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UP: यूपी को 5 लाख करोड़ की सड़कें, केंद्रीय मंत्री गडकरी बोले- 15 महीनों में USA के बराबर होगा सड़क नेटवर्क

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: आकाश दुबे Updated Sun, 09 Oct 2022 10:04 AM IST
सार

नितिन गडकरी ने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ लखनऊ में इंडियन रोड कांग्रेस के 81वें अधिवेशन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर गडकरी ने कहा कि भारत को हमें पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है। 2024 से पहले यूपी में सड़कों का नेटवर्क अमेरिका के बराबर होगा। इसके लिए केंद्रीय मंत्रालय पांच लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं देगा।

Union Minister Nitin Gadkari approved road projects worth eight thousand crores for UP in Indian Road Congress
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी। - फोटो : PTI

विस्तार

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वर्ष 2024 से पहले यूपी को पांच लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाएं देने का एलान किया। लखनऊ में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ इंडियन रोड कांग्रेस के 81वें अधिवेशन का उद्घाटन करते हुए गडकरी ने यूपी के लिए 8 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की स्वीकृति भी दे दी। उन्होंने कहा कि 15 माह में यूपी की सड़कों का नेटवर्क अमेरिका के बराबर होगा।



गडकरी ने मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे का जिक्र करते हुए कहा कि पैसों से ज्यादा जरूरी इच्छाशक्ति है। इच्छाशक्ति न होने पर सारी योजनाएं कमेटियों में फंसकर रह जाती हैं। जो शोध जमीन पर न उतर रहा हो, उस रिसर्च पेपर का कोई मतलब नहीं। उन्होंने कहा कि हमें वेस्ट (व्यर्थ) को वेल्थ (धन) में बदलना होगा। निर्माण की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ उसकी कीमत घटानी होगी। सड़क निर्माण में प्लास्टिक समेत सभी तकनीकों का इस्तेमाल करना होगा, ताकि पर्यावरण के लिहाज से भी यह उचित रहे।


चेताया : डीपीआर बनाने में बड़ी खामियां
गडकरी ने कहा कि हर साल देश में 5 लाख सड़क हादसे होते हैं। इनमें 1.5 लाख लोगों की मौत होती हैं। परियोजनाओं की डीपीआर में अभी भी बहुत खामियां हैं। ऑडिट में एक-एक परियोजना में 50-60 तक खामियां निकल रही हैं। इसलिए हर काम में पूर्णता (परफेक्शन) लाने की आवश्यकता है। निर्माण कार्य इस तरह से होने चाहिए कि 25 साल तक मेंटेनेंस पर कोई खर्च ही न हो।

सड़क हादसों में कमी के लिए सीएम योगी ने दिया सुझाव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इंडियन रोड कांग्रेस के उद्घाटन सत्र में सड़क हादसों को लेकर चिंतित दिखे। उन्होंने कहा कि इंजीनियर सड़कों की डिजाइन सुधारने पर ध्यान दें, ताकि हादसों में कमी लाई जा सके। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि यूपी में ढाई साल में सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना से 23,600 मौतें हुईं, जबकि सड़क हादसों में हर वर्ष 20-21 हजार जानें जाती हैं। यह एक बड़ी चुनौती है, जिस पर तकनीक के सफल इस्तेमाल से काबू पाना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि आबादी के लिहाज से सबसे बड़ा राज्य होने के कारण यूपी की चुनौतियां भी बड़ी हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार हर चौथे महीने सड़क सुरक्षा को लेकर बैठक करते हैं। फिर भी इतनी ज्यादा संख्या में हादसे होना चिंता का सबब हैं। घरों व पुलों के निर्माण के लिए हम प्री-फैब्रिकेटेड (पूर्व निर्मित) ढांचों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो सड़कों के मामले में भी इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

यूपी मेडल देने का एलान
सीएम ने कहा कि इंडियन रोड कांग्रेस में तकनीक के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को सम्मानित करने के लिए यूपी मेडल की शुरुआत की जानी चाहिए। यह मेडल प्रदेश सरकार की ओर से दिया जाएगा।

नई तकनीक से कम लागत में बनाएं टिकाऊ सड़कें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंजीनियरों का आह्वान किया कि नई तकनीक से कम लागत में टिकाऊ सड़कों के निर्माण पर विचार करें। सड़क निर्माण की एफडीआर तकनीक को यूपी अधिकाधिक अपना रहा है। इससे लागत में एक-तिहाई की कमी आई है। वे शनिवार को इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) के उद्घाटन सत्र में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि साढ़े पांच साल में डबल इंजन की सरकार ने अंतर्राज्यीय कनेक्टिविटी बढ़ाई है। यूपी में फोरलेन सड़कों का जाल बिछाया है। औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए बेहतर कानून-व्यवस्था के साथ ही विश्वस्तरीय एक्सप्रेसवे की जरूरत है। इसको ध्यान में रखते हुए पांच साल में विश्वस्तरीय बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे बनाए गए हैं। केंद्र सरकार ने भी दिल्ली-मेरठ 12 लेन एक्सप्रेसवे का निर्माण कराया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री के रूप में नितिन गडकरी ने एक मॉडल प्रस्तुत किया। पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे बनाकर 6-8 घंटे का सफर दो घंटे का कर दिया गया।

