लोहिया अस्पताल में प्रसव पीड़ा से तड़पती गर्भवती को डॉक्टर ने सिर्फ इसलिए इंतजार करने को कहा क्योंकि आधे घंटे बाद उसकी ड्यूटी खत्म होने वाली थी।
गर्भवती दर्द बर्दाश्त नहीं कर पाई और बेहोश हो गई। ड्यूटी पर दूसरी डॉक्टर आई और जांच की तो पता चला कि गर्भ में शिशु की मौत हो चुकी है। मौत की खबर के बाद से परिवारीजन बदहवास हैं लेकिन अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को इसमें कोई लापरवाही नजर नहीं आती।
मामला शुक्रवार सुबह साढ़े सात बजे का है। बाराबंकी, फतेहपुर निवासी प्रेमप्रकाश की पत्नी रेनू वर्मा (26) को प्रसव पीड़ा के बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल की महिला इमरजेंसी लाया गया।
बहन मंजू ने बताया कि सुबह करीब साढ़े सात बजे इमरजेंसी पहुंचे तो वहां मौजूद डॉक्टर ने कहा, ‘मेरी ड्यूटी बदलने वाली है, आठ बजे दूसरी डॉक्टर आएंगी तब इलाज होगा’।
गर्भवती लेबर रूम में थी। इसी बीच तड़प रही गर्भवती बेहोश हो गई। आठ बजे ड्यूटी पर आई डॉक्टर ने गर्भवती की जांच की तो पता चला कि गर्भस्थ की मौत हो चुकी है।
मामले की जानकारी पहले ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर को दी तो वो मौके से जाने लगी जिससे दोनों के बीच नोंकझोंक हो गई। पति प्रेम प्रकाश और बहन मंजू को मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाना शुरू कर दिया।
मौके पर पहुंचे पैरामेडिकल स्टाफ ने समझा बुझाकर मामला शांत कराया। परिवारीजनों का कहना था कि डॉक्टरों ने समय रहते रेनू का इलाज किया होता तो आज उसकी गोद सूनी नहीं होती।
वहीं डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एमएल भार्गव का कहना है, गर्भवती जब अस्पताल पहुंची थी तो उसके गर्भ में बच्चे का मूवमेंट नहीं था। इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर ने कोई लापरवाही नहीं बरती थी। परिवारीजन शिकायत करेंगे तो मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
लोहिया अस्पताल में प्रसव पीड़ा से तड़पती गर्भवती को डॉक्टर ने सिर्फ इसलिए इंतजार करने को कहा क्योंकि आधे घंटे बाद उसकी ड्यूटी खत्म होने वाली थी।
गर्भवती दर्द बर्दाश्त नहीं कर पाई और बेहोश हो गई। ड्यूटी पर दूसरी डॉक्टर आई और जांच की तो पता चला कि गर्भ में शिशु की मौत हो चुकी है। मौत की खबर के बाद से परिवारीजन बदहवास हैं लेकिन अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को इसमें कोई लापरवाही नजर नहीं आती।
मामला शुक्रवार सुबह साढ़े सात बजे का है। बाराबंकी, फतेहपुर निवासी प्रेमप्रकाश की पत्नी रेनू वर्मा (26) को प्रसव पीड़ा के बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल की महिला इमरजेंसी लाया गया।
बहन मंजू ने बताया कि सुबह करीब साढ़े सात बजे इमरजेंसी पहुंचे तो वहां मौजूद डॉक्टर ने कहा, ‘मेरी ड्यूटी बदलने वाली है, आठ बजे दूसरी डॉक्टर आएंगी तब इलाज होगा’।
पढ़िए, क्या बोले जिम्मेदार
गर्भवती लेबर रूम में थी। इसी बीच तड़प रही गर्भवती बेहोश हो गई। आठ बजे ड्यूटी पर आई डॉक्टर ने गर्भवती की जांच की तो पता चला कि गर्भस्थ की मौत हो चुकी है।
मामले की जानकारी पहले ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर को दी तो वो मौके से जाने लगी जिससे दोनों के बीच नोंकझोंक हो गई। पति प्रेम प्रकाश और बहन मंजू को मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाना शुरू कर दिया।
मौके पर पहुंचे पैरामेडिकल स्टाफ ने समझा बुझाकर मामला शांत कराया। परिवारीजनों का कहना था कि डॉक्टरों ने समय रहते रेनू का इलाज किया होता तो आज उसकी गोद सूनी नहीं होती।
वहीं डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एमएल भार्गव का कहना है, गर्भवती जब अस्पताल पहुंची थी तो उसके गर्भ में बच्चे का मूवमेंट नहीं था। इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर ने कोई लापरवाही नहीं बरती थी। परिवारीजन शिकायत करेंगे तो मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।