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गन्ने की बकाया राशि न मिलने पर लगाया जाम
गुरदासपुर-पठानकोट नेशनल हाईवे पर किसानों की ओर से लगाया गया धरना।
- फोटो : GURDASPUR
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कहीं भी, कभी भी।
गन्ने की बकाया राशि न दिए जाने के विरोध में मंगलवार को लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी के नेतृत्व में गन्ना काश्तकारों ने शुगर मिल पनियाड़ के बाहर गुरदासपुर-पठानकोट नेशनल हाईवे पर तीन घंटे तक प्रदर्शन किया।
सोसायटी के प्रधान बलदेव सिंह सिरसा ने बताया कि किसान 15 फीसदी वार्षिक ब्याज के हिसाब से बनती पूरी रकम लेने के लिए वर्ष 2014-15 में हाईकोर्ट में पिटीशन दायर कर मांग की गई थी कि गन्ना काश्तकारों को ब्याज समेत राशि अदा की जाए। उसके मुताबिक असल रकम मिल गई थी लेकिन ब्याज नहीं मिला था। इस पिटीशन के चलते दो और सीजन 2015-16 व 2016-17 भी इस केस से इकट्ठा होने पर इन तीनों सीजनों के संबंध में 26 सितंबर 2017 को अदालत ने पंजाब सरकार को आर्डर किए कि 16 नवंबर 2017 तक सभी मिलों की ओर से अदालत में रिपोर्ट दी जाए कि जिस-जिस मिल ने जितनी-जितनी रकम गन्ना काश्तकारों को 14 दिन से देरी से दी है। उसके मुताबिक हर मिल की ओर जितना-जितना ब्याज बनता है बताया जाए। सहकारी मिलों ने सरकार के माध्यम से अदालत में दी रिपोर्ट के मुताबिक करीब 45 करोड़ रुपये ब्याज बनता बताया गया। वह ब्याज आज तक किसानों को नहीं मिला। प्राइवेट मिलों ने हाईकोर्ट के आदेशों के मुताबिक आज तक सरकार द्वारा बार-बार पत्र लिखने के बावजूद भी किसानों को 14 दिन से देरी की राशि व बनते ब्याज की रिपोर्ट नहीं दी। इसके बाद 2017-18 व 2018-19 का भी शुगर मिलों की ओर से किसानों को बनता पैसा समय पर नहीं दिया गया। मौके पर हरदेव सिंह चिट्टी, जसवंत सिंह, जगीर सिंह, अमरजीत सिंह, बलविंदर सिंह, सुखजिंदर सिंह उपस्थित थे।
गन्ने की बकाया राशि न दिए जाने के विरोध में मंगलवार को लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी के नेतृत्व में गन्ना काश्तकारों ने शुगर मिल पनियाड़ के बाहर गुरदासपुर-पठानकोट नेशनल हाईवे पर तीन घंटे तक प्रदर्शन किया।
सोसायटी के प्रधान बलदेव सिंह सिरसा ने बताया कि किसान 15 फीसदी वार्षिक ब्याज के हिसाब से बनती पूरी रकम लेने के लिए वर्ष 2014-15 में हाईकोर्ट में पिटीशन दायर कर मांग की गई थी कि गन्ना काश्तकारों को ब्याज समेत राशि अदा की जाए। उसके मुताबिक असल रकम मिल गई थी लेकिन ब्याज नहीं मिला था। इस पिटीशन के चलते दो और सीजन 2015-16 व 2016-17 भी इस केस से इकट्ठा होने पर इन तीनों सीजनों के संबंध में 26 सितंबर 2017 को अदालत ने पंजाब सरकार को आर्डर किए कि 16 नवंबर 2017 तक सभी मिलों की ओर से अदालत में रिपोर्ट दी जाए कि जिस-जिस मिल ने जितनी-जितनी रकम गन्ना काश्तकारों को 14 दिन से देरी से दी है। उसके मुताबिक हर मिल की ओर जितना-जितना ब्याज बनता है बताया जाए। सहकारी मिलों ने सरकार के माध्यम से अदालत में दी रिपोर्ट के मुताबिक करीब 45 करोड़ रुपये ब्याज बनता बताया गया। वह ब्याज आज तक किसानों को नहीं मिला। प्राइवेट मिलों ने हाईकोर्ट के आदेशों के मुताबिक आज तक सरकार द्वारा बार-बार पत्र लिखने के बावजूद भी किसानों को 14 दिन से देरी की राशि व बनते ब्याज की रिपोर्ट नहीं दी। इसके बाद 2017-18 व 2018-19 का भी शुगर मिलों की ओर से किसानों को बनता पैसा समय पर नहीं दिया गया। मौके पर हरदेव सिंह चिट्टी, जसवंत सिंह, जगीर सिंह, अमरजीत सिंह, बलविंदर सिंह, सुखजिंदर सिंह उपस्थित थे।