ऊना। जिले के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने में रुचि दिखा रहे हैं। सोमवार को पहली से आठवीं तक करीब 70 प्रतिशत बच्चों ने कक्षाओं में हाजिरी लगाई। जबकि सोमवार को 60 प्रतिशत बच्चे ही स्कूल आए। वहीं नौवीं से बारहवीं तक 65 फीसदी विद्यार्थी स्कूल पहुंचे। यह संख्या सोमवार (70 प्रतिशत) से कम हैं।
जिलेभर की माध्यमिक पाठशालाओं में कुल 39,707 बच्चे पढ़ाई करते हैं। मंगलवार को उनमें से 29,974 बच्चे स्कूल पहुंचे। इस दौरान बच्चों को कोविड एसओपी के तहत दाखिल किया गया। हालांकि बच्चों की बढ़ रही संख्या के साथ कोरोना गाइडलाइंस का पालन करवाना स्कूल प्रबंधकों के लिए चुनौती बना हुआ है।
सोमवार को पहली कक्षा के 4357 बच्चों में से 2886, दूसरी के 4499 में से 3120, तीसरी के 4912 में से 3756, चौथी के 5013 में से 4036, पांचवीं के 5030 में से 4076, छठी के 5223 में से 3773, सातवीं के 5293 में से 4057 और आठवीं के 5380 में से 4270 बच्चे स्कूल आए।
वहीं बड़ी कक्षाओं में नौवीं के 5268 बच्चों में से 4135, दसवीं के 5143 में से 3903, ग्यारहवीं के 7759 में से 4357 और बारहवीं के 5755 में से 2646 विद्यार्थी पहुंचे। छोटी कक्षाओं में बच्चों की गिनती 100 प्रतिशत की ओर बढ़ रही है, लेकिन कक्षाओं में पर्याप्त शारीरिक दूरी के साथ बैठाने के लिए पर्याप्त बंदोबस्त नजर नहीं आ रहे। वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग की ओर से लगातार स्कूलों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है। जिन स्कूलों में कोरोना के मामले सामने आए हैं, उन्हें कम से कम दो दिन के लिए बंद किया जा रहा है।
वहीं, उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा देवेंद्र चंदेल का कहा कि बच्चों का स्कूल आने के प्रति रुझान बढ़ रहा है। ऐसे में उचित शारीरिक दूरी के साथ बच्चों को बैठाने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने स्कूल प्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ न किया जाए और एसओपी के पालन में कोताही न बरती जाए।
ऊना। जिले के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने में रुचि दिखा रहे हैं। सोमवार को पहली से आठवीं तक करीब 70 प्रतिशत बच्चों ने कक्षाओं में हाजिरी लगाई। जबकि सोमवार को 60 प्रतिशत बच्चे ही स्कूल आए। वहीं नौवीं से बारहवीं तक 65 फीसदी विद्यार्थी स्कूल पहुंचे। यह संख्या सोमवार (70 प्रतिशत) से कम हैं।
जिलेभर की माध्यमिक पाठशालाओं में कुल 39,707 बच्चे पढ़ाई करते हैं। मंगलवार को उनमें से 29,974 बच्चे स्कूल पहुंचे। इस दौरान बच्चों को कोविड एसओपी के तहत दाखिल किया गया। हालांकि बच्चों की बढ़ रही संख्या के साथ कोरोना गाइडलाइंस का पालन करवाना स्कूल प्रबंधकों के लिए चुनौती बना हुआ है।
सोमवार को पहली कक्षा के 4357 बच्चों में से 2886, दूसरी के 4499 में से 3120, तीसरी के 4912 में से 3756, चौथी के 5013 में से 4036, पांचवीं के 5030 में से 4076, छठी के 5223 में से 3773, सातवीं के 5293 में से 4057 और आठवीं के 5380 में से 4270 बच्चे स्कूल आए।
वहीं बड़ी कक्षाओं में नौवीं के 5268 बच्चों में से 4135, दसवीं के 5143 में से 3903, ग्यारहवीं के 7759 में से 4357 और बारहवीं के 5755 में से 2646 विद्यार्थी पहुंचे। छोटी कक्षाओं में बच्चों की गिनती 100 प्रतिशत की ओर बढ़ रही है, लेकिन कक्षाओं में पर्याप्त शारीरिक दूरी के साथ बैठाने के लिए पर्याप्त बंदोबस्त नजर नहीं आ रहे। वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग की ओर से लगातार स्कूलों का औचक निरीक्षण किया जा रहा है। जिन स्कूलों में कोरोना के मामले सामने आए हैं, उन्हें कम से कम दो दिन के लिए बंद किया जा रहा है।
वहीं, उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा देवेंद्र चंदेल का कहा कि बच्चों का स्कूल आने के प्रति रुझान बढ़ रहा है। ऐसे में उचित शारीरिक दूरी के साथ बच्चों को बैठाने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने स्कूल प्रबंधकों को निर्देश दिए हैं कि बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ न किया जाए और एसओपी के पालन में कोताही न बरती जाए।