वारिस से दिखाया समाज का सच
टीएफटी थिएटर फेस्ट में नुक्कड़ नाटक
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। बाल भवन में आयोजित टीएफटी फेस्ट के तह बुधवार को सेक्टर-17 प्लाजा में नुक्कड़ नाटक वारिस का मंचन किया गया। इस नाटक का मंचन रूपक कला और वेलफेयर सोसायटी द्वारा किया गया। इस नाटक को संगीत गुप्ता ने लिखा और निर्देशित किया।
वारिस एक ऐसे परिवार की कहानी है जो कि बेटे की चाहत में अपने घर में बेटियों को जन्म नहीं लेने देता। ऐसा पिता की वजह से नहीं होता बल्कि ऐसा होता है दादी की वजह से। पिता चाह कर भी उसका विरोध नहीं कर पाता है। इस परिवार में दो बेटियां हैं ममता और राजी। ममता परिवार की परंपराओं को आगे बढ़ाती है और राजी एकदम मॉर्डन है। राजी लड़कियों के हक और उसके अधिकारों की बात करती है। सीता राजी की मां है वह तीन बार कन्याभ्रूण हत्या का शिकार हो चुकी है। खैर, अंत में उसको बेेटे की खुशी मिलती है पर बेटा अपाहिज होता है। ऐसा होने पर लड़कियां समाज से सवाल करती हैं कि क्या यही न्याय है लड़कियों के लिए कि एक उत्तराधिकारी के लिए उनकी भ्रूण हत्या की जाए। वह समाज की सभी महिलाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रेरणा देती हैं कि सबको अपनी मुक्ति के रास्तों को खुद तलाशना होगा। इस नाटक में राधिका, सिमरन, निधि, अपूरवा, सनजना, ख़ुशी, शिवानी, संस्कृति, सुमित्रा और सहिन ने बेहतरीन अदाकारी की।