8 जुलाई को मारे गए हिजबुल कमांडर बुरहान वानी और उसके भाई खालिद का नाम एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार चर्चा की वजह जम्मू कश्मीर में सत्तारूढ़ पीडीपी-बीजेपी सरकार का वो फैसला है जिसमें बुरहान के भाई खालिद के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद उसे मुआवजा देने की घोषणा की गई है।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर की महबूबा मुफ्ती सरकार द्वारा जारी एक लिस्ट में कुछ लोगों को मुआवजा देने की घोषणा की गई है। इस सूची में बुरहान के भाई खालिद का भी नाम है जिसे सेना नें वर्ष 2013 में मार गिराया था।
सेना के मुताबिक खालिद आतंकियों का एक ओवर ग्राउंड वर्कर था जो कि कई साजिशों में शामिल था। महबूबा सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद उसकी जमकर आलोचना हो रही है। हालांकि सरकार के फैसले के विषय में सत्ता और विपक्ष दोनों की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।