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महेंद्रगढ़: आंधी संग बारिश से कपास, बाजरे की फसल गिरी, पेड़ टूटकर गिरने से ट्रेनों का परिचालन बाधित

संवाद न्यूज एजेंसी, महेंद्रगढ़ (हरियाणा) Published by: भूपेंद्र सिंह Updated Wed, 28 Sep 2022 11:15 PM IST
सार

62 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंधड़ चला। दो गांवों में 18 घंटे बिजली गुल रही। 20 एमएम बारिश दर्ज की गई। आंधी-बारिश से पहुंचे नुकसान को लेकर किसान चिंतित हैं।

Rain and strong storm in Mahendragarh of Haryana
महेंद्रगढ़ जिले में आंधी से हुआ नुकसान। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

विस्तार

हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के उत्तरी क्षेत्र के गांवों में मंगलवार की देर शाम आंधी के साथ हुई 20 एमएम बारिश से कपास और बाजरे की खड़ी फसलें गिर गईं। 62 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चली हवाओं से कई स्थानों पर पेड़, बिजली के पोल टूट कर गिर गए।



महेंद्रगढ़-रेवाड़ी रेल ट्रैक पर पेड़ टूटकर गिरने से हिसार-पैसेंजर ट्रेन एक घंटे तक रुकी रही। गांव अगिहार और पाथेड़ा के आसपास 10 से अधिक बिजली के पोल टूटकर गिरने से 18 घंटे तक बिजली आपूर्ति ठप रही। आंधी-बारिश से पहुंचे नुकसान को लेकर किसान चिंतित हैं।


पिछले दिनों हुई बारिश से हुए नुकसान से किसानों की चिंता कम नहीं हुई थी कि मंगलवार शाम अचानक मौसम बदल गया और बादल छाने के बाद आंधी के साथ बारिश होने लगी। तेज आंधी के चलते कई स्थानों पर पेड़ और बिजली के पोल टूटकर गिर गए जिससे आवागमन प्रभावित हो गया। गांव अगिहार और पाथेड़ा के आसपास 10 से अधिक बिजली के पोल टूट गए जिसके चलते 18 घंटे बिजली बाधित रही।

महेंद्रगढ़-रेवाड़ी ट्रैक पर पेड़ टूट कर गिरने से गांव गुढ़ा और बुचावास के बीच हिसार-रेवाड़ी पैसेंजर ट्रेन एक घंटे खड़ी रही। आरपीएफ ने पेड़ को ट्रैक  से हटाया। इसके बाद ट्रेन रवाना हुई। इसके चलते जोधपुर से दिल्ली भगत की कोठी व सराय रोहिल्ला जाने वाली सालासर एक्सप्रेस ट्रेन एक घंटे महेंद्रगढ़ स्टेशन पर रुकी रही।  

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आंधी बारिश से महेंद्रगढ़ क्षेत्र में पिछैती कपास और बाजरे की खड़ी फसलें गिर गईं। किसानों ने फसलों में 80 प्रतिशत नुकसान की आशंका जताई जा रही है।  सबसे अधिक नुकसान गांव पाली, धोली, भुरजट, जाट, मालड़ा, बवाना, झूक, अगिहार, पाथेड़ा, कैमला, झगड़ोली, बुचावास, धनौंदा, खरकड़ा बास, गुढ़ा, कनीना, उन्हाणी, झाड़ली, छिथरोली, कनीना, भड़फ, गाहड़ा के किसानों को पहुंचा है। 
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थंडर स्ट्रोम की स्थिति बनने से तेज आंधी के साथ बारिश हुईै। इसका दायरा भी निर्धारित रहा है। हवाओं की रफ्तार 62 किलोमीटर प्रतिघंटे रही। उत्तरी क्षेत्र के गांवों में करीब चार किलोमीटर लंबी एक पट्टी में पश्चिम से पूर्व की ओर हवाओं का रुख रहा। -डॉ. दिवेश चौधरी, मौसम विशेषज्ञ, कृषि विज्ञान केंद्र

नुकसान को लेकर किसान चिंतित 
कनीना।
आंधी के साथ हुई बारिश के दौरान पोल गिरने से क्षेत्र के अनेक गांवों में पांच से छह घंटे बाधित रही। बाजरे और कपास की फसल गिरने से काफी नुकसान पहुंचा है। इसको लेकर किसान चिंतित हैं। गांव कैमला, गुढ़ा, धनौंदा, उन्हानी, गाहड़ा, सिहोर, छितरौली, बाघोत, कोटिया, करीरा, ककराला, कनीना आदि गांवों में फसलों में भारी नुकसान पहुंचा है।

किसान रामचंद्र, सुरेश, धीरज, नरेंद्र, विजयपाल, कर्मवीर सिंह, मनीष, सुशील, जोगिंदर, विजेंद्र, अनिल, नरेंद्र सहित ने बताया कि पिछले दिनों हुए बारिश के कारण कपास व बाजरे की फसल तबाह हो गई हैं। पिछैती बाजरे व कपास की फसल से उम्मीदें थी वह भी धरी रह गई। कई किसानों ने बाजरे की फसल की कटाई शुरू नहीं की थी। मंगलवार सुबह मौसम साफ रहने पर कटाई शुरू की लेकिन शाम को आंधी के साथ बारिश के चलते फसल भीग गई।

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