इन दिनों 'द कश्मीर फाईल्स' चर्चा में है। दरअसल, 22 नवंबर को 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में ज्यूरी हेड और इस्राइल के फिल्मकार नादव लापिड ने कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को सबके सामने उजागर करने वाली फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को भद्दी और प्रोपेगेंडा फैलाने वाली बता दिया था। अब इस पर नई बहस छिड़ गई है। वहीं आईएफएफआई के दूसरे ज्यूरी मेंबर सुदीप्तो सेन ने नादव लापिड के बयान से किनारा कर लिया है। उन्होंने नादव के बयान को उनकी निजी राय बताया है। इस खबर में हम आपको बताने वाले है कि गोवा फिल्म फेस्टिवल के आखिरी दिन अपने बयान से हंगामा खड़ा कर देने वाले नदाव लापिड के बयान को चुनौती देने वाले सुदीप्तो सेन कौन हैं?
शॉर्ट फिल्म और डॉक्यूमेंट्री
सुदीप्तो सेन 'आसमा', 'गुरुजी: अहेड ऑफ टाइम', 'लखनऊ टाइम्स', 'द लास्ट मोंक' जैसी फिल्में भी डायरेक्ट कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने गुरुजना फिल्म का भी निर्देशन किया है। सुदीप्तो सेन अपनी दमदार डॉक्यूमेंट्री के लिए जाने जाते हैं। सुदीप्तो सेन अक्सर सच्ची घटनाओं पर आधारित डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म और फिल्मों का निर्देशन करते हैं।
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लापिड के बयान पर क्या बोले सुदीप्तो
दरअसल, नादव लापिड के 'द कश्मीर फाइल्स' पर की गई टिप्पणी से सुदीप्तो सेन ने यह कहते हुए दूरी बना ली कि नादव द्वारा दिए गए विचार उनकी अपनी निजी राय है। सुदीप्तो सेन ने बोर्ड की तरफ से बयान जारी करते हुए ट्वीट किया था। सुदीप्तो सेन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, '53वें आईएफएफआई के समापन समारोह के मंच से ज्यूरी के अध्यक्ष नादव लापिड द्वारा फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' के बारे में जो कुछ भी कहा गया है, वह पूरी तरह से उनकी निजी राय थी। ज्यूरी बोर्ड ने आधिकारिक तौर पर कभी भी अपनी पसंद या नापसंद के बारे में कुछ नहीं कहा है।'
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