प्रतीक चित्र...
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श्रीनगर में सबसे बड़े निजी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल चलाने वाले एक समूह के ठिकानों पर आयकर विभाग ने कर चोरी पकड़ी है। इस कार्रवाई में 82.75 करोड़ की नकदी और 35.2 लाख के आभूषण जब्त किए गए हैं। इस बैंक लॉकर भी सील किया गया है। ये छापे शुक्रवार को चार आवासीय समेत सात ठिकानों पर मारे गए थे।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के आधिकारिक सूत्रों ने इस समूह की पहचान श्रीनगर के जैनाकोट में स्थित नूरा अस्पताल चलाने वाले समूह के रूप में की है। सीबीडीटी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कार्रवाई के दौरान 82.75 लाख नकद और 35.2 लाख रुपये के आभूषणों के बारे में संबंधित व्यक्ति स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाए। समूह के मुख्य व्यवसायों में 100 बिस्तरों वाला मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल, रियल एस्टेट और घरेलू उपयोग सामग्रियों का कारोबार शामिल है। समूह टुकड़ों में जमीनों को खरीदता है और बाद में उन्हें विकसित कर भूखंडों के रूप में बेच देता है।
सीबीडीटी ने कहा, कार्रवाई के दौरान पता चला कि उक्त समूह बेचे जाने वाली जमीन की आधी कीमत (संपत्ति के पंजीकृत मूल्य के ऊपर) नकद लेता है। जो नकदी जब्त की गई है वह उसी का हिस्सा है। इस धन पर कभी कर नहीं चुकाया गया। समूह ने वित्तीय वर्ष 2013-14 के बाद से 100 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी के रूप में बेहिसाब संपत्ति लेनदेन किया है।
समूह द्वारा बेचे गए प्लॉट के खरीदारों द्वारा बैंकिंग चैनलों के माध्यम से किए गए भुगतान व निवेश की भी जांच चल रही है। प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि जो निवेश किया गया उसमें कर चोरी की गई। इस दौरान संपत्ति के पंजीकृत मूल्य से अधिक कीमत पर बिक्री में नकद भुगतान पर स्टांप शुल्क की भी चोरी गई। स्टांप चोरी की जानकारी को जम्मू-कश्मीर प्रशासन को भी दी जाएगी ताकि वह इस संबंध में स्टांप शुल्क की वसूली कर सके।
विभाग ने कर चोरी का एक उदाहरण देते हुए बताया कि घरेलू उपभोग्य सामग्रियों के व्यापार में लगे इस समूह के करदाताओं में से एक ने वर्ष 2019-2020 में 6 महीनों में 2 करोड़ रुपये की वस्तुओं की नकद खरीद की। इसमें भी नियमों का उल्लंघन कर टैक्स चोरी की गई।
कागजातों में दिखाए गए कारोबार से ज्यादा है टर्न ओवर
सीबीडीटी ने दावा किया कि अस्पताल संचालन में जो रसीदें उपलब्ध कराई गईं उनमें पाया गया कि वित्त वर्ष 2015-16 के बाद से अस्पताल का औसत टर्नओवर लगभग 10-12 करोड़ रुपये है। हालांकि जांच में जो कागजात जब्त किए गए हैं वह वास्तविक प्राप्तियों को कम से कम चार गुना अधिक दर्शाते हैं। अस्पताल ने बताया कि डॉक्टरों को चालू वित्त वर्ष में तीन करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया। इसकी भी जांच की जा रही है।
श्रीनगर में सबसे बड़े निजी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल चलाने वाले एक समूह के ठिकानों पर आयकर विभाग ने कर चोरी पकड़ी है। इस कार्रवाई में 82.75 करोड़ की नकदी और 35.2 लाख के आभूषण जब्त किए गए हैं। इस बैंक लॉकर भी सील किया गया है। ये छापे शुक्रवार को चार आवासीय समेत सात ठिकानों पर मारे गए थे।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के आधिकारिक सूत्रों ने इस समूह की पहचान श्रीनगर के जैनाकोट में स्थित नूरा अस्पताल चलाने वाले समूह के रूप में की है। सीबीडीटी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कार्रवाई के दौरान 82.75 लाख नकद और 35.2 लाख रुपये के आभूषणों के बारे में संबंधित व्यक्ति स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाए। समूह के मुख्य व्यवसायों में 100 बिस्तरों वाला मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल, रियल एस्टेट और घरेलू उपयोग सामग्रियों का कारोबार शामिल है। समूह टुकड़ों में जमीनों को खरीदता है और बाद में उन्हें विकसित कर भूखंडों के रूप में बेच देता है।
सीबीडीटी ने कहा, कार्रवाई के दौरान पता चला कि उक्त समूह बेचे जाने वाली जमीन की आधी कीमत (संपत्ति के पंजीकृत मूल्य के ऊपर) नकद लेता है। जो नकदी जब्त की गई है वह उसी का हिस्सा है। इस धन पर कभी कर नहीं चुकाया गया। समूह ने वित्तीय वर्ष 2013-14 के बाद से 100 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी के रूप में बेहिसाब संपत्ति लेनदेन किया है।
समूह द्वारा बेचे गए प्लॉट के खरीदारों द्वारा बैंकिंग चैनलों के माध्यम से किए गए भुगतान व निवेश की भी जांच चल रही है। प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि जो निवेश किया गया उसमें कर चोरी की गई। इस दौरान संपत्ति के पंजीकृत मूल्य से अधिक कीमत पर बिक्री में नकद भुगतान पर स्टांप शुल्क की भी चोरी गई। स्टांप चोरी की जानकारी को जम्मू-कश्मीर प्रशासन को भी दी जाएगी ताकि वह इस संबंध में स्टांप शुल्क की वसूली कर सके।
विभाग ने कर चोरी का एक उदाहरण देते हुए बताया कि घरेलू उपभोग्य सामग्रियों के व्यापार में लगे इस समूह के करदाताओं में से एक ने वर्ष 2019-2020 में 6 महीनों में 2 करोड़ रुपये की वस्तुओं की नकद खरीद की। इसमें भी नियमों का उल्लंघन कर टैक्स चोरी की गई।
कागजातों में दिखाए गए कारोबार से ज्यादा है टर्न ओवर
सीबीडीटी ने दावा किया कि अस्पताल संचालन में जो रसीदें उपलब्ध कराई गईं उनमें पाया गया कि वित्त वर्ष 2015-16 के बाद से अस्पताल का औसत टर्नओवर लगभग 10-12 करोड़ रुपये है। हालांकि जांच में जो कागजात जब्त किए गए हैं वह वास्तविक प्राप्तियों को कम से कम चार गुना अधिक दर्शाते हैं। अस्पताल ने बताया कि डॉक्टरों को चालू वित्त वर्ष में तीन करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया। इसकी भी जांच की जा रही है।