गुशैणी (कुल्लू)। जिला मुख्यालय के साथ लगती खराहल घाटी में कटे हुए पेड़ों के ठूंठ निकाले जाने के विरोध के बाद अब तीर्थन घाटी के झुटली कलवाला जंगल से ठूंठ निकालने के विरोध में ग्रामीण उतर आए हैं।
ग्रामीणों ने कटे हुए पुराने पेड़ों के ठूंठ निकालने पर आपत्ति जताई है। ग्रामीणों ने कहा है कि पेड़ों के ठूंठ तो निकाले जा रहे हैं लेकिन गड्ढों को मिट्टी से नहीं भरा जा रहा है और न ही नई पौध लगाई जा रही है। ऐसे में भूस्खलन का खतरा पैदा हो गया है। भूस्खलन से कई गांवों को नुकसान हो सकता है। ठेकेदार की ओर से काम को सही तरीके से अंजाम नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीण संजय शर्मा, तिलक राज, सुरेंद्र ठाकुर, हरीश शर्मा, टिकम राम, पूर्व प्रधान हरी सिंह, टेक राम, उदय शर्मा, हेमराज, मुरारी लाल, देव शर्मा, हरीश शर्मा, चंदे राम, चमन लाल, तेज प्रताप आदि ने कहा कि पुराने पेड़ों के ठूंठों की खुदाई की जा रही है। जिन पेड़ के ठूंठ निकाले गए हैं, वहां गड्ढों को मिट्टी से नहीं भरा जा रहा है। इससे गांव तलिहार, बुसारी, झुटली, बांदल, निचला बांदल, शिहशाडू और कोशुनाली गांव को खतरा हो गया है। बरसात के दिनों में जब भारी बारिश होगी तो भूस्खलन के कारण गांवों के लोगों को मुश्किलें का सामना करना पड़ सकता है। लोगों ने मांग की है कि वन विभाग ठेकेदार को इस संबंध में आदेश देकर गड्ढों को तुरंत भरवाए जिससे किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। अगर विभाग समय पर उचित कदम नहीं उठाता है तो आम जनता को विभाग के खिलाफ लामबंद होकर आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। गौरतलब है कि बोड़सू जंगल में भी ग्रामीणों ने ठूंठ निकालने का विरोध किया है।
गुशैणी (कुल्लू)। जिला मुख्यालय के साथ लगती खराहल घाटी में कटे हुए पेड़ों के ठूंठ निकाले जाने के विरोध के बाद अब तीर्थन घाटी के झुटली कलवाला जंगल से ठूंठ निकालने के विरोध में ग्रामीण उतर आए हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
ग्रामीणों ने कटे हुए पुराने पेड़ों के ठूंठ निकालने पर आपत्ति जताई है। ग्रामीणों ने कहा है कि पेड़ों के ठूंठ तो निकाले जा रहे हैं लेकिन गड्ढों को मिट्टी से नहीं भरा जा रहा है और न ही नई पौध लगाई जा रही है। ऐसे में भूस्खलन का खतरा पैदा हो गया है। भूस्खलन से कई गांवों को नुकसान हो सकता है। ठेकेदार की ओर से काम को सही तरीके से अंजाम नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीण संजय शर्मा, तिलक राज, सुरेंद्र ठाकुर, हरीश शर्मा, टिकम राम, पूर्व प्रधान हरी सिंह, टेक राम, उदय शर्मा, हेमराज, मुरारी लाल, देव शर्मा, हरीश शर्मा, चंदे राम, चमन लाल, तेज प्रताप आदि ने कहा कि पुराने पेड़ों के ठूंठों की खुदाई की जा रही है। जिन पेड़ के ठूंठ निकाले गए हैं, वहां गड्ढों को मिट्टी से नहीं भरा जा रहा है। इससे गांव तलिहार, बुसारी, झुटली, बांदल, निचला बांदल, शिहशाडू और कोशुनाली गांव को खतरा हो गया है। बरसात के दिनों में जब भारी बारिश होगी तो भूस्खलन के कारण गांवों के लोगों को मुश्किलें का सामना करना पड़ सकता है। लोगों ने मांग की है कि वन विभाग ठेकेदार को इस संबंध में आदेश देकर गड्ढों को तुरंत भरवाए जिससे किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। अगर विभाग समय पर उचित कदम नहीं उठाता है तो आम जनता को विभाग के खिलाफ लामबंद होकर आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। गौरतलब है कि बोड़सू जंगल में भी ग्रामीणों ने ठूंठ निकालने का विरोध किया है।
अमर उजाला की खबरों को फेसबुक पर पाने के लिए लाइक करें
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में आई बाढ़ ने तबाही मचा दी है। लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। यहां देखिए बाढ़ में कैसे बह गया वाहन।
अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।