हर साल एडवाइजरी जारी करे आईआरसी
सीएम ने कहा कि आईआरसी को हर साल सड़कों के बारे में एडवाइजरी जारी करनी चाहिए। इस एडवाइजरी को लागू करना सभी राज्यों के लिए अनिवार्य हो। ताकि कम लागत में बेहतर सड़कें बन सकें और हादसों में कमी आए। उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा के देश में हम तकनीक के लिए पश्चिम की ओर देखें, यह उचित नहीं है।

उन्होंने कहा कि आईआरसी के अधिवेशन से तकनीकी संस्थानों के छात्रों को भी जोड़ा जाए। ताकि वे सैद्धांतिक ज्ञान तक ही सीमित न रहें। उनके लिए नवाचार से युक्त पाठ्यक्रम तैयार हो सके। सीएम ने कहा कि सड़क तकनीक में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किया जाए।

पेट्रोल-डीजल के वाहन चलन से बाहर करने का आह्वान

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि पूरे देश में सड़कों का बेहतर नेटवर्क बना है। सफर का समय काफी घट गया है। ऑटो सेक्टर 7.5 लाख करोड़ रुपये का है और इससे चार करोड़ रोजगार पैदा हो रहे हैं। सबसे ज्यादा जीएसटी इसी सेक्टर से आता है। लेकिन, ईंधन भी 70 लाख करोड़ रुपये का आयात करना पड़ता है। उन्होंने यूपी में इलेक्ट्रिक वाहनों के ज्यादा से ज्यादा प्रयोग पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने आह्वान कि अगले पांच साल में यूपी में पेट्रोल-डीजल के वाहन समाप्त कर दो। इससे कम खर्च में पर्यावरण फ्रेंडली परिवहन उपलब्ध करवाया जा सकता है। पराली से ही काफी एथेनॉल व दूसरी चीजें पैदा हो सकती हैं, जिनका इस्तेमाल निर्माण कार्यों में हो सकता है। कहा कि इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और आयात पर निर्भरता भी कम होगी।

यूपी की इन परियोजनाओं को दी मंजूरी
गडकरी ने कहा कि यूपी में एनच-731 के शाहबाद बाईपास की शुरुआत से लेकर हरदोई बाईपास के अंत तक मौजूदा सड़क के चार लेन में सुधार और उन्नयन को 1212.26 करोड़ रुपये की लागत के साथ स्वीकृति दी गई है। शाहजहांपुर और हरदोई जिलों में एनएच-731 के शाहजहांपुर बाईपास की शुरुआत से शाहबाद बाईपास की शुरुआत तक मौजूदा सड़क केचार लेन में सुधारने और उन्नयन को 947.74 करोड़ रुपये की लागत से साथ स्वीकृति दी गई है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य में एनएच-734 खंड के मुरादाबाद-ठाकुरद्वारा-काशीपुर, मुरादाबाद और काशीपुर बाईपास सहित कनेक्शन के सुधार और उन्नयन कार्या को 2006.82 करोड़ रुपये की लागत के साथ स्वीकृति दी गई है।

पराली से बनाएं एथेनॉल और सीएनजी
गडकरी ने कहा कि देश में पराली से एथेनॉल बनाया जा रहा है। भविष्य में हम इससे बायो सीएनजी बनाने पर भी काम कर रहे हैं। अगर हमारे देश के 117 आकांक्षी जिलों में इस तकनीक पर काम किया जाए तो उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाकर रोजगार के अवसर भी बढ़ाए जा सकते हैं। नेट जीरो के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जो तकनीकी रोडमैप पेश किया जा रहा है, वह ट्रिपल ई-इकोनॉमी, एनवायरमेंट व इकोलॉजी की अवधारणा पर आधारित है।

साढ़े आठ साल में हुए बहुत काम : वीके सिंह

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री वीके सिंह ने कहा कि देश में साढ़े आठ साल में सड़कों का जाल बिछाया गया है। यूपी में हाईवे का इतना अच्छा काम पहले कभी नहीं हुआ। सीएम योगी के नेतृत्व में यूपी लगातार आगे बढ़ रहा है। इंडियन रोड कांग्रेस के चेयरमैन सीपी जोशी ने अधिवेशन की रूपरेखा और योजनाओं को सामने रखा। कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अभियंताओं और विशेषज्ञों को सम्मानित किया गया। आईआरसी की स्मारिका और यूपी पीडब्ल्यूडी की पत्रिका प्रज्ञता का विमोचन भी किया गया।

हर रेलवे फाटक पर बनेगा ओवरब्रिज : जितिन 
प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि यूपी अब इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेट के रूप में पहचाना जाता है। देश में हर दिन 37 किमी नया हाईवे बन रहा है। हर रेलवे फाटक पर ओवरब्रिज भी बनाया जाएगा। उन्होंने इंजीनियरों का आह्वान किया कि गांवों में बेहतर सड़क नेटवर्क उपलब्ध कराने के लिए तकनीक पर ध्यान दें। पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री बृजेश सिंह ने सभी का आभार जताया। इस अवसर पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी नरेंद्र भूषण, एनएचएआई की अध्यक्ष अलका उपाध्याय, क्षेत्रीय अधिकारी एमके जैन व परियोजना निदेशक अमित चित्रांशी, आईआरसी के महासचिव संजय निर्मल भी मौजूद रहे।
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