लखनऊ। भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम लखनऊ) चिंता और तनाव के प्रबंधन की भी शुरुआत करेगा। इसके लिए संस्थान में हैप्पीनेस लैब स्थापित होगी। अगले सत्र से संस्थान एमबीए एंटरप्रेन्योरशिप एंड इनोवेशन की शुरुआत भी करेगा। संस्थान के 37वें दीक्षांत समारोह में शनिवार को निदेशक प्रो. अर्चना शुक्ला ने यह जानकारी दी। इसके अलावा कम अवधि के कोर्स भी शुरू किए जाएंगे।
समारोह के मुख्य अतिथि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा और संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के चेयरमैन ए चंद्रशेखरन ने आईआईएम लखनऊ के इतिहास में सबसे बड़े बैच को डिग्री और मेडल प्रदान किए। इस दौरान 834 विद्यार्थियों को डिग्री और नौ मेधावियों को मेडल प्रदान किए गए। ए चंद्रशेखरन ने कहा कि आईआईएम लखनऊ में कम अवधि के कोर्स का संचालन किया जाएगा। इन कोर्स में संस्थान के विद्यार्थियों के साथ ही अपना कारोबार संभाल रहे उद्यमी भी दाखिला ले सकेंगे।
संस्थान की निदेशक प्रो. अर्चना शुक्ला ने कहा कि रेखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस के सहयोग से मानसिक कल्याण को समझने और बढ़ावा देने के लिए एक नया केंद्र बनाया है। इसमें माइंड लैब स्थापित होगी। इसमें तनाव और चिंताओं को समझने के साथ ही व्यवहार संबंधी शोध किए जाएंगे। साथ ही नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ाने के लिए एमबीए एंटरप्रेन्योरशिप एंड इनोवेशन की शुरुआत अगस्त 2023 से हो जाएगी। इसके जरिये संभावित उद्यमियों को कौशल, ज्ञान और जानकारी के साथ ही खुद का उद्यम संचालित करने के गुर सिखाए जाएंगे।
भारत ने बढ़ाए डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की ओर कदम
मुख्य अतिथि दिनेश कुमार खारा ने कहा कि जी-20 के माध्यम से भी देश ने विश्व का ध्यान अपनी ओर खींचा है। यह शताब्दी भारत के नाम होन वाली है। भारत 50 खरब की अर्थव्यवस्था बनने व डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा। अपने स्टार्टअप से वे ऐसा कर सकते हैं। आंकड़ों की बात करें तो प्रति व्यक्ति डाटा उपभोग के मामले में भारत इस समय विश्व में नंबर एक पर है। जबकि शुरुआती दौर में भारत 122वें नंबर पर था। कोविड महामारी के दौरान आरोग्य सेतु एप और भुगतान के डिजिटल माध्यमों के उपयोग में भी देश ने महारत सिद्ध की है। डीबीटी स्कीम के सफल क्रियान्वयन ने भी डिजिटाजेशन को बढ़ावा दिया है।
विद्यार्थियों की उपलब्धियों पर खूब बजी तालियां
समारोह के दौरान आयुष प्रसून को चेयरमैन मेडल, मधुर संजय सुर्वे को डायरेक्टर्स मेडल, मालवीय मिलन हंसमुखभाई को पीजीपी चेयरमैन्स मेडल, मल्ला श्रीकांत को हरशिंकर सिंहानिया मेडल फॉर बेस्ट आल राउंडर, यश शर्मा को एमबीए इन सस्टेनबल मैनेजमेंट में चेयमैन्स गोल्ड मेडल, किरण जीएस को चेयरमैन गोल्ड मेडल फॉर वर्किंग एग्जीक्यूटिव, इंटनेशनल प्रोग्राम इन मैनेजमेंट फॉर एग्जीक्यूटिव्स में नलिन शर्मा को चेयरमैन्स गोल्ड मेडल और अर्जुन अनिल शर्मा को डायरेक्टर्स मेडल और पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन मैनेजमेंट फॉर वर्किंग एग्जीक्यूटिव्स में अभिषेक बनर्जी को चेयरमैन्स गोल्ड मेडल दिया गया। इन्हें पदक मिलने पर खूब तालियां बरसीं। साथ ही डीआर और सिद्धेश पंधारे को मिराए एसेट फाउंडेशन के स्कॉलर के रूप में चुने जाने, मिलन मालवीय और प्रखर अग्रवाल को ओपी जिंदल इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट (ओपीजेईएमएस) छात्रवृत्ति के लिए चुने जाने, नूरप्रीत कौर को रिवॉल्ट छात्रवृत्ति के पहले समूह के पांच विद्वानों में से एक के रूप चुने जाने, माधव एस गोयल और नाज़ीश इस्लाम को आदित्य बिड़ला विद्वान के रूप में चुने जाने, विरल पाठक को हिसाबकारी नाम से एक नया उद्यम शुरू करने के लिए बधाई दी गई।