हिमाचल की राजधानी शिमला समेत राज्य के अन्य भागों में गुरुवार को गणेश महोत्सव का भव्य तरीके से समापन हुआ। गणेश महोत्सव के अंतिम दिन... अगले बरस फिर आना खुशियां संग लाना मेरे गणपति भजनों के बीच प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।
शिमला शहर में गणेश प्रतिमा के साथ निकली शोभायात्रा में शामिल भक्तों ने ढोल चिमटे की तान पर भगवान श्रीगणेश का गुणगान किया और फिर सुन्नी के पास सतलुज नदी के तट पर पहुंचकर प्रतिमा को पानी में बहा दिया।
राजधानी के मिडल बाजार के सिद्धिविनायक सेवा मंडल ने गुरुवार को गणपति बप्पा मौरेया अगली बरस तू फिर आना के जयघोषों के साथ गणपति का विसर्जन किया। इससे पहले सुबह साढ़े आठ बजे हवन कर आरती की गई। मिडल बाजार से मालरोड तक गुलाल उड़ाकर ढोल नगाड़ों के बीच प्रथम पूज्य को विदाई दी गई। विसर्जन से एक दिन पहले बुधवार रात जागरण का आयोजन किया गया।
सुबह गणपति बप्पा मौरेया की आरती के बाद उन्हें उठाकर मालरोड तक लाया गया। महिलाओं ने नंगे पांव गणपति की मूर्तियों को उठाकर मालरोड तक शोभायात्रा निकाली। इसके बाद दस बसे के करीब सुन्नी की ओर गाड़ियां में भगवान गणेश की मूर्तियों को ले जाया गया। यहां करीब 500 लोगों की मौजूदगी में भगवान गणेश की 108 मूर्तियों का विसर्जन किया गया
शहर के गंज बाजार में सजे पंडाल से भी भगवान श्रीगणेश ने विदाई ले ली। यहां हर रोज सैकड़ों की संख्या में लोग पूजा अर्चना करने आते थे तथा रौनक लगी रहती थी।