अमृतसर। कोरोना काल में कोविड पीड़ितों की देखभाल के लिए आउटसोर्सिंग के तहत रखे गए गुरु नानक देव अस्पताल के दर्जा चार कर्मचारियों ने दोबारा नौकरी पर रखे जाने को लेकर कैबिनेट मंत्री राज कुमार वेरका की कोठी का घेराव किया। इस दौरान पुलिस कर्मचारियों ने बैरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारियों को कोठी से दूर ही रखा, मगर वे वहीं धरने पर बैठ गए और पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी दी।
गौर हो कि पंजाब सरकार ने कोविड संकटकाल से निपटने के लिए आउटसोर्सिंग के जरिए 400 से ज्यादा कर्मचारियों की दर्जा चार कर्मचारी के रूप में सेवाएं ली थी। 2021 में अचानक ही पंजाब सरकार ने 30 सितंबर के बाद काम पर नहीं आने देने का फरमान जारी कर दिया। इसके बाद से ही यह लोग पंजाब सरकार के खिलाफ लगातार रोष प्रदर्शन कर रहे हैं।
रोष प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले अमित कल्याण, सुखचैन सिंह, अमनदीप सिंह, रवि कुमार , गुरजीत कौर, कुलदीप कौर, अर्चना, परमजीत कौर, कवलजीत कौर ने बताया कि जब सरकार को जरूरत थी, तो हमारी सेवाएं बहुत अच्छी लगती थीं। आज जब हमारी जरूरत नहीं तो हमारे लिए अस्पताल के दरवाजे ही बंद कर दिए। उन्होंने बताया कि 23 अक्तूबर को मेडिकल एजुकेशन मंत्री राज कुमार वेरका ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उन लोगों को दोबारा नौकरी पर रखा जाएगा। इसके बावजूद अभी तक न तो पंजाब सरकार ने ऐसे कोई आदेश ही जारी किए हैं और न ही उन्हें अस्पताल में प्रवेश करने दिया जाता है।
अमृतसर। कोरोना काल में कोविड पीड़ितों की देखभाल के लिए आउटसोर्सिंग के तहत रखे गए गुरु नानक देव अस्पताल के दर्जा चार कर्मचारियों ने दोबारा नौकरी पर रखे जाने को लेकर कैबिनेट मंत्री राज कुमार वेरका की कोठी का घेराव किया। इस दौरान पुलिस कर्मचारियों ने बैरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारियों को कोठी से दूर ही रखा, मगर वे वहीं धरने पर बैठ गए और पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी दी।
गौर हो कि पंजाब सरकार ने कोविड संकटकाल से निपटने के लिए आउटसोर्सिंग के जरिए 400 से ज्यादा कर्मचारियों की दर्जा चार कर्मचारी के रूप में सेवाएं ली थी। 2021 में अचानक ही पंजाब सरकार ने 30 सितंबर के बाद काम पर नहीं आने देने का फरमान जारी कर दिया। इसके बाद से ही यह लोग पंजाब सरकार के खिलाफ लगातार रोष प्रदर्शन कर रहे हैं।
रोष प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले अमित कल्याण, सुखचैन सिंह, अमनदीप सिंह, रवि कुमार , गुरजीत कौर, कुलदीप कौर, अर्चना, परमजीत कौर, कवलजीत कौर ने बताया कि जब सरकार को जरूरत थी, तो हमारी सेवाएं बहुत अच्छी लगती थीं। आज जब हमारी जरूरत नहीं तो हमारे लिए अस्पताल के दरवाजे ही बंद कर दिए। उन्होंने बताया कि 23 अक्तूबर को मेडिकल एजुकेशन मंत्री राज कुमार वेरका ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उन लोगों को दोबारा नौकरी पर रखा जाएगा। इसके बावजूद अभी तक न तो पंजाब सरकार ने ऐसे कोई आदेश ही जारी किए हैं और न ही उन्हें अस्पताल में प्रवेश करने दिया जाता है।