सुल्तानपुर। जिले के 532 जर्जर विद्यालयों को जल्द ही ध्वस्त कराया जाएगा। लंबे समय से ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया में लगे बेसिक शिक्षा विभाग को अब कामयाबी मिली है। खंड शिक्षाधिकारियों ने जर्जर भवनों की नीलामी के लिए तिथियां तय की हैं।
जिले के 532 परिषदीय विद्यालयों के भवन वर्षों से जर्जर अवस्था में परिसर में खड़े हैं। ये भवन न सिर्फ ऑपरेशन कायाकल्प में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं, बल्कि नौनिहालों के लिए खतरा भी बने हैं। लंबे समय से बेसिक शिक्षा विभाग इन भवनों के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया में लगा हुआ था। अधिक मूल्यांकन होने की वजह से भवनों की नीलामी पूर्ण नहीं हो पाई थी।
50-50 साल पुराने भवन पांच से 10 लाख रुपये में मूल्यांकित किए गए थे। अधिक मूल्यांकन की वजह से खरीदार नहीं मिल रहे थे। अब पुन: मूल्यांकन होने के बाद नीलामी की प्रक्रिया तेज हो गई है। विकासखंडों से नीलामी की तिथियां तय की गईं हैं। मार्च में ही इन भवनों को नीलाम कर ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। ताकि इन भवनों के स्थान पर नवनिर्माण कराया जा सके।
जिले के 2,064 परिषदीय विद्यालयों में ऑपरेशन कायाकल्प के 19 बिंदुओं पर काम हो रहा है। इसमें टाइल्स लगवाना, प्रसाधनों का निर्माण, हैंडवॉशिंग यूनिट, पेयजल व्यवस्था, दिव्यांग प्रसाधन समेत अन्य काम शामिल हैं। जर्जर भवनों की वजह से काम में बाधा उत्पन्न हो रही थी। ध्वस्तीकरण के बाद ऑपरेशन कायाकल्प का काम कराने में आसानी होगी।
बीएसए दीपिका चतुर्वेदी ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों के जो जर्जर भवन चिह्नित किए गए थे, उनके ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। ध्वस्तीकरण होने के बाद नए सिरे से जर्जर भवन चिह्नित होंगे।