राजस्थान की राजधानी जयपुर में पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की वीरांगनाएं धरने पर बैठी हुईं थी। 9 मार्च की रात पुलिस ने इन वीरांगनाओं का धरना जबरन खत्म करा दिया। पुलिस ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के घर के पास स्थित धरना स्थल से वीरांगनाओं को एंबुलेंस से उनके घर पहुंचा दिया, लेकिन वीरांगनाओं की मुसबीत यहां खत्म नहीं हुई।
दरअसल, देवर को नौकरी देने, शहीद के नाम पर किसी संस्था का नाम रखने और शहीद की प्रतिमा लगाने जैसी मांगों को लेकर पुलवामा हमले में शहीद हुए रोहिताश्व लांबा की पत्नी मंजू जाट सहित अन्य दो वीरांगना मधुबाला मीणा और सुंदरी देवी गुर्जर जयपुर में धरने पर बैठी थीं। 9 मार्च की देर रात पुलिस ने अलग-अलग एंबुलेंस से तीनों वीरांगनाओं को उनके घर छोड़ा। मंजू जाट को भी उनके गांव गोविंदपुरा बासड़ी छोड़ा गया, लेकिन कुछ देर बात उन्हें अमरसर पीएचसी में भर्ती करवाया गया था।
इसके बाद से मंजू का कुछ पता नहीं चल रहा था, उनके परिवार वालों ने पुलिस पर मंजू को गायब करने के आरोप लगाए थे। इसी बीच रविवार को मंजू जाट का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें वह बीमार दिख रही हैं, पत्रकारों के सवाल पर वह बोलने की कोशिश करती हैं, लेकिन कुछ भी बोल नहीं बोल पा रही हैं। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि ये वीडियो कहां का है। मंजू का ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
दरअसल, देवर को नौकरी देने, शहीद के नाम पर किसी संस्था का नाम रखने और शहीद की प्रतिमा लगाने जैसी मांगों को लेकर पुलवामा हमले में शहीद हुए रोहिताश्व लांबा की पत्नी मंजू जाट सहित अन्य दो वीरांगना मधुबाला मीणा और सुंदरी देवी गुर्जर जयपुर में धरने पर बैठी थीं। 9 मार्च की देर रात पुलिस ने अलग-अलग एंबुलेंस से तीनों वीरांगनाओं को उनके घर छोड़ा। मंजू जाट को भी उनके गांव गोविंदपुरा बासड़ी छोड़ा गया, लेकिन कुछ देर बात उन्हें अमरसर पीएचसी में भर्ती करवाया गया था।
इसके बाद से मंजू का कुछ पता नहीं चल रहा था, उनके परिवार वालों ने पुलिस पर मंजू को गायब करने के आरोप लगाए थे। इसी बीच रविवार को मंजू जाट का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें वह बीमार दिख रही हैं, पत्रकारों के सवाल पर वह बोलने की कोशिश करती हैं, लेकिन कुछ भी बोल नहीं बोल पा रही हैं। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि ये वीडियो कहां का है। मंजू का ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
शहीद रोहिताश्व लांबा की पत्नी मंजू जाट को पुलिस ने इतना मारा है कि बोल भी नहीं पा रही। इतनी प्रताड़ना तो अंग्रेज भी नहीं देते थे। मुख्यमंत्री @ashokgehlot51 जी आपको वीरांगनाओं की मांगें नहीं माननी हैं तो मत मानिए, लेकिन आपकी पुलिस को इन पर अत्याचार करने का अधिकार किसने दिया? pic.twitter.com/oLU7i6DuCD
— Dr.Kirodi Lal Meena (@DrKirodilalBJP) March 12, 2023