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Delhi Zoo: छह लाख का करके दान जंगल के राजा को बनाएं 'संतान', पाल सकते हैं भेड़िये से लेकर लकड़बग्घा तक

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Vikas Kumar Updated Fri, 30 Sep 2022 10:50 PM IST
People will adopt wildlife of Delhi Zoo members can be made for a maximum of six lakhs and a minimum of Rs 700
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दिल्ली में अब आप छह लाख रुपये का दान कर जंगल के राजा को अपनी संतान बना सकते हैं। इसके लिए दिल्ली चिड़ियाघर ने वन्यजीवों को गोद लेने की योजना को शुरू किया है। योजना के तहत चिड़ियाघर के अन्य वन्यजीवों को भी अलग-अलग दर के हिसाब से भुगतान कर एक या दो साल के लिए गोद लिया जा सकेगा। इसका उ्ददेश्य वन्यजीवों के संरक्षण में लोगों की भागीदारी को बढ़ाना है।
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दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक धर्मदेव राय ने कहा कि कई लोग वन्यजीवों के सरंक्षण के भागीदार बनने चाहते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें अवसर नहीं मिलता है। ऐसे में दिल्ली चिड़ियाघर के इतिहास में इस तरह की यह पहली योजना शुरू की जा रही है। चिड़ियाघर में गोद लेने के लिए सबसे अधिक रकम छह लाख रुपये एशियाई सिंह, सफेद बाघ, बंगाल बाघ, गेंडा, हाथी व बिलाव का है। वहीं, सबसे कम दाम 700 रुपये जेब्रा फिंच के लिए है। इसके तहत गोद लेने के इच्छुक लोग चिड़ियाघर के ट्वीटर हैंडल से फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं या चिड़ियाघर परिसर से भी इसका फॉर्म ले सकते हैं। शुल्क का भुगतान चेक, डिमांड ड्राफ्ट, क्रेडिट या डेबिट कार्ड से किया जा सकता है। 
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वहीं, सदस्यता का नवीनीकरण क्रेडिट या डेबिट कार्ड के माध्यम से स्वत: हो जाएगा। ई-मेल के माध्यम से भी नवीनीकरण किया जा सकता है। इसके लिए भागीदार को एक कार्ड दिया जाएगा। यदि कार्ड खो जाता है तो 500 रुपये का भुगतान कर नया कार्ड लिया जा सकता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि भागीदारी के लिए अधिकतम सदस्यता दो साल तक रह सकती है। हालांकि, इस बीच भागीदार सदस्यता को वापस ले सकेगा, लेकिन चिड़ियाघर शुल्क वापस नहीं करेगा। गौरतलब है कि दिल्ली चिड़ियाघर में 92 प्रजातियों के 1100 वन्यजीव हैं। यहां प्रमुख तौर पर लोग सफेद व बंगाल बाघ, सिंह, तेंदुआ, मगरमच्छ व विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों को देखने के लिए पहुंचते हैं। 
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सदस्यता लेने पर यह मिलेगा लाभ
-चिड़ियाघर में वन्यजीवों को गोद लेने के लिए कोई भी व्यक्ति, संस्था, कंपनी या शैक्षणिक संस्थान आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें एक पहचान पत्र दिया जाएगा। 
-कार्ड में एक अतिरिक्त शख्स व 12 साल से कम उम्र के बच्चों के दो बच्चों को किया जा सकता है शामिल। महीने में कार्यदिवस पर किसी भी एक दिन निशुल्क चिड़ियाघर घूमने की मिलेगी सुविधा।
-सदस्यता का समय पूरा होने पर चिड़ियाघर की ओर से भागीदारों को एक प्रमाण पत्र भी सौंपा जाएगा। 
-चिड़ियाघर में होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने का मिलेगा मौका।
-गोद लिए गए जानवर के बाड़े के बाहर लिखा होगा गोद लेने वाले शख्स, संस्था या कंपनी का नाम।
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चिड़ियाघर के प्रमुख वन्यजीवों को गोद लेने का वार्षिक दाम
एशियाई सिंह, बाघ, गेंडा, हाथी व सियार
सालाना 3,60,000

तेंदुआ
सालाना 2,25000

भारतीय गौर
सालाना एक लाख 80 हजार

भेड़िया
एक लाख 20 हजार

इंडियन जैकाल
2,40,000

धारीदार लकड़बग्घा
तीन लाख रुपये
 
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