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नगर निकाय चुनाव में सीटों के आरक्षण को लेकर तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले सीटों के आरक्षण को लेकर अधिकारियों ने मंथन शुरू कर दिया है। जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है। नगर निगमों में महापौर और नगर पालिका परिषदो और नगर पंचायतों में अध्यक्ष के सीटों का आरक्षण चक्रानुक्रम के आधार पर होना है, इसलिए माना जा रहा है लखनऊ, गाजियाबाद और कानपुर नगर निगम में महापौर की सीट सामान्य के पक्ष में यानी अनारक्षित हो सकती है। पिछले चुनाव में ये तीनों सीटें महिला के लिए आरक्षित थीं।
बता दें कि दिसंबर के पहले या दूसरे सप्ताह में ही नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने की संभावना है। इसलिए नगर विकास विभाग सीटों के आरक्षण को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। फिलहाल नगर निगमों में महापौर की सीट को लेकर मंथन चल रहा है। तय फार्मूले के मुताबिक चक्रानुक्रम आधार पर सीटों का आरक्षण किया जाना है, इसलिए माना जा रहा है कि पिछले चुनाव में हुए आरक्षण में बदलाव हो सकते हैं।
चक्रानुक्रम आरक्षण फार्मूले के मुताबिक सबसे पहले कोई भी सीट पहले महिला एससी के लिए आरक्षित होती है। इसके बाद चरणवार एससी, ओबीसी महिला, ओबीसी, महिला और इसके बाद अनारक्षित वर्ग में सीटें रखी जाती हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में लखनऊ, कानपुर व गाजियाबाद की सीटें महिला के लिए आरक्षित थीं। इसीलिए माना जा रहा तीनों नगर निगमों की सीटें इस बार अनारक्षित श्रेणी में जा सकती है।
वहीं, सूत्रों की मानें तो नगर विकास विभाग ने सीटों के आरक्षण का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। सबसे पहले वार्डों का आरक्षण की अधिसूचना जारी होगी और इसके बाद सीटों के आरक्षण की जारी होगी। उच्च स्तर पर जल्द ही इसे प्रस्तुत किया जाएगा। वहां से दिशा-निर्देश मिलने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
नगर निगमों के सीटों के आरक्षण की ये है संभावना
- लखनऊ, कानपुर व गाजियाबाद अनारक्षित
- अयोध्या, अलीगढ़ व झांसी महिला
- शाहजहांपुर नई नगर निगम एससी महिला
- आगरा, प्रयागराज, बरेली, मुरादाबाद एससी महिला
- मेरठ एससी
- सहारनपुर व गोरखपुर महिला
- फिरोजाबाद व वाराणसी ओबीसी
- मथुरा ओबीसी