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Cannabis Oil: भूलने की बीमारी की दवा के साइड इफेक्ट कम करेगा भांग का तेल, शोध में खुलासा
अमर उजाला ब्यूरो, शिमला
Published by: Krishan Singh
Updated Fri, 09 Sep 2022 12:31 PM IST
सार
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केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के रसायन एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रो. दीपक पंत ने इसके लिए सरकार के आबकारी आयुक्त को एक पत्र भेजा है। उन्होंने लिखा है कि भांग के तेल के कुछ तत्त्वों में भूलने की बीमारी डिमेंशिया, तनाव, दर्द आदि की दवाओं की विषाक्तता को कम करने की क्षमता है।
भांग के तेल के कुछ तत्वों में भूलने, तनाव और दर्द की कई दवाओं की विषाक्तता को कम करने की क्षमता होने की संभावना आंकी गई है। यह बात केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के रसायन विज्ञान विभाग के एक शोध में सामने आई है। हालांकि, अभी इस बारे में सैद्धांतिक अध्ययन ही किया गया है। प्रयोगशाला में प्रयोग करने के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने सरकार से अनुमति मांगी है। केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के रसायन एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रो. दीपक पंत ने इसके लिए सरकार के आबकारी आयुक्त को एक पत्र भेजा है। उन्होंने लिखा है कि भांग के तेल के कुछ तत्त्वों में भूलने की बीमारी डिमेंशिया, तनाव, दर्द आदि की दवाओं की विषाक्तता को कम करने की क्षमता है। इस विश्वविद्यालय ने इस संबंध में अभी थ्योरी के रूप में मोलीक्यूलर हाइब्रिडाइजेशन की है, मगर इस बारे में आगे बढ़ने के लिए प्रयोगशाला में प्रयोग किए जाने की जरूरत है।
भांग के तेल यानपी टरपींस के कुछ तत्त्वों को अगर डायक्लोफिनिक सोडियम, एलप्राजोलम, लोरजेपाम, एसिटालोप्राम, गावापेंटीन जैसी दवाओं में एक विशेष विधि से मिलाया जाए तो यह इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स को घटा सकती है। इसके लिए एलोपैथिक पार्ट के साथ असका फ्यूजन कंपाउंड बनाना होगा। प्रो. दीपक पंत ने बताया कि इसके लिए देसी भांग के तेल पर ही प्रयोग किया जाना वांछित है। अगर ऐसा किया जाता है तो यह चिकित्सा जगत के लिए उपयोगी बात हो सकती है। चूंकि, भांग एनडीपीएस एक्ट के तहत एक निषिद्ध वस्तु है, इसलिए सरकार अगर प्रयोगशाला में शोध की अनुमति दे तो ही इस दिशा मेें आगे बढ़ा जा सकता है। प्रो. दीपक पंत इस शोध को प्रो. अनिता पदम और रोहित चौहान के सहयोग से कर रहे हैं।
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