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Agni Panchak: शुरू होने वाला है अग्नि पंचक, गलती से भी न करें ये कार्य, जिंदगी भर भोगना पड़ सकता है कष्ट!

ज्योतिष डेस्क, अमरउजाला, नई दिल्ली Published by: श्वेता सिंह Updated Sat, 26 Nov 2022 12:04 PM IST
29 नवंबर से अग्नि पंचक शुरू
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Agni Panchak Start Date: पंचक को हिन्दू पंचांग में एक ऐसा नक्षत्र कहा गया है जिसमें शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। हिन्दू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है और पंचक को अशुभ नक्षत्रों का योग माना जाता है। नक्षत्रों के संयोग से बनने वाले विशेष योग को पंचक कहते हैं। जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में रहता है तो उस समय को पंचक कहते हैं। जब चंद्रमा इन पांच राशियों पर गोचर करता है, पांच नक्षत्र घृष्ठ, शतभिषा, पूर्व भाद्रपद, उत्तर भाद्रपद और रेवती हैं, तो उस अवधि को पंचक कहा जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार पंचक पांच प्रकार के होते हैं, जिनमें से प्रत्येक वार (दिनों) पर आधारित होता है। जैसे  शनिवार  के दिन शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक , रविवार के दिन शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक, सोमवार के दिन शुरू होने वाला पंचक राज पंचक, मंगलवार के दिन शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक और शुक्रवार के दिन शुरू होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है। प्राचीन ज्योतिष में आमतौर पर यह माना जाता है कि पंचक में कुछ कार्य नहीं किए जाते हैं। आइए जानते हैं कब से शुरू हो रहा है अग्नि पंचक और इन दिनों किन कामों को नहीं करना चाहिए। 

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29 नवंबर से अग्नि पंचक शुरू
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अग्नि पंचक क्या है?
अग्नि पंचक- मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है। इन पांच दिनों में आपको कोर्ट कचहरी और कानूनी मामलों में अनुकूल परिणाम मिलेंगे। इस पंचक में निर्माण कार्य, औजार और मशीनरी का काम शुरू करना अशुभ माना जाता है।
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अग्नि पंचक कब से हो रहा है शुरू?
अग्नि पंचक आरंभ: 29 नवंबर, मंगलवार से 
अग्नि पंचक समाप्त: 4 दिसंबर, रविवार को 
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अग्नि पंचक के दौरान न करें ये काम
  • यदि इस दौरान किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उनका अंतिम संस्कार पुजारी की सलाह लेने के बाद ही करें। धार्मिक मान्यता है कि इस दौरान परिवार में पांच लोगों की मौत होने की आशंका है। इसलिए पुजारी परिवार के अन्य सदस्यों की सुरक्षा के लिए अलग-अलग तरीके से अंतिम संस्कार करते हैं।
  • अग्नि पंचक के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य मान्य नहीं है। 
  • पंचक के दौरान लकड़ी या लकड़ी से संबंधित वस्तुओं की खरीदारी नहीं की जाती है।
  • पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करना अशुभ माना जाता है क्योंकि यह भगवान यमराज (मृत्यु के देवता) की दिशा है।
  • पंचक के दौरान अपने घर की छत का निर्माण या नवीनीकरण न करें।
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अग्नि पंचक से जुड़े उपाय 
  • यदि आप को किसी कार्य के लिए लकड़ी खरीदनी है तो, लकड़ी खरीदने से पहले देवी गायत्री का हवन करें।
  • यदि आप पंचक के दौरान कोई भी निर्माण कार्य कर रहे हैं और उसे बीच में नहीं छोड़ सकते तो पहले श्रमिकों के बीच मिठाई बांटें।
  • यदि किसी कारणवश आपको दक्षिण दिशा की यात्रा करनी पड़े तो यात्रा प्रारंभ करने से पहले हनुमान जी को फल अर्पित करें और हनुमान जी की वंदना करें। 
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