कानपुर मसाला कारोबारी सूर्यांश खरबंदा की पत्नी आंचल खरबंदा की मौत के केस की जांच एडीसीपी क्राइम करेंगे। विवेचना टीम में एक इंस्पेक्टर व दरोगा भी सह विवेचक की तौर पर शामिल किए गए हैं। अभी तक यह जांच एसीपी नजीराबाद संतोष कुमार सिंह कर रहे थे। केस में तमाम तथ्य उजागर होने और परिजनों का विवेचक पर अविश्वास देखते हुए पुलिस कमिश्नर ने जांच बदली है। सोमवार को आंचल के परिजनों ने पुलिस कमिश्नर व डीसीपी क्राइम से मुलाकात भी की। अशोक नगर में 19 नवंबर की रात आंचल का शव घर के बाथरूम में फांसी के फंदे से लटकता मिला था। पुलिस ने सूर्यांश, उसकी मां निशा समेत आठ पर दहेज हत्या की रिपोर्ट दर्ज की थी। सूर्यांश व निशा जेल में हैं। पोस्टमार्टम व फोरेंसिक जांच में आंचल के खुदकुशी करने की पुष्टि हुई थी।
मगर आंचल के परिजन हत्या कर शव लटकाने का आरोप लगा रहे हैं। कुछ दिन पहले जब परिजनों ने प्रेसवार्ता की थी तब भी केस की विवेचना क्राइम ब्रांच से कराने की मांग की थी। अब पुलिस कमिश्नर ने विवेचना के लिए टीम गठित कर दी है।
मुख्य विवेचक एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर हैं। क्राइम ब्रांच की इंस्पेक्टर नीलम पांडेय व फजलगंज के दरोगा क्षत्रजीत सिंह सह विवेचक हैं। डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल की निगरानी में पूरे मामले की जांच की जाएगी।
घटना बताकर सुबूत सौंपे
आंचल के पिता पवन ग्रोवर व अन्य परिजन सोमवार को पुलिस कमिश्नर से मिलने पहुंचे। केस में अब तक की कार्रवाई के बारे में जानकारी ली। नामजद अन्य छह आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। इसके बाद क्राइम ब्रांच में डीसीपी क्राइम से मिले।
पूरी घटना बताकर एक कॉल रिकॉर्डिंग सौंपी। इसमें आंचल अपने पिता से एक लड़की का नाम लेकर कई तरह के आरोप लगाते सुनाई दे रही है। साथ ही नामजद आरोपी भरत ग्रोवर पर आरोप लगाया कि सबके सामने उसने कहा था कि ये विकेट जरूर गिरेगा।