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हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रिंट रेट से अधिक दाम वसूलने और कम तोलने की शिकायतों के बाद कारोबारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पैकेट बंद वस्तुओं पर आवश्यक जानकारी प्रदर्शित न करने और अंकित मूल्य से ज्यादा दाम वसूलने पर 207 कारोबारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग के विविध माप विज्ञान संगठन ने यह कार्रवाई की है। अब इन कारोबारियों पर 5 लाख और इससे ज्यादा का जुर्माना लगेगा। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने प्रदेश में 15 से 22 फरवरी तक यह अभियान चलाया।
प्रदेश भर में 1215 व्यापारिक प्रतिष्ठानों में सामान की जांच की गई। छापे के दौरान कई तरह की अनियमितताएं सामने आने पर यह कार्रवाई की गई है। कम तोलने पर 20, बिना सत्यापन बाट (बट्टे) माप पर 70, पैकेट बंद वस्तुओं पर आवश्यक जानकारी न प्रदर्शित करने पर 30 और अंकित मूल्य से ज्यादा दाम वसूलने पर 11 समेत अन्य अनियमितताओं पर 76 मामले दर्ज किए गए हैं। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक आविद हुसैन ने बताया कि उपभोक्ता खुद को ठगा सा महसूस न करें, इसके चलते यह छापामारी की गई है। दर्जनों व्यापारिक संस्थानों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रिंट रेट से अधिक दाम वसूलने और कम तोलने की शिकायतों के बाद कारोबारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पैकेट बंद वस्तुओं पर आवश्यक जानकारी प्रदर्शित न करने और अंकित मूल्य से ज्यादा दाम वसूलने पर 207 कारोबारियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग के विविध माप विज्ञान संगठन ने यह कार्रवाई की है। अब इन कारोबारियों पर 5 लाख और इससे ज्यादा का जुर्माना लगेगा। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने प्रदेश में 15 से 22 फरवरी तक यह अभियान चलाया।
प्रदेश भर में 1215 व्यापारिक प्रतिष्ठानों में सामान की जांच की गई। छापे के दौरान कई तरह की अनियमितताएं सामने आने पर यह कार्रवाई की गई है। कम तोलने पर 20, बिना सत्यापन बाट (बट्टे) माप पर 70, पैकेट बंद वस्तुओं पर आवश्यक जानकारी न प्रदर्शित करने पर 30 और अंकित मूल्य से ज्यादा दाम वसूलने पर 11 समेत अन्य अनियमितताओं पर 76 मामले दर्ज किए गए हैं। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक आविद हुसैन ने बताया कि उपभोक्ता खुद को ठगा सा महसूस न करें, इसके चलते यह छापामारी की गई है। दर्जनों व्यापारिक संस्थानों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।