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मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में पूरे जोश और उत्साह के साथ मकर संक्रांति का पर्व मनाया गया। यहां आज के दिन कनकेश्वरी गार्डन में एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय शामिल हुए। विजयवर्गीय ने यहां लोगों के साथ पतंग उड़ाई और गिल्ली डंडा भी खेला। भाजपा नेता यहां से केसरबाग रोड स्थित देवी अहिल्या माता गोशाला पहुंचे, जहां उन्होंने गायों का पूजन किया। उन्हें घास और अन्न खिलाया।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव मकर संक्रांति पर अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन किए गए सभी अच्छे कार्य कई गुना फल देते हैं। यही वजह है कि लोग इस दिन दान, पुण्य और देवताओं की आराधना करते हैं। देश के अलग-अलग भागों में इस पर्व को विभिन्न नामों से जाना जाता है। कहीं पर इसे लोग पोंगल कहते हैं तो कहीं पर उत्तरायण या किचड़ी भी कहा जाता है। मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने, व्रत रखने व कथा सुनने की भी प्रथा है।
बात करें मध्य प्रदेश के शहर इंदौर की तो मकर संक्राति के पर्व पर यहां के लोगों ने सुबह से मंदिरों में दर्शन-पूजन किया। इस दिन खजराना गणेश मंदिर में भगवान गणेश का विशेष श्रृंगार भी हुआ। भगवान के दर्शन के लिए मंदिरों मे सुबह से ही लोगों की लंबी लाइन लगी रही। इसके अलावा तिल-गुड़ व अन्य सामग्री का दान-पुण्य किया गया।
मकर संक्राति पर पतंगबाजी भी की जाती है। इंदौर में भी लोगों ने खूब पतंग उड़ाई। सबसे ज्यादा पतंगबाजी मल्हारगंज, कैलाश मार्ग, अन्नपूर्णा, परदेशीपुरा, कालानी नगर की गई। इस दिन क्या छोटा और क्या बड़ा, हर आयु वर्ग के लोग सुबह से ही अपने-अपने छतों पर पहुंच गए और रंग-बिरंगी पतंगों से आसमान को ढक दिया। इस दौरान इंदौर वासियों ने जमकर पेंच लड़ाई। इसमें महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं। इसके अलावा कई बच्चे व युवा गिल्ली-डंडा खेलने के लिए खुले मैदान में पहुंच गए।
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में पूरे जोश और उत्साह के साथ मकर संक्रांति का पर्व मनाया गया। यहां आज के दिन कनकेश्वरी गार्डन में एक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय शामिल हुए। विजयवर्गीय ने यहां लोगों के साथ पतंग उड़ाई और गिल्ली डंडा भी खेला। भाजपा नेता यहां से केसरबाग रोड स्थित देवी अहिल्या माता गोशाला पहुंचे, जहां उन्होंने गायों का पूजन किया। उन्हें घास और अन्न खिलाया।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव मकर संक्रांति पर अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन किए गए सभी अच्छे कार्य कई गुना फल देते हैं। यही वजह है कि लोग इस दिन दान, पुण्य और देवताओं की आराधना करते हैं। देश के अलग-अलग भागों में इस पर्व को विभिन्न नामों से जाना जाता है। कहीं पर इसे लोग पोंगल कहते हैं तो कहीं पर उत्तरायण या किचड़ी भी कहा जाता है। मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने, व्रत रखने व कथा सुनने की भी प्रथा है।
बात करें मध्य प्रदेश के शहर इंदौर की तो मकर संक्राति के पर्व पर यहां के लोगों ने सुबह से मंदिरों में दर्शन-पूजन किया। इस दिन खजराना गणेश मंदिर में भगवान गणेश का विशेष श्रृंगार भी हुआ। भगवान के दर्शन के लिए मंदिरों मे सुबह से ही लोगों की लंबी लाइन लगी रही। इसके अलावा तिल-गुड़ व अन्य सामग्री का दान-पुण्य किया गया।
मकर संक्राति पर पतंगबाजी भी की जाती है। इंदौर में भी लोगों ने खूब पतंग उड़ाई। सबसे ज्यादा पतंगबाजी मल्हारगंज, कैलाश मार्ग, अन्नपूर्णा, परदेशीपुरा, कालानी नगर की गई। इस दिन क्या छोटा और क्या बड़ा, हर आयु वर्ग के लोग सुबह से ही अपने-अपने छतों पर पहुंच गए और रंग-बिरंगी पतंगों से आसमान को ढक दिया। इस दौरान इंदौर वासियों ने जमकर पेंच लड़ाई। इसमें महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं। इसके अलावा कई बच्चे व युवा गिल्ली-डंडा खेलने के लिए खुले मैदान में पहुंच गए।