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कुरुक्षेत्र। जमीन की घटती जोत के कारण फसलों का विविधिकरण करके किसान कम जमीन में अधिक आय लेने लगे हैं। सरकार की स्कीमों का लाभ उठाने के लिए कृषि और बागवानी क्षेत्र के कई किसानों ने पहल की है जिनमें जिला कुरुक्षेत्र के गांव जिरबड़ी का युवा किसान प्रदीप भी शामिल है।
किसान ने बागवानी विभाग की सहायता से अपने खेत में आधा एकड़ जमीन में गुलाब के फूलों की खेती करनी शुरू की है। बागवानी विभाग द्वारा आधा एकड़ जमीन में पोली हाउस बनवाया गया जिस पर लगभग 19 लाख रुपये की लागत आई। इस पर 65 प्रतिशत अनुदान मिलने के दृष्टिगत किसान को 6 लाख 31 हजार रुपये देने पडे़। पोली हाउस में ड्रिप सिस्टम लगवाने के लिए लगभग एक लाख रुपये खर्च आए। इस पर 90 प्रतिशत अनुदान सरकार की ओर से दिया गया।
स्नातक प्रदीप ने बताया कि उसने गुलाब की खेती की शुरुआत वर्ष 2012 में शुरू की। इसके लिए डेढ़ लाख रुपये की पौध पूना से मंगवाकर मार्च में पोली हाउस में लगवा दी गई। दिसंबर में इसका उत्पादन शुरू हो गया है। हर तीसरे दिन तीन से चार हजार रुपये का गुलाब बिक जाता है। एक पंच सौ रुपये तक बिक जाता है। एक पंच में 20 फूल होते हैं इस प्रकार एक फूल पांच रुपये तक का बिक जाता है। उन्हाेंने बताया कि आधा एकड़ में लगभग 1500 पौधे लगाए गए हैं। एक पौधे पर 4 से 5 तक फूल लग जाते हैं। इन पौधों पर लगने वाले फूलों को सुरक्षित रखने के लिए लगभग 3500 बड़कैप लगाई गई हैं।
एक वर्ष में तीन बार आते हैं फूल
प्रदीप ने बताया कि एक साल में तीन बार फूलों का उत्पादन होता है। पिछले वर्ष जनवरी से इस वर्ष जनवरी तक लगभग दो लाख की आय हुई। लगभग 50 हजार का खर्च निकाल कर करीब एक लाख 50 हजार की शुद्ध आय हुई। एक बार लगाई गई पौध करीब पांच वर्ष तक फूलों का उत्पादन देती है।
दो लाख से ज्यादा पोली हाउस बनाए
बागवानी विभाग के अतिरिक्त निदेशक अर्जुन सिंह सैनी ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2011-2012 में प्रदेश में 2 लाख 20 हजार स्क्वेयर मीटर में पोली हाउस स्थापित किए गए। वर्ष 2012-2013 में अब तक 4 लाख 70 हजार स्क्वेयर मीटर क्षेत्र में पोली हाउस बनाए जा चुके हैं जबकि लक्ष्य 10 लाख स्क्वेयर मीटर में पोली हाउस बनाने का है।
कुरुक्षेत्र। जमीन की घटती जोत के कारण फसलों का विविधिकरण करके किसान कम जमीन में अधिक आय लेने लगे हैं। सरकार की स्कीमों का लाभ उठाने के लिए कृषि और बागवानी क्षेत्र के कई किसानों ने पहल की है जिनमें जिला कुरुक्षेत्र के गांव जिरबड़ी का युवा किसान प्रदीप भी शामिल है।
किसान ने बागवानी विभाग की सहायता से अपने खेत में आधा एकड़ जमीन में गुलाब के फूलों की खेती करनी शुरू की है। बागवानी विभाग द्वारा आधा एकड़ जमीन में पोली हाउस बनवाया गया जिस पर लगभग 19 लाख रुपये की लागत आई। इस पर 65 प्रतिशत अनुदान मिलने के दृष्टिगत किसान को 6 लाख 31 हजार रुपये देने पडे़। पोली हाउस में ड्रिप सिस्टम लगवाने के लिए लगभग एक लाख रुपये खर्च आए। इस पर 90 प्रतिशत अनुदान सरकार की ओर से दिया गया।
स्नातक प्रदीप ने बताया कि उसने गुलाब की खेती की शुरुआत वर्ष 2012 में शुरू की। इसके लिए डेढ़ लाख रुपये की पौध पूना से मंगवाकर मार्च में पोली हाउस में लगवा दी गई। दिसंबर में इसका उत्पादन शुरू हो गया है। हर तीसरे दिन तीन से चार हजार रुपये का गुलाब बिक जाता है। एक पंच सौ रुपये तक बिक जाता है। एक पंच में 20 फूल होते हैं इस प्रकार एक फूल पांच रुपये तक का बिक जाता है। उन्हाेंने बताया कि आधा एकड़ में लगभग 1500 पौधे लगाए गए हैं। एक पौधे पर 4 से 5 तक फूल लग जाते हैं। इन पौधों पर लगने वाले फूलों को सुरक्षित रखने के लिए लगभग 3500 बड़कैप लगाई गई हैं।
एक वर्ष में तीन बार आते हैं फूल
प्रदीप ने बताया कि एक साल में तीन बार फूलों का उत्पादन होता है। पिछले वर्ष जनवरी से इस वर्ष जनवरी तक लगभग दो लाख की आय हुई। लगभग 50 हजार का खर्च निकाल कर करीब एक लाख 50 हजार की शुद्ध आय हुई। एक बार लगाई गई पौध करीब पांच वर्ष तक फूलों का उत्पादन देती है।
दो लाख से ज्यादा पोली हाउस बनाए
बागवानी विभाग के अतिरिक्त निदेशक अर्जुन सिंह सैनी ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2011-2012 में प्रदेश में 2 लाख 20 हजार स्क्वेयर मीटर में पोली हाउस स्थापित किए गए। वर्ष 2012-2013 में अब तक 4 लाख 70 हजार स्क्वेयर मीटर क्षेत्र में पोली हाउस बनाए जा चुके हैं जबकि लक्ष्य 10 लाख स्क्वेयर मीटर में पोली हाउस बनाने का है।