महेंद्रगढ़। पिछले एक माह से डीएपी के लिए परेशान किसानों को अब यूरिया खाद के लिए भी भागदौड़ करनी पड़ रही है। पिछले एक माह से दी महेंद्रगढ़ को-ऑपरेटिव व मार्केटिंग सोसायटी के बिक्री केंद्र पर खाद नहीं पहुंच रहा था जिसके चलते किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है। सोमवार को जैसे की केंद्र पर यूरिया खाद पहुंचने की सूचना किसानों को मिली तो करीब 400 किसान खाद लेने के लिए उमड़ पड़े। क्षेत्र में करीब एक लाख एकड़ में सरसों की बिजाई की गई है जिसे ध्यान में रखते हुए करीब 50 हजार बैग की आवश्यकता है।
केंद्र के कर्मचारियों को व्यवस्था बनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। दोपहर बाद किसानों की भीड़ अधिक होने के चलते कर्मचारियों द्वारा पुलिस को सूचना दी गई जिसके बाद पुलिस कर्मचारियों ने पहुंचकर किसानों को लाइनों में लगाया। प्रत्येक किसान को तीन बैग के हिसाब से खाद का वितरण शुरू किया गया। पहले किसानों को सरसों की बिजाई के लिए डीएपी के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी थी। अब सरसों की पहली सिंचाई के समय खाद की आवश्यकता है। यहां पर दो दिनों के अंदर 4150 यूरिया के बैग किसानों को वितरित किए गए। इनमें 1850 बैग रविवार को पहुंचे थे, जबकि सोमवार को 2300 बैग यूरिया खाद के पहुंचे।
क्षेत्र में ये है फसलों की स्थिति
महेंद्रगढ़, सतनाली व कनीना क्षेत्र में सरसों का कुल रकबा करीब एक लाख एकड़ है। वहीं गेहूं का औसत रकबा 36900 एकड़, तीनों ही क्षेत्रों मेें चने का कुल रकबा 6360 एकड़ जबकि क्षेत्र में 500 एकड़ में मटर की बिजाई की जा चुकी है। ऐसे में सभी फसलों में यूरिया खाद की आवश्यकता है।
यूरिया खाद की नहीं कमी
क्षेत्र के अधिकांश सरकारी केंद्रों पर यूरिया खाद पहुंच चुका है। अब किसानों को यूरिया खाद के लिए कोई परेशानी नहीं होगी। किसान भी केवल अपनी जरूरत के हिसाब से खरीद केंद्रों से खाद लें। किसानों को यूरिया के लिए परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्षेत्र में यूरिया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहेगा।
उपमंडल कृषि अधिकारी, डॉ. अजय यादव
महेंद्रगढ़। पिछले एक माह से डीएपी के लिए परेशान किसानों को अब यूरिया खाद के लिए भी भागदौड़ करनी पड़ रही है। पिछले एक माह से दी महेंद्रगढ़ को-ऑपरेटिव व मार्केटिंग सोसायटी के बिक्री केंद्र पर खाद नहीं पहुंच रहा था जिसके चलते किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है। सोमवार को जैसे की केंद्र पर यूरिया खाद पहुंचने की सूचना किसानों को मिली तो करीब 400 किसान खाद लेने के लिए उमड़ पड़े। क्षेत्र में करीब एक लाख एकड़ में सरसों की बिजाई की गई है जिसे ध्यान में रखते हुए करीब 50 हजार बैग की आवश्यकता है।
केंद्र के कर्मचारियों को व्यवस्था बनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। दोपहर बाद किसानों की भीड़ अधिक होने के चलते कर्मचारियों द्वारा पुलिस को सूचना दी गई जिसके बाद पुलिस कर्मचारियों ने पहुंचकर किसानों को लाइनों में लगाया। प्रत्येक किसान को तीन बैग के हिसाब से खाद का वितरण शुरू किया गया। पहले किसानों को सरसों की बिजाई के लिए डीएपी के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी थी। अब सरसों की पहली सिंचाई के समय खाद की आवश्यकता है। यहां पर दो दिनों के अंदर 4150 यूरिया के बैग किसानों को वितरित किए गए। इनमें 1850 बैग रविवार को पहुंचे थे, जबकि सोमवार को 2300 बैग यूरिया खाद के पहुंचे।
क्षेत्र में ये है फसलों की स्थिति
महेंद्रगढ़, सतनाली व कनीना क्षेत्र में सरसों का कुल रकबा करीब एक लाख एकड़ है। वहीं गेहूं का औसत रकबा 36900 एकड़, तीनों ही क्षेत्रों मेें चने का कुल रकबा 6360 एकड़ जबकि क्षेत्र में 500 एकड़ में मटर की बिजाई की जा चुकी है। ऐसे में सभी फसलों में यूरिया खाद की आवश्यकता है।
यूरिया खाद की नहीं कमी
क्षेत्र के अधिकांश सरकारी केंद्रों पर यूरिया खाद पहुंच चुका है। अब किसानों को यूरिया खाद के लिए कोई परेशानी नहीं होगी। किसान भी केवल अपनी जरूरत के हिसाब से खरीद केंद्रों से खाद लें। किसानों को यूरिया के लिए परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्षेत्र में यूरिया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहेगा।
उपमंडल कृषि अधिकारी, डॉ. अजय यादव