सचिन त्रिपाठी/केके बाजपेयी, लखनऊ। यूपी बोर्ड की परीक्षा में नौवीं का छात्र दूसरे की जगह 10वीं की परीक्षा देते पकड़े जाने के मामले में शुक्रवार को नया मोड़ आ गया है। छात्र के पिता ने इसे लेकर माल थाने में तहरीर दी है। उनका आरोप है कि सॉल्वर बने छात्र को उसके शिक्षक ने बहकाया था। उस शिक्षक ने 16 हजार रुपये में दूसरे छात्र को पास कराने का ठेका लिया था और उसके स्थान पर नौवीं के छात्र को परीक्षा में बिठाया था। हालांकि, पुलिस अभी भी तहरीर मिलने से इंकार कर रही है।
विकास खंड माल के बीरपुर गांव निवासी धनेश ने बताया कि उनका बेटा बरगदिया स्थित शिवाजी शिक्षा निकेतन में पढ़ता है। हालांकि , कक्षा नौ में उसका पंजीकरण मसीढ़ा स्थित नन्हें सिंह स्मारक इंटर कॉलेज में है। धनेश के भाई ओमप्रकाश ने बताया कि यह बच्चा बसंतपुर गांव निवासी शिक्षक से कोचिंग भी पढ़ता है और उसी के साथ स्कूल जाता था। बृहस्पतिवार को भी पढ़ाई के लिए स्कूल जाने की बात कहकर निकला था। दोपहर में उनको पुलिस से उसके सॉल्वर के रूप में वीरांगना ऊदा देवी राजकीय इंटर कॉलेज से पकड़े जाने की सूचना मिली। बच्चे ने शुक्रवार को बाल सुधार गृह में हुई मुलाकात में बताया कि उसने शिक्षक के बहकावे में आकर परीक्षा देने की बात स्वीकारी थी। ओमप्रकाश के अनुसार इसको लेकर उन्होंने माल थाने में तहरीर दी थी। तहरीर के आधार पर 10वीं के छात्र और आरोपी शिक्षक से पूछतांछ हुई और दोनों ने यह बात कबूल की है। इन दोनों के अनुसार पास कराने का कुल सौदा 16 हजार रुपये में तय हुआ था और 10 हजार रुपये एडवांस भुगतान भी हो चुका था। बाकी रकम अंकपत्र मिलने पर देने की बात हुई थी। शनिवार को फिर से सभी को बुलाया गया है।
आठवीं का टॉपर है सॉल्वर
ओमप्रकाश ने बताया कि उनका भतीजा पढ़ाई में काफी अच्छा है। कक्षा आठ में उसने टॉप किया था। विद्यालय में सिर्फ कक्षा आठ तक की मान्यता है, इसलिए कक्षा नौ में उसका नाम दूसरी जगह लिखवा दिया गया। हालांकि, पढ़ाई के लिए वह अभी भी शिवाजी शिक्षा निकेतन ही जा रहा है।
पुलिस का इनकार
थानाध्यक्ष माल शमीम खान ने बताया कि जो छात्र सॉल्वर के रूप में पकड़ा गया था, उसके खिलाफ तहरीर मिली थी। मुकदमा दर्ज करके उसे कारावास भेजा जा चुका है। फिलहाल, इस मामले में दूसरी कोई तहरीर नहीं मिली है।