52 घाटों से सजी पवित्र झील और ब्रह्मा जी के मंदिर के लिए पुष्कर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। सैंकड़ों मंदिरों की घंटियां शाम के समय यहां एक साथ बजती हैं तो शहर का पवित्र वातावरण गुंजायमान हो उठता है। धार्मिक नगरी के नाम से पहचान रखने वाला पुष्कर गुलाब के फूलों, गुलाब के इत्र की महक के साथ गुलकंद का स्वाद भी पूरे विश्व के लोगों तक पहुंचाता है।
यहां से सबसे ज्यादा गुलाब के फूल अरब देशों में भेजे जाते हैं। इसके अलावा भी पुष्कर की कई ऐसी खासियत हैं जो आपको जाननी चाहिए। आज हम आपको यहां के 10 प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में बताएंगे, आइए जानते हैं...
पुष्कर सरोवर
तीर्थराज के नाम से प्रसिद्ध पुष्कर सरोवर को सभी तीर्थस्थलों का राजा कहा जाता हैं। ऐसी मान्यता है कि इस सरोवर में डुबकी लगाने पर तीर्थयात्रा संपन्न हो जाती है। अर्द्ध गोलाकार रूप में लगभग 10 मीटर गहरी यह झील 500 से अधिक मंदिरों और 52 घाटों से घिरी हुई है।
ब्रह्मा मंदिर
पूरे विश्व का एक मात्र ब्रह्मा मंदिर पुष्कर में स्थित है। संगमरमर से बना यह मंदिर चांदी के सिक्कों से जड़ा हुआ है। यहां ब्रह्मा जी की चतुर्मुखी प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित है। इसी मंदिर में सूर्य भगवान की संगमरमर की मूर्ति भी है जो एक प्रहरी की तरह खड़ी है। इस मूर्ति खासियत यह है कि भगवान सूर्य जूते पहने हुए हैं।
गुरुद्वारा सिंह सभा
गुरुद्वारा सिंह सभा पुष्कर के पूर्वी भाग में स्थित है। इसे 19वीं सदी की शुरूआत में पहले और दसवें गुरु श्री गुरु नानक देव जी और श्री गुरु गोविंद सिंह जी की यात्रा की स्मृति में बनाया गया था।
वराह मंदिर
12वीं शताब्दी के राजा अन्नाजी चौहान ने भगवान विष्णु के तीसरे अवतार वराह को समर्पित कर यह मंदिर बनवाया था। एक पौराणिक कथा के अनुसार एक राक्षस (हिरण्याक्ष) धरती को जल की गहराई में ले गया था। जहां से वराह ने उसे बचाया था।