जींद। जिला उपभोक्ता फोरम ने जुलाना तहसील के खरेंटी गांव में किसान सूरजमल को न्याय देते हुए बजाज एलियांज इंश्योरेंस कंपनी को फसल का मुआवजा नौ प्रतिशत ब्याज के साथ देने के आदेश दिए हैं। यह मुआवजा वर्ष 2017 में खराब हुई कपास की फसल का है। मुआवजा राशि 82800 किसान की बनाई गई थी, जिसको शिकायत