हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अब समय आ गया है कि आंदोलन कर रहे किसान हमारे ही लोग हैं, उनको समझाया जाएगा। हम किसी का नुकसान नहीं चाहते लेकिन किसान आंदोलन का रास्ता निकलेगा। सरकार की तरफ से बातचीत जारी है। हमने भी आह्वान किया है। कुछ किसान नेता इसके लिए तैयार भी हैं। सुप्रीम कोर्ट में भी मामला चल रहा है। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली बॉर्डर के रास्ते खोलने को लेकर उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है, वह किसानों से लगातार बात कर रही है। उम्मीद है कि जल्द रास्ते खोलने पर सहमति बनेगी। जहां तीन कृषि कानून का मामला है तो ये हरियाणा का नहीं केंद्र का मामला है लेकिन फिर भी कुछ लोग आंदोलन कर रहे हैं। इससे दिल्ली के साथ लगते गांवों और उद्योगों को भारी नुकसान हुआ है।
भाकियू नेता राकेश टिकैत ने 26 नवंबर को दिल्ली में पक्के तंबू लगाने और गुरनाम चढूनी ने पीएम के घर दिवाली मनाएंगे के जवाब में मनोहर लाल ने कहा कि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात कहने का हक सभी को है। सीएम ने कहा कि हर साल 26 नवंबर आता है, इस बार भी आएगा और तिथियां तो आती जाती रहती हैं।
एसवाईएल को राजनीतिक विषय न बनाएं
एसवाईएल को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि एसवाईएल को पंजाब और हरियाणा में राजनीतिक विषय न बनाएं। पिछले 12 साल से यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा था। हमारी सरकार ने इस पर काम किया और सुप्रीम कोर्ट ने माना कि पानी पर हरियाणा का हक है। अब एसवाईएल के टुकड़े बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवार्ड घोषित किया जाना है, इसके बाद हरियाणा को पानी मिलना शुरू हो जाएगा। हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूर्ण भरोसा है।
गंदगी से बदबू आएगी
मनोहर लाल ने कहा कि गंदगी से तो बदबू आएगी है। हमने समस्याओं को कालीन के नीचे छुपाया नहीं, बल्कि उनका समाधान करने का प्रयास किया। सात साल में कठिन दौर भी आए। इनमें बाबा रामपाल, बाबा गुरमीत सिंह प्रकरण, जाट आरक्षण आंदोलन, किसान आंदोलन समेत कोविड संकट शामिल है लेकिन सरकार ने लोगों की बेहतरी के लिए कार्य किया।
उधर, किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे धरनों पर अब किसानों की संख्या फिर से बढ़ाई जाएगी। उन्होंने हर ब्लॉक से कम से कम 100 किसानों को कुंडली बॉर्डर पर रोजाना मौजूद रहने का निर्देश दिया और कहा कि प्रदेश के किसान संगठनों की एक बैठक सात नवंबर को जींद में होगी। चढूनी ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में 26 नवंबर को दिल्ली कूच करने व पीएम आवास और संसद का घेराव करने का प्रस्ताव रखेंगे।