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एनकाउंटर में मारे गए बुरहान के भाई को मुआवजा देगी महबूबा सरकार

अमृतपाल सिंह बाली, अमर उजाला/श्रीनगर Updated Wed, 14 Dec 2016 11:42 AM IST
mehbooba mufti govt will give compansession of the death of burhan wani's brother
- फोटो : File Photo

8 जुलाई को मारे गए हिजबुल कमांडर बुरहान वानी और उसके भाई खालिद का नाम एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार चर्चा की वजह जम्मू कश्मीर में सत्तारूढ़ पीडीपी-बीजेपी सरकार का वो फैसला है जिसमें बुरहान के भाई खालिद के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद उसे मुआवजा देने की घोषणा की गई है। 




गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर की महबूबा मुफ्ती सरकार द्वारा जारी एक लिस्ट में कुछ लोगों को मुआवजा देने की घोषणा की गई है। इस सूची में बुरहान के भाई खालिद का भी नाम है जिसे सेना नें वर्ष 2013 में मार गिराया था। 


सेना के मुताबिक खालिद आतंकियों का एक ओवर ग्राउंड वर्कर था जो कि कई साजिशों में शामिल था। महबूबा सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद उसकी जमकर आलोचना हो रही है। हालांकि सरकार के फैसले के विषय में सत्ता और विपक्ष दोनों की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। 

बुरहान के पिता ने कहा, 'नहीं है फैसले की जानकारी'

बुरहान वानी
बुरहान वानी - फोटो : File Photo
इस फैसले के बारे में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के पिता का कहना है कि उन्हे सरकार के फैसले के बारे में कोई जानकारी नहीं है। बुरहान के पिता ने कहा कि उन्होंने कभी भी इस तरह की कोई भी मांग सरकार के सामने नहीं रखी है। 

गौरतलब है कि सरकार द्वारा जिस मुआवजे की घोषणा की गई है उसे उन आम नागरिकों को दिया जाता है जो कि आतंकी घटनाओं या फिर आतंकियों के खिलाफ हुई सैन्य कार्रवाईयों में मारे जाते हैं। सरकार द्वारा इस लिस्ट में खालिद वानी का नाम देने से हर तरफ उसके निर्णय की आलोचना हो रही है। 

8 जुलाई को मारा गया था बुरहान वानी

हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर बुरहान वानी
हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर बुरहान वानी - फोटो : self
गौरतलब है कि 8 जुलाई 2016 को हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी को सेना के साथ हुई एक मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया था। बुरहान की मौत के बाद कश्मीर घाटी में हिंसक प्रदर्शनों की शुरूआत हो गई थी जो कि 4 महीनें से ज्यादा वक्त तक जारी रहे। 

बुरहान की मौत के बाद हिंसक प्रदर्शनों के चलते घाटी के कई इलाकों में आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। इसके साथ ही हिंसा के दौरान घाटी में 80 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों अन्य लोग घायल हुए थे। 
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