जींद। नवरात्र के मौके पर सोनीपत में कुट्टू के आटे से बने खाद्य पदार्थ खाने से एक साथ बीमार हुए कई लोगों को देखते हुए जिला स्वास्थ्य तथा खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन सतर्क हो गया है। जिला खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी ने दो दुकानों से कुट्टू के आटे के नमूने लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तरह से जांच-परख के बाद ही कुट्टू का आटा लेने की सलाह दी है।
नवरात्र के मौके पर श्रद्धालु उपवास रखते हैं। इस दौरा श्रद्धालु फलाहार करते हैं या फिर कुट्टू के आटे से बनी वस्तुएं खाते हैं। इसमें भरपूर आयरन और प्रोटीन होता है। उपवास के दौरान कुट्टू के आटे से बनी वस्तुएं अधिक खाई जाती हैं। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से कुट्टू का आटा पूरी तरह से जांच-परख कर लेने की सलाह दी है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार यह आटा एक महीने से ज्यादा नहीं चल पाता। पुराने आटे से बनी वस्तुएं खाने से लोग बीमार हो सकते हैं।
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दो दुकानों से लिए सैंपल
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. जोगेंद्र ने बताया कि वीरवार को विभाग ने दो दुकानों से कुट्टू के आटे के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इसमें कार्रवाई की जाएगी। शुक्रवार को भी कुछ दुकानों से सैंपल लेने का सिलसिला जारी रहेगा।
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आटा खरीदते समय रखें सावधानी
नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएएस डॉ. राजेश भोला ने बताया कि नवरात्र के दौरान श्रद्धालु कुट्टू के आटे का प्रयोग करते हैं। निराहार रहने के बाद कुट्टू के आटे की चीजें खाने से कई बार फूड प्वायजिनंग का खतरा बन जाता है। ऐसे में लोगों को चाहिए कि कुट्टू के आटे का प्रयोग करते समय सावधानी बरतें और खुले आटे का बिल्कुल प्रयोग नहीं करें। इसकी अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर पर दाने और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस आटे के खाने से यदि ज्यादा दिक्कत होती है तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही इस्तेमाल करें। कुट्टू का आटा एक महीने में खराब हो जाता है। इसलिए पुराना आटा खाने से फूड प्वाइजनिंग, गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।