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मानवता शर्मसार: आदिवासी युवती का शव ले जाने नहीं मिली एंबुलेंस, गुहार लगाकर हारे परिजन खाट पर ले गए लाश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिंगरौली Published by: अंकिता विश्वकर्मा Updated Fri, 17 Mar 2023 12:49 PM IST
सार

युवती के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस कि मांग की, लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा शव ले जाने के लिए एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया गया, जिसके बाद परिजन खाट पर शव रखकर 10 किमी दूर पहुंचे।

Ambulance not found to carry dead body of tribal woman in Singrauli,  relatives took the dead body to the cot
(सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

सिंगरौली में एक बार फिर बार संवेदनाएं तार-तार हो गई है, जहां स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। मौत के बाद आदिवासी युवती के शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुई। ऐसे में थक हारकर परिजन खाट पर पैदल 10 किलोमीटर दूर तक शव ले गए। इसके बाद समाजसेवी प्रेम भाटी सिंह ने मानवता दिखाते हुये अपने निजी वाहन से शव को घर तक पहुंचाया।


दरअसल, सीधी जिले के भूमिमाड थाना क्षेत्र के केसलार गांव के आदिवासी परिवार की युवती शांति सिंह की तबीयत खराब हो गई थी, जहां परिजन उसे सिंगरौली जिले के सरई थाना क्षेत्र के सरई सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए थे। इलाज कराने के बाद युवती के परिजन उसके नाना के यहां ले गये। गुरुवार की सुबह युवती की तबियत अचानक फिर से खराब हो गयी, कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।




वहीं, मौत के बाद युवती के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस कि मांग की, लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा शव ले जाने के लिए एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया गया, जिसके बाद कई बार सरई थाना प्रभारी से शव वाहन के लिए परिजनों ने संपर्क किया, थाना प्रभारी ने आश्वासन दिया लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी शव वाहन की व्यवस्था नहीं करा सके। गरीब आदिवासी परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह प्राइवेट वाहन कर शव को ले जा सकें। आखिर थक हारकर मृतका शांति सिंह  के परिजनों ने खाट पर पैदल शव को घर ले जाने लगे।

एंबुलेंस नहीं मिलने पर शांति सिंह के शव को उसके परिजन खाट पर  लादकर ले जा रहे थे। 10 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके थे, इसी बीच समाजसेवी प्रेम भाटी सिंह की नजर पड़ी तो, उन्होंने शव को खाट पर ले जाने की घटना की पूरी जानकारी ली, इसके बाद अपने निजी वाहन से शव को घर तक पहुंचाया। 

इससे पहले भी घट चुकी हैं घटनाएं
बता दें, सिंगरौली जिले में यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं घटित हो चुकी हैं। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग ने किसी तरह की सुध नहीं ली और न ही प्रशासन ने इस और ध्यान दिया।
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इस पूरे मामले में सरई थाना प्रभारी नेहरू खंडाते ने बताया कि युवती शांति सिंह अस्पताल में इलाज के लिए आई थी, इलाज कराने के बाद वह अपने नाना के यहां रुक गई। गुरुवार सुबह उसकी अचानक मौत हो गई, शव वाहन के लिए परिजनों ने सम्पर्क किया था, लेकिन शव वाहन की व्यवस्था न होने की वजह से उपलब्ध नहीं करा सके।
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