आजादी के बाद नरेंद्र मोदी भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं, जो अपने कार्यकाल में चार बार केदारनाथ आए हों। बीते दो वर्षों में पीएम मोदी तीन बार केदार धाम पहुंच चुके हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ही दो बार केदार बाबा के दर्शन को पहुंचीं थीं।
भगवान आशुतोष के 12 ज्योतिर्लिंगों में ग्यारहवें केदारनाथ धाम के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगाध आस्था है। अस्सी के दशक में उन्होंने डेढ़ माह तक केदारपुरी में मंदाकिनी नदी के बायीं ओर स्थित गरुड़चट्टी में साधना की थी। तब वे हर रोज बाबा के दर्शनों के लिए केदारनाथ मंदिर में पहुंचते थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली बार 3 मई 2017 को केदारनाथ पहुंचे।
उन्होंने बाबा के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। तब जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने गरुड़चट्टी में बिताए दिनों को भी याद किया था। इसके बाद प्रधानमंत्री 20 अक्टूबर 2017 को पुन: धाम पहुंचे। वहीं सात नवंबर 2018 को दिवाली के मौके पर आए थे। उन्होंने केदारनाथ पुनर्निर्माण के लिए 700 करोड़ रुपये की पांच बड़ी परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इसके तहत मंदिर परिसर व मंदिर मार्ग के विस्तार के साथ ही आस्था पथ और गोल चबूतरे का निर्माण हो चुका है। सरस्वती नदी किनारे आस्था पथ बन रहा है।
मंदिर के पीछे आदिगुरु शंकराचार्य के समाधि स्थल का पुनर्निर्माण होना है। प्रधानमंत्री ने इस धार्मिक स्थल को दिव्य व भव्य बनाने की बात कही थी, साथ ही गरुड़चट्टी को विकसित कर केदारनाथ मंदिर से लिंक करने को कहा था। पिछले वर्ष सात नवंबर को प्रधानमंत्री ने केदारनाथ पहुंचकर पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया था।
अब, वे पुन: 18 मई को धाम पहुंच रहे हैं। केदारनाथ के वयोवृद्ध तीर्थ पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती बताते हैं कि आजादी के बाद अस्सी के दशक से राजनेताओं का केदारनाथ आने का सिलसिला शुरू हुआ था। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी दो बार धाम पहुंचीं। पहली बार वे अकेली आईं थीं, जबकि दूसरी बार में उनके साथ सोनिया गांधी और अमिताभ बच्चन भी आए थे।