जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के नार्थ जिले की मानव तस्करी रोधी सेल ने बुधवार को कार्रवाई कर चूड़ी बनाने के कारखाने से तीन बाल मजदूरों को मुक्त करवाया।
एडिशनल एसपी राजेश मील ने बताया कि यह कार्रवाई यूनिट के प्रभारी पुलिस निरीक्षक सुरेशचन्द के नेतृत्व में कांस्टेबल अरविन्द कुमार की सूचना पर मानव रोधी तस्करी टीम व बचपन बचाओ आन्दोलन के देशराज सिंह की संयुक्त टीम ने की।
जानकारी के अनुसार कांस्टेबल अरविंद कुमावत को सूचना मिली थी कि विद्याधर नगर इलाके की जेपी कॉलोनी सेक्टर 32 स्थित एक मकान में चूड़ी बनाने का कारखाना चल रहा है। जिसमें बिहार व यूपी से लाए गए मासूम बच्चों से जबरन काम करवाया जाता है। इस पर टीम ने मकान पर छापा मारा। वहां तीन नाबालिग बाल श्रमिक मिले। जिन्हें मुक्त करवाकर चाइल्ड हैल्प लाइन को सौंपा गया।
मामले में पुलिस ने कारखाना संचालक राजेश चौधरी को मौके से ही गिरफ्त में ले लिया। जबकि दूसरे आरोपी संचालक विनोद चौधरी मौके पर नहीं मिला। उसकी तलाश की जा रही है। ये दोनों मासूम बच्चों से कारखाने में चूड़ियों में नग लगवाने का काम करवाते है। पुलिस केस दर्ज कर पड़ताल कर रही है।
जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के नार्थ जिले की मानव तस्करी रोधी सेल ने बुधवार को कार्रवाई कर चूड़ी बनाने के कारखाने से तीन बाल मजदूरों को मुक्त करवाया।
एडिशनल एसपी राजेश मील ने बताया कि यह कार्रवाई यूनिट के प्रभारी पुलिस निरीक्षक सुरेशचन्द के नेतृत्व में कांस्टेबल अरविन्द कुमार की सूचना पर मानव रोधी तस्करी टीम व बचपन बचाओ आन्दोलन के देशराज सिंह की संयुक्त टीम ने की।
जानकारी के अनुसार कांस्टेबल अरविंद कुमावत को सूचना मिली थी कि विद्याधर नगर इलाके की जेपी कॉलोनी सेक्टर 32 स्थित एक मकान में चूड़ी बनाने का कारखाना चल रहा है। जिसमें बिहार व यूपी से लाए गए मासूम बच्चों से जबरन काम करवाया जाता है। इस पर टीम ने मकान पर छापा मारा। वहां तीन नाबालिग बाल श्रमिक मिले। जिन्हें मुक्त करवाकर चाइल्ड हैल्प लाइन को सौंपा गया।
मामले में पुलिस ने कारखाना संचालक राजेश चौधरी को मौके से ही गिरफ्त में ले लिया। जबकि दूसरे आरोपी संचालक विनोद चौधरी मौके पर नहीं मिला। उसकी तलाश की जा रही है। ये दोनों मासूम बच्चों से कारखाने में चूड़ियों में नग लगवाने का काम करवाते है। पुलिस केस दर्ज कर पड़ताल कर रही है।