बारामुला में शराब की दुकान पर ग्रेनेड हमले में सुंदरबनी के बाकरा गांव के रंजीत सिंह की मौत हो गई। गांव में रंजीत सिंह के मारे जाने की खबर पहुंचते ही मातम छा गया। बुधवार सुबह लोगों ने जम्मू-पुंछ सड़क मार्ग को जाम कर प्रदर्शन किया और आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की।
बुधवार सुबह जैसे ही रंजीत सिंह का शव उसके पैतृक गांव में पहुंचा, तो हर आंख पानी से भर आई और लोगों में आतंक के खिलाफ कड़ा रोष दिखा। ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रख प्रदर्शन किया और सरकार से रंजीत सिंह के परिवार को सहायता दिए जाने की मांग की। लोगों ने कहा कि रंजीत सिंह का परिवार बेहद गरीब है। उनके परिवार के पास रंजीत के अंतिम संस्कार करने के लिए पर्याप्त पैसे तक नहीं है। वह सिर्फ रोजगार के लिए कश्मीर गया था। ऐसे में सरकार को चाहिए कि इस परिवार की मदद की जाए।
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि तेरह दिन पहले रोजी रोटी के सिलसिले में रंजीत सिंह कश्मीर गया था। उसे क्या पता था कि वह दोबारा लौटकर घर नहीं आएगा। उसके परिवार में पिता किशन लाल के अलावा उसकी चार बेटियां व एक तीन साल का बेटा है। दो बेटियों की शादी हो चुकी है। रंजीत की मां का भी निधन हो चुका है। पिता बीमार हैं। परिवार वालों का कहना है कि 13 दिन पहले रंजीत कमाने गया था। उसने जल्द ही घर आने की बात कही थी, लेकिन उसकी मौत की खबर ही पहुंची है।
मौके पर पहुंचे राजोरी के जिला उपायुक्त व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन, लोग पीड़ित परिवार को मुआवजा दिए जाने की मांग पर अड़े रहे। जिला उपायुक्त ने पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये, परिवार के एक सदस्य को नौकरी और बच्चों की शिक्षा का खर्च वहन करने का आश्वासन दिया। उपायुक्त से मिले आश्वासन के बाद लोगों ने सड़क मार्ग को बहाल किया।
क्या है मामला
मंगलवार देर शाम को बारामुला में आतंकियों ने एक शराब की दुकान को निशाना बनाकर ग्रेनेड से हमला किया। दुकान के अंदर ग्रेनेड फटने से सुंदरबनी के रंजीत सिंह की मौत हो गई। जबकि तीन अन्य कर्मचारी घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी जम्मू संभाग के रहने वाले हैं। हमलावरों की तलाश में इलाके की घेराबंदी कर अभियान चलाया जा रहा है।
विस्तार
बारामुला में शराब की दुकान पर ग्रेनेड हमले में सुंदरबनी के बाकरा गांव के रंजीत सिंह की मौत हो गई। गांव में रंजीत सिंह के मारे जाने की खबर पहुंचते ही मातम छा गया। बुधवार सुबह लोगों ने जम्मू-पुंछ सड़क मार्ग को जाम कर प्रदर्शन किया और आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की।
बुधवार सुबह जैसे ही रंजीत सिंह का शव उसके पैतृक गांव में पहुंचा, तो हर आंख पानी से भर आई और लोगों में आतंक के खिलाफ कड़ा रोष दिखा। ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रख प्रदर्शन किया और सरकार से रंजीत सिंह के परिवार को सहायता दिए जाने की मांग की। लोगों ने कहा कि रंजीत सिंह का परिवार बेहद गरीब है। उनके परिवार के पास रंजीत के अंतिम संस्कार करने के लिए पर्याप्त पैसे तक नहीं है। वह सिर्फ रोजगार के लिए कश्मीर गया था। ऐसे में सरकार को चाहिए कि इस परिवार की मदद की जाए।