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स्टेट साइबर क्राइम पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अपने वाईफाई पर काम करने वाले एटीएम या क्रेडिट कार्डों को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (एफएफआईडी) ब्लॉक करने वाले कवर या लेदर पर्स में रखें। पुलिस ने ऐसी अपील उन शिकायतों के सामने आने के बाद की है, जिनमें शातिर बिना कार्ड इस्तेमाल किए ही पीड़ितों के खातों से पैसा साफ कर रहे हैं। एडिशनल एसपी साइबर क्राइम नरवीर राठौर ने कहा कि जीएसएम स्किमर डिवाइस की मदद से इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आईएसबीटी शिमला, सोलन और कांगड़ा में पिछले एक साल में पांच मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें शिकायतकर्ता के कार्ड इस्तेमाल हुए बिना ही रकम निकल गई। राठौर ने कहा कि ऑनलाइन सत्तर हजार रुपये तक मिलने वाले इस डिवाइस के जरिये एक बार में पच्चीस हजार से ज्यादा डाटा रिकॉर्ड हो सकता है। शातिर इस डाटा को कंप्यूटर में डालकर सेव कर लेते हैं और फिर पैसा साफ कर देते हैं।
स्टेट साइबर क्राइम पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अपने वाईफाई पर काम करने वाले एटीएम या क्रेडिट कार्डों को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (एफएफआईडी) ब्लॉक करने वाले कवर या लेदर पर्स में रखें। पुलिस ने ऐसी अपील उन शिकायतों के सामने आने के बाद की है, जिनमें शातिर बिना कार्ड इस्तेमाल किए ही पीड़ितों के खातों से पैसा साफ कर रहे हैं। एडिशनल एसपी साइबर क्राइम नरवीर राठौर ने कहा कि जीएसएम स्किमर डिवाइस की मदद से इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आईएसबीटी शिमला, सोलन और कांगड़ा में पिछले एक साल में पांच मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें शिकायतकर्ता के कार्ड इस्तेमाल हुए बिना ही रकम निकल गई। राठौर ने कहा कि ऑनलाइन सत्तर हजार रुपये तक मिलने वाले इस डिवाइस के जरिये एक बार में पच्चीस हजार से ज्यादा डाटा रिकॉर्ड हो सकता है। शातिर इस डाटा को कंप्यूटर में डालकर सेव कर लेते हैं और फिर पैसा साफ कर देते हैं।