संवाद न्यूज एजेंसी
तलवाड़ा। हिमाचल और पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्र में स्टोन क्रशरों के बंद होने से कंडी क्षेत्र के दैनिक मजदूरों व मिस्त्रियों के चूल्हे ठंडे पड़ गए हैं। राजमिस्त्री का काम करने वाले रामपाल, धर्मपाल, व जगत सिंह ने बताया कि पिछले करीब 6-7 महीनों से ब्लाक तलवाड़ा व हाजीपुर के आसपास लगे स्टोन क्रशरों के बंद होने के चलते कस्बा तलवाड़ा के सहित पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के तलवाड़ा की सीमा के साथ सटे गांव जखबड़, जगीर, संसारपुर टैरस, स्थाना, शबड़, भानथ व घाटी से रोज आने वाले राजमिस्त्रियों के सहित दैनिक मजदूरों को भी काम मिलना लगभग बंद हो चुका है। इसी तरह से कस्बे के साथ लगते गांव डोहर, भेड़ा, राम नंगल, चंगडवा, रजवाल, नगर, दुसड़का व वन करणपुर भी रोज सुबह अपने घरों से दिहाड़ी लगाने की आस से तलवाड़ा के सेक्टर नंबर एक सब्जी मंडी चौक पर आते हैं लेकिन बिना काम किए ही अपने घर को लौट जाते हैं।
उन्होंने बताया कि पहले 2 वर्ष तक कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान उनका काम बंद रहा। अब पंजाब सरकार द्वारा नई माइनिंग पॉलिसी बनाने को लेकर आसपास के क्षेत्रों में लगे स्टोन क्रशरों को बंद किए जाने के कारण उनका काम पूर्ण तौर से बंद हो गया है। अब तो उन्हें दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो गया है। लाल झंडा मजदूर यूनियन के प्रधान पंचम लाल ने कहा एक तो पहले ही बेरोजगारी चरम पर है। दूसरी ओर प्रदेश में छह माह पहले हुए राजनीतिक सत्ता परिवर्तन से उनकी दैनिक दिहाड़ी भी क्षेत्र में लगे स्टोन क्रशरों के बंद होने के बाद से नहीं लग रही है। इस मौके पर लक्की, सोनू कुमार, किशोरी लाल, कमल सिंह, महेश पाल, गुरदीप सिंह, रूपलाल, राकेश कुमार काका, प्रेम सिंह पप्पी, बीरबल, कुलवंत सिंह राणा, रामदेव, सुरेश कुमार, महेश पाल बग्गा, सोमराज, अश्विनी कुमार, महेंद्र पाल, दीपक कुमार व बलवंत सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान व माइनिंग विभाग के मंत्री हरजोत सिंह बैंस से मांग की कि वह यथा शीघ्र ही नई खनन पॉलिसी को पंजाब प्रदेश में लागू किया जाए। जिससे कि गरीब मजदूर आदमी को भी दो वक्त की रोटी मिल सके।
इस मौके पर मजदूर यूनियन नेता राकेश कुमार काका व प्रेम सिंह पप्पी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान व माइनिंग विभाग के मंत्री हरजोत सिंह बैंस को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आगामी कुछ दिनों में स्टोन क्रशरों को नई माइनिंग पॉलिसी को बनाने के बाद भी नहीं चलाया गया तो वे कड़ा संघर्ष करने पर विचार कर रहे हैं। इस मौके पर राजमिस्त्री पप्पी भेड़ा, उत्तमचंद गांव चंगडवा, सनतर राम गांव नगर, वसंत राम गांव चंगडवा, गुरदीप सिंह तलवाड़ा, मजदूर शाम लाल रजवाल, राम देव रजवाल, कुलवंत सिंह, पप्पी, प्रदीप कुमार जगीर (हिमाचल), सतपाल सिंह, मानसिंह व अश्विनी कुमार जखबड़ (हिमाचल) भी उपस्थित हुए।