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जम्मू-कश्मीर सरकार के तमाम दावों के बावजूद शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। जम्मू-कश्मीर के तीन सौ हायर सेकेंडरी स्कूल बिना प्रिंसिपल के ही संचालित हो रहे हैं। शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों के हायर सेकेंडरी में प्रिंसिपल की ज्यादा कमी है। एक प्रिंसिपल के पास दो से तीन स्कूलों का कार्यभार है। स्कूलों में प्रिंसिपल के पद खाली होने से शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
जम्मू संभाग के मुकाबले कश्मीर संभाग में आने वाले हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्रिंसिपल के पद ज्यादा खाली है। जम्मू संभाग में 140, जबकि कश्मीर में यह संख्या 160 से ज्यादा है। हायर सेकेंडरी में प्रिंसिपल के पद इसलिए खाली है क्योंकि लंबे समय से लेक्चरर को पदोन्नति नहीं दी गई है। जम्मू संभाग में डोडा, रामबन, पुंछ, राजोरी और किश्तवाड़ में सबसे ज्यादा स्कूल बिना प्रिंसिपल या इंचार्ज प्रिंसिपल के चल रहे हैं।
शिक्षा विभाग ने 2019 में 90 हाईस्कूल को हायर सेकेंडरी बनाया था। इन स्कूलों में अधिकांश इंचार्ज प्रिंसिपल तैनात हैं, जिनके पास दो या तीन स्कूलों का अतिरिक्त कार्यभार भी है। प्लस टूू लेक्चरर फोरम के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा कि लेक्चरर को टाइम बाउंड पदोन्नति नहीं मिलती है। एक लेक्चरर 20 वर्ष तक सेवा देने बाद के भी एक ही पे ग्रेड पर रहता है।
यह भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर के बजट में कृषि को मिलेगी प्राथमिकता, बागवानी में होगा व्यापक बदलाव
लेक्चरर की वरिष्ठता सूची तैयार हो गई है, यह पूरी प्रक्रिया सचिवालय स्तर पर होती है। वरिष्ठता सूची के बाद लेक्चरर को पदोन्नति दी मिल जाएगी। इससे स्कूलों में प्रिंसिपल की तैनाती के साथ रिक्त पड़े जोनल और जिला शिक्षा अधिकारी के पद भी भरे जाएंगे। मार्च तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी
-अनुराधा गुप्ता, निदेशक स्कूल शिक्षा निदेशालय जम्मू
जम्मू-कश्मीर सरकार के तमाम दावों के बावजूद शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है। जम्मू-कश्मीर के तीन सौ हायर सेकेंडरी स्कूल बिना प्रिंसिपल के ही संचालित हो रहे हैं। शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों के हायर सेकेंडरी में प्रिंसिपल की ज्यादा कमी है। एक प्रिंसिपल के पास दो से तीन स्कूलों का कार्यभार है। स्कूलों में प्रिंसिपल के पद खाली होने से शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
जम्मू संभाग के मुकाबले कश्मीर संभाग में आने वाले हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्रिंसिपल के पद ज्यादा खाली है। जम्मू संभाग में 140, जबकि कश्मीर में यह संख्या 160 से ज्यादा है। हायर सेकेंडरी में प्रिंसिपल के पद इसलिए खाली है क्योंकि लंबे समय से लेक्चरर को पदोन्नति नहीं दी गई है। जम्मू संभाग में डोडा, रामबन, पुंछ, राजोरी और किश्तवाड़ में सबसे ज्यादा स्कूल बिना प्रिंसिपल या इंचार्ज प्रिंसिपल के चल रहे हैं।
शिक्षा विभाग ने 2019 में 90 हाईस्कूल को हायर सेकेंडरी बनाया था। इन स्कूलों में अधिकांश इंचार्ज प्रिंसिपल तैनात हैं, जिनके पास दो या तीन स्कूलों का अतिरिक्त कार्यभार भी है। प्लस टूू लेक्चरर फोरम के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा कि लेक्चरर को टाइम बाउंड पदोन्नति नहीं मिलती है। एक लेक्चरर 20 वर्ष तक सेवा देने बाद के भी एक ही पे ग्रेड पर रहता है।
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लेक्चरर की वरिष्ठता सूची तैयार हो गई है, यह पूरी प्रक्रिया सचिवालय स्तर पर होती है। वरिष्ठता सूची के बाद लेक्चरर को पदोन्नति दी मिल जाएगी। इससे स्कूलों में प्रिंसिपल की तैनाती के साथ रिक्त पड़े जोनल और जिला शिक्षा अधिकारी के पद भी भरे जाएंगे। मार्च तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी
-अनुराधा गुप्ता, निदेशक स्कूल शिक्षा निदेशालय जम्मू