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साल के अंत में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी ने महिलाओं के बीच पैठ बनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। मध्य प्रदेश में जहां लाडली बहन योजना शुरू की गई है। जबकि छत्तीसगढ़ में भाजपा ने रायपुर से लेकर बस्तर तक की आदिवासी महिलाओं तक पहुंचने के लिए रणनीति तय की है। दोनों राज्यों में आधी आबादी को साधने के लिए पार्टी दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के नाम का सहारा ले रही है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा महिला मोर्चा `सुषमा स्वराज अवार्ड' लांच करेगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा के सहारे भाजपा महिलाओं तक पहुंचेगी और उनके नाम से विशेष पुरस्कार की शुरुआत करेगी। दोनों ही राज्यों में पार्टी प्रत्येक जिले की 10-10 अपने क्षेत्र की प्रबुद्ध महिलाओं को इस अवार्ड से सम्मानित करेगी। आत्मनिर्भर बनी महिलाओं से लेकर दूसरों को रोजगार-स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने वाली महिलाओं, सामाजिक सुधार, जन जागृति लाने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाली महिलाओं को इस सम्मान से नवाजा जाएगा।
इस अलावा दोनों राज्यों के भाजपा मोर्चा की टीमें महिलाओं को कमल मित्र सर्टिफिकेट कोर्स और मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से बूथ स्तर पर जोड़ने का काम भी करेगी। दोनों ही राज्यों में भाजपा महिला मोर्चा की टीम 11, 12, 13 और 14 मार्च को महिलाओं को सम्मानित करेगी। अमर उजाला से चर्चा में मध्यप्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष माया नारोलिया ने कहा कि भाजपा 11 से 14 मार्च तक महिलाओं को सुषमा स्वराज अवार्ड से सम्मानित करेगी। हर जिले की 10 चुनिंदा महिलाओं को यह अवार्ड दिया जाएगा। कला, विज्ञान, खेल, उद्यमिता, पर्यावरण, आर्थिक, जैविक खेती और सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को यह दिया जाएगा।
सुषमा स्वराज के नाम पर क्या हैं अवार्ड के मायने?
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा दोनों ही राज्यों में सत्ता में लौटने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। पार्टी की प्राथमिकता में महिला मतदाता हैं। पार्टी का मानना है कि यह अभियान प्रदेश की उन महिलाओं तक पहुंचेगा जो कहीं न कहीं समाज में ओपेनियन मेकर्स के रूप में काम कर रही हैं। साथ ही वह समाज को नई दशा-दिशा देने में अहम भूमिका निभा रही हैं। भाजपा की दिवंगत नेत्री सुषमा स्वराज के नाम पर अभियान चलाने से महिलाएं इस अभियान से बढ़-चढ़कर जुड़ेंगी, क्योंकि सुषमा स्वराज की छवि एक आदर्श महिला नेत्री की रही है।