स्टार्टअप से भारत के साथ ही मध्य प्रदेश की भी तस्वीर बदल रही है। नए बिजनेस आइडियाज और उनको धरातल पर उतारकर कुछ कर दिखाने के युवाओं के जुनून को मध्य प्रदेश सरकार की स्टार्ट-अप नीति बड़ा साहस दे रही है। प्रदेश की स्टार्ट-अप नीति ने कई लोगों के इनोवेटिव आइडिया और नवाचारों के सपनों में उम्मीदों का रंग भरा है। युवा नए-नए प्रयोग कर प्रदेश को नई पहचान दिला रहे हैं। प्रदेश सरकार की नीतियों से जहां स्टार्टअप को हिम्मत और हौसला मिला तो, वहीं एक स्टार्टअप की दुनिया में एक कंपनी ऐसी भी उभरी जिसने दूसरी कंपनियों को बीमा का सुरक्षा कवच दिया। आज मोबाइल से लेकर मानव तक और कार से लेकर कारखाने तक लगभग सभी क्षेत्र इन्शोरेंस के सुरक्षा कवच के दायरे में आने लगे हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी सोच ने किसान की फसल को भी सुरक्षा चक्र दिया है। ऐसे में नई शुरुआत करने वाले उद्यमियों के व्यापार को बीमा का सुरक्षा कवच देकर उन्हें निर्भयता के साथ अपने सपने पूरा करने में मदद कर रही है बीमाकवच प्राइवेट लिमिटेड कंपनी।
मध्य प्रदेश की स्टार्टअप पॉलिसी के तहत इंदौर के रहने वाले राजेन्द्र जैन और तेजस ने अपनी कंपनी बीमाकवच की शुरुआत की। राजेन्द्र कंपनी के सीओओ हैं और तेजस कंपनी के संस्थापक और सीईओ हैं। इन्शोरेंस सेक्टर में 40 साल से अधिक का अनुभव रखने वाले राजेन्द्र जैन नए बिजनेसमेन चिंताओं और कंपनी के लिए बीमा की आवश्यकताओं दोनों को बड़ी ही बारीकी से समझते हैं। उम्र के साथ आये इस अनुभव ने राजेन्द्र जैन को एक ऐसे स्टार्टअप का आइडिया दिया, जो नए स्टार्टअप को बीमा का सुरक्षा कवच दे सके। आज बीमा कंपनियों की कमी नहीं है लेकिन बीमाकवच के बारे में बात करना इसलिए जरूरी हो जाता है क्योंकि यह अपने तरह का पहला डिजिटल बिजनेस इन्शोरेंस प्लेटफॉर्म है जो स्टार्टअप, एमएसमई और नई टेक्नोलॉजी कंपनियों को बीमा की सुरक्षा प्रदान करता है।
डिजिटल माध्यम से बीमा कराने की सुविधा
15 जून 2021 को शुरू हुई बीमाकवच की सबसे खास बात यह है कि यहां डिजिटल माध्यम से आसानी और पारदर्शिता के साथ बीमा कराया जा सकता है। बीमाकवच ने व्यापार बीमा के लिए भारत का पहला पोर्टल बनाया और एसएमई कंपनियों को अप्रत्याशित जोखिम से सुरक्षा देने में मदद की। बीमाकवच महज 8 -10 महीनों में ही 250 से ज्यादा ग्राहकों के बिजनेस को बीमा का सुरक्षा कवच दे चुका है, इतना ही नहीं अब तक 5 करोड़ रुपये से ज्यादा का क्लेम भी सैटल किया जा चुका है। वर्तमान में कंपनी 12 लोगों को रोजगार भी दे रही है। बीमाकवच कंपनी की कार्यशैली, आइडिया और इनोवेशन का ही नतीजा है कि इतने कम समय में कंपनी बेहतर प्रदर्शन कर रही है। प्रदेश सरकार के प्रोत्साहन और सहयोग से ऐसी कंपनियां यूनिकॉर्न स्टार्टअप का दर्जा प्राप्त करने का दमखम रखती हैं।
तीन साल में 5 हजार कंपनियों को बीमकवच देने का लक्ष्य
भारत में सामान्य बीमा क्षेत्र हर साल 12 से 15 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है, जबकि बीमाकवच का दायरा हर तिमाही लगभग 50 प्रतिशत बढ़ रहा है। बीमाकवच के सीओओ राजेन्द्र जैन का कहना है कि 'यह मेरा दूसरा स्टार्टअप है। इससे पहले मैं द ग्लू अफेयर नाम से एक फैशन और लाइफस्टाइल ब्रांड चलाता था। यह 2014 में शुरू हुआ था, और यह सफल नहीं रहा । हमें इसे कुछ वर्षों में बंद करना पड़ा, लेकिन एक असफलता के बाद भी, मैं प्रतिबद्ध था कि मुझे उद्यमी बनना है लोगों की वास्तविक समस्या को हल करके उनके जीवन को छूना चाहता था। बीमा कवच जल्द ही डिजिटल इंश्योरेंस सेक्टर की प्रमुख कंपनी बनेगी और देश के छोटे और मध्यम व्यवसायों की मदद करेगी। हम वर्तमान में 250 से अधिक एसएमई और स्टार्टअप के साथ काम कर रहे हैं और आने वाले 3 वर्षों में हमारा लक्ष्य पूरे भारत में 5 हजार कंपनियों के साथ काम करना है।'