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Sonipat News: गर्भस्थ शिशु की सात दिन पहले हो गई थी मौत, रेफर करने पर परिजनों ने किया हंगामा

संवाद न्यूज एजेंसी, सोनीपत Updated Sun, 19 Mar 2023 12:35 AM IST
female patients relatives accused doctor for negligency
सोनीपत। नागरिक अस्पताल के प्रसूति विभाग में दाखिल गर्भवती महिला की तबीयत बिगड़ने पर चिकित्सक ने उसे पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। परिजनों का आरोप है कि गर्भस्थ शिशु की सात दिन पहले ही मौत हो गई थी, उसके बावजूद चिकित्सकों ने लापरवाही बरती। जिससे महिला की तबीयत बिगड़ती चली गई। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ता देख पुलिस बुलानी पड़ी। इस बीच गुस्साए परिजन कार्यकारी प्रधान चिकित्सक अधिकारी के कार्यालय में पहुंचे। जहां कार्यकारी पीएमओ डॉ. गिन्नी लांबा ने उन्हें समझाकर शांत किया और आरोप की जांच करवाने का आश्वासन दिया। इस पर परिजन महिला को लेकर अस्पताल से चले गए।

गांव जाखौली निवासी सागर ने बताया कि उनकी पत्नी कोमल तीन माह की गर्भवती थी। करीब एक सप्ताह पहले उसकी तबीयत खराब हुई। उन्होंने अल्ट्रासाउंड करवाया। जिसमें गर्भ में पल रहे शिशु की धड़कन नहीं थी। पत्नी को लेकर वह नागरिक अस्पताल में पहुंचे। जहां प्रसूति विभाग में तैनात महिला चिकित्सक ने उनकी पत्नी को भर्ती कर लिया। शनिवार को उनकी पत्नी की तबीयत ज्यादा खराब होने लगी। चिकित्सक ने कोमल को रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया। सागर ने आरोप लगाया कि एक सप्ताह से अस्पताल में उनको उपचार दिया जा रहा था। उनके गर्भ में जहर फैलता जा रहा था, अब अचानक हालत बिगड़ने की बात कह उन्हें रेफर कर दिया। सागर का आरोप है कि चिकित्सक ने उनके साथ अभद्रता तक की। जिसके बाद नागरिक अस्पताल के कार्यकारी प्रधान चिकित्सा अधिकारी के पास पहुंचे। सागर के जीजा प्रदीप ने आरोप लगाया कि एक सप्ताह पहले गर्भस्थ शिशु की मौत हो चुकी थी। अस्पताल के गायनी विभाग में अनुभवी चिकित्सक मौजूद हैं। वह अस्पताल में तैनात चिकित्सकों पर भरोसा करके आए थे, लेकिन यहां मरीज की जिंदगी से ही खिलवाड़ किया जा रहा है।


महिला की जान बचाने के लिए करना पड़ा रेफर
गायनी विशेषज्ञ डॉ. अनुराधा जैन ने बताया कि कोमल को एक सप्ताह पहले भर्ती करवाया गया था। उसके गर्भ में शिशु की मौत हो चुकी थी। जरूरत के हिसाब से मरीज को दवाइयां देकर गर्भ में मृत बच्चे को निकालने का प्रयास किया गया। कोमल को पहले भी ऑपरेशन से बच्चा हो चुका है। केस ज्यादा मुश्किल होने के कारण कोमल की जान बचाने के उद्देश्य के चलते उसे पीजीआई रोहतक रेफर किया गया है। ऐसे केस का उपचार करने की सुविधा जिला नागरिक अस्पताल में नहीं है। जिसके चलते उसे रेफर किया गया है।

महिला के परिजनों ने लापरवाही व चिकित्सक की ओर से अभद्रता करने का आरोप लगाया है। गायनी चिकित्सक के अनुसार महिला का पहले ऑपरेशन हो चुका है। जरूरत के हिसाब से दवाओं के सहारे केस को ठीक करने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। ऐसे उपचार में सात से आठ दिन लग जाते है। चिकित्सक व स्टाफ की ओर से परिजनों के साथ की अभद्रता के आरोप की जांच करवाई जाएगी।
- डॉ. गिन्नी लांबा, कार्यकारी प्रधान चिकित्सा अधिकारी, नागरिक अस्पताल, सोनीपत
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