मंडियों के अंदर फसल की खरीद पर टैक्स और मंडियों के बाहर टैक्स फ्री करने की व्यवस्था के विरोध स्वरूप हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन ने 18 सितंबर से प्रदेशभर की सभी करीब 115 अनाज मंडियों में हड़ताल का आह्वान किया गया है। जिसमें करीब 35 हजार आढ़ती व उनके इतने ही मुनीम फसल की खरीदफरोख्त का बहिष्कार करके सुबह 11 बजे से अपराह्न दो बजे तक मंडियों में ही धरना प्रदर्शन करेंगे।
हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के चेयरमैन व कार्यवाहक राज्य प्रधान रजनीश चौधरी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन अध्यादेशों का आढ़ती भी किसानों के साथ मिलकर लगातार विरोध कर रहे हैं। इसमें सबसे खतरनाक बात यह है कि सरकार ने अनाज मंडियों में तो कम से कम छह फीसदी टैक्स वसूला जा रहा है, लेकिन मंडियों के बाहर फसल की खरीद को शुल्क मुक्त कर दिया गया है। जिससे मंडीकरण ढ़ांचे के अस्तित्व को ही खतरा उत्पन्न हो गया है। मंडियां व आढ़ते खत्म हो सकती हैं। आढ़ती, मुनीम बेरोजगार हो सकते हैं। मुख्य मांग यह है कि अंदर व बाहर की असमानता को समाप्त कर अनाज मंडियों के अंदर भी फसल खरीद को टैक्स फ्री किया जाए। आढ़तियों से की गई लस्टर लॉस व ब्याज कटौती वापस की जाए। कई दिनों से आंदोलन चल रहा है लेकिन सरकार सुन नहीं रही है तो विवश होकर आढ़तियों को 18 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लेना पड़ा है। पूरे राज्य की सभी मंडियों में शुक्रवार से कोई खरीद फरोख्त नहीं होगी।
मंडियों के अंदर फसल की खरीद पर टैक्स और मंडियों के बाहर टैक्स फ्री करने की व्यवस्था के विरोध स्वरूप हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन ने 18 सितंबर से प्रदेशभर की सभी करीब 115 अनाज मंडियों में हड़ताल का आह्वान किया गया है। जिसमें करीब 35 हजार आढ़ती व उनके इतने ही मुनीम फसल की खरीदफरोख्त का बहिष्कार करके सुबह 11 बजे से अपराह्न दो बजे तक मंडियों में ही धरना प्रदर्शन करेंगे।
हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के चेयरमैन व कार्यवाहक राज्य प्रधान रजनीश चौधरी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन अध्यादेशों का आढ़ती भी किसानों के साथ मिलकर लगातार विरोध कर रहे हैं। इसमें सबसे खतरनाक बात यह है कि सरकार ने अनाज मंडियों में तो कम से कम छह फीसदी टैक्स वसूला जा रहा है, लेकिन मंडियों के बाहर फसल की खरीद को शुल्क मुक्त कर दिया गया है। जिससे मंडीकरण ढ़ांचे के अस्तित्व को ही खतरा उत्पन्न हो गया है। मंडियां व आढ़ते खत्म हो सकती हैं। आढ़ती, मुनीम बेरोजगार हो सकते हैं। मुख्य मांग यह है कि अंदर व बाहर की असमानता को समाप्त कर अनाज मंडियों के अंदर भी फसल खरीद को टैक्स फ्री किया जाए। आढ़तियों से की गई लस्टर लॉस व ब्याज कटौती वापस की जाए। कई दिनों से आंदोलन चल रहा है लेकिन सरकार सुन नहीं रही है तो विवश होकर आढ़तियों को 18 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लेना पड़ा है। पूरे राज्य की सभी मंडियों में शुक्रवार से कोई खरीद फरोख्त नहीं होगी।