिंग को होल्ड करवा रहे हैं। बता दें कि अप्रैल और मई-जून में समर टूरिस्ट सीजन के लिए अच्छी-खासी संख्या में देश भर से सैलानियों ने हिमाचल के पर्यटन स्थलों में एडवांस बुकिंग करवानी शुरू की थी।
इससे पर्यटन कारोबारी भी सीजन अच्छा जाने की उम्मीद लगा बैठे थे। आस थी कि अप्रैल, मई-जून में होटलों में 50 से 60 फीसदी तक ऑक्यूपेंसी रहेगी। इसी बीच, कोरोना ने एक बार फिर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया। पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना के मामले बढ़ने से एडवांस बुकिंग पर विराम लग गया है। शिमला-मनाली के अलावा धर्मशाला और डलहौजी के होटलों में समर टूरिस्ट सीजन के लिए एडवांस बुकिंग में भारी गिरावट आई है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बंगाल सहित अन्य राज्यों के सैलानी अब हिमाचल आने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
हिमाचल में धीमी पड़ी सैलानियों की आमद : अश्वनी
फेडरेशन ऑफ हिमाचल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी बांबा के अनुसार कई राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ने से हिमाचल में सैलानियों की आवागमन धीमा हो गया है। समर टूरिस्ट सीजन के लिए हो रही एडवांस बुकिंग और पूछताछ भी कमी आ रही है।
कोरोना फिर से फैला तो बड़ा नुकसान तय : मनु सूद
ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन के महासचिव मनु सूद ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से समर टूरिस्ट सीजन के लिए बुकिंग इन्कवायरी कन्फर्म होना बंद हो गई है। पर्यटक बुकिंग होल्ड करवा रहे हैं।
पहले ही बुकिंग करवा लेते हैं सैलानी
देश के दूरदराज क्षेत्रों से हिमाचल आने वाले सैलानी एक से दो महीने पहले ही एडवांस बुकिंग करवा देते हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, बंगाल से आने वाले सैलानी फ्लाइट की सस्ती टिकटों के लिए महीनों पहले हिमाचल में सैर-सपाटे की प्लानिंग कर लेते हैं। अधिकतर सैलानी दिल्ली या चंडीगढ़ तक फ्लाइट से पहुंचते हैं और टैक्सी के जरिये शिमला, मनाली, धर्मशाला और डलहौजी का रुख करते हैं।
कोरोना की दूसरी लहर भले ही अभी देश के कुछ राज्यों तक सीमित है, लेकिन देवभूमि हिमाचल में पर्यटन कारोबार पर इसका असर दिखना शुरू हो गया है। महाराष्ट्र और केरल में फिर कोरोना वायरस के बढ़ते दायरे ने हिमाचल की सैर का तानाबाना बुन रहे सैलानियों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। बाहरी राज्यों के सैलानियों ने प्रदेश के होटलों में एडवांस बुकिंग कन्फर्म करवानी बंद कर दी है। सैलानी हफ्ते-दस दिन के लिए बुकिंग को होल्ड करवा रहे हैं। बता दें कि अप्रैल और मई-जून में समर टूरिस्ट सीजन के लिए अच्छी-खासी संख्या में देश भर से सैलानियों ने हिमाचल के पर्यटन स्थलों में एडवांस बुकिंग करवानी शुरू की थी।
इससे पर्यटन कारोबारी भी सीजन अच्छा जाने की उम्मीद लगा बैठे थे। आस थी कि अप्रैल, मई-जून में होटलों में 50 से 60 फीसदी तक ऑक्यूपेंसी रहेगी। इसी बीच, कोरोना ने एक बार फिर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया। पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना के मामले बढ़ने से एडवांस बुकिंग पर विराम लग गया है। शिमला-मनाली के अलावा धर्मशाला और डलहौजी के होटलों में समर टूरिस्ट सीजन के लिए एडवांस बुकिंग में भारी गिरावट आई है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बंगाल सहित अन्य राज्यों के सैलानी अब हिमाचल आने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
हिमाचल में धीमी पड़ी सैलानियों की आमद : अश्वनी
फेडरेशन ऑफ हिमाचल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी बांबा के अनुसार कई राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ने से हिमाचल में सैलानियों की आवागमन धीमा हो गया है। समर टूरिस्ट सीजन के लिए हो रही एडवांस बुकिंग और पूछताछ भी कमी आ रही है।
कोरोना फिर से फैला तो बड़ा नुकसान तय : मनु सूद
ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन के महासचिव मनु सूद ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से समर टूरिस्ट सीजन के लिए बुकिंग इन्कवायरी कन्फर्म होना बंद हो गई है। पर्यटक बुकिंग होल्ड करवा रहे हैं।
पहले ही बुकिंग करवा लेते हैं सैलानी
देश के दूरदराज क्षेत्रों से हिमाचल आने वाले सैलानी एक से दो महीने पहले ही एडवांस बुकिंग करवा देते हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, बंगाल से आने वाले सैलानी फ्लाइट की सस्ती टिकटों के लिए महीनों पहले हिमाचल में सैर-सपाटे की प्लानिंग कर लेते हैं। अधिकतर सैलानी दिल्ली या चंडीगढ़ तक फ्लाइट से पहुंचते हैं और टैक्सी के जरिये शिमला, मनाली, धर्मशाला और डलहौजी का रुख करते हैं।