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HP High Court: पति-पत्नी को एक ही स्थान पर तैनाती नहीं देने पर हाईकोर्ट सख्त

अमर उजाला ब्यूरो, शिमला Published by: Krishan Singh Updated Wed, 01 Feb 2023 11:50 AM IST
सार

अदालत ने स्थानांतरण नीति का हवाला देते हुए शिक्षा विभाग को आदेश दिए कि वह एक हफ्ते के भीतर याचिकाकर्ता के प्रतिवेदन पर निर्णय लें और उसे पांवटा साहिब में रिक्त पद पर समायोजित करने का प्रयास करे।

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पति-पत्नी को एक ही स्थान पर तैनाती न देने पर कड़ा रुख अपनाया है। न्यायाधीश सुशील कुकरेजा ने शिक्षा निदेशक को आदेश दिए कि वह याचिकाकर्ता पत्नी को पति की तैनाती वाले स्थान पर समायोजित करें। अदालत ने 10 फरवरी तक अपने आदेशों की अनुपालना रिपोर्ट तलब की है। सिरमौर की सुरेखा चौहान और उनका पति दोनों ही शिक्षा विभाग में शिक्षक के पद पर तैनात हैं।



याचिकाकर्ता पत्नी राजकीय प्राथमिक पाठशाला नगेथा में केंद्रीय मुख्य शिक्षक के पद पर कार्यरत है। जबकि उनके पति 40 किलोमीटर दूर राजकीय महाविद्यालय में कार्यरत हैं। आरोप लगाया गया कि याचिकाकर्ता ने स्थानांतरण नीति में विभाग को एक ही स्थान पर समायोजित करने के लिए आवेदन किया है। शिक्षा विभाग ने अभी तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया है। अदालत को बताया गया कि 31 जनवरी 2023 को रिक्त होने वाले पद पर उसे तैनाती दी जा सकती है। स्थानांतरण नीति में भी कर्मचारी दंपती को एक ही जगह पर समायोजित करने का प्रावधान रखा गया है।


सरकार का कर्तव्य है कि वह अपने कर्मचारियों की दिक्कतों का निस्तारण करें और नीति के जरिये कर्मचारी दंपती को एक ही जगह पर समायोजित करने का प्रयास करें। अदालत ने स्थानांतरण नीति का हवाला देते हुए शिक्षा विभाग को आदेश दिए कि वह एक हफ्ते के भीतर याचिकाकर्ता के प्रतिवेदन पर निर्णय लें और उसे पांवटा साहिब में रिक्त पद पर समायोजित करने का प्रयास करे।

मां के अंतिम संस्कार के लिए हाईकोर्ट ने आरोपी को दी अंतरिम जमानत
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मानवता का परिचय देते हुए मां के अंतिम संस्कार करने के लिए आरोपी को अंतरिम जमानत दी है। न्यायाधीश सुशील कुकरेजा ने हत्या के आरोपी को 50 हजार रुपये के मुचलके पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि आरोपी एक मार्च 2023 को जेल में आत्म समर्पण करेगा। याचिकाकर्ता ठाकुर दास ने अदालत से गुहार लगाई थी कि उसे अपनी मां का अंतिम संस्कार करने के लिए जमानत पर रिहा किया जाए।

अदालत को बताया गया कि गत 26 जनवरी को उसकी मां की मृत्यु हो गई है। बड़ा बेटा होने के नाते उसे हिंदू धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार और अन्य कार्य करने हैं। आरोपी के खिलाफ पुलिस थाना मनाली में भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 201 और 34 में मामला दर्ज किया गया है। आरोपी के खिलाफ सत्र न्यायाधीश कुल्लू की अदालत में अभियोग विचाराधीन है, जिसकी अगली सुनवाई 21 फरवरी को निर्धारित की गई है।

फिलहाल आरोपी को मुक्त कारागार बिलासपुर में हिरासत में रखा गया है। अदालत ने याचिकाकर्ता की दलीलों को सुनने के बाद एसपी जेल को आदेश दिए कि वह आरोपी को मुचलके के आधार पर रिहा करे। अदालत ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि यह अंतरिम जमानत उसे मानवता के आधार पर दी गई है, ताकि वह अपनी मां का अंतिम संस्कार कर सके।

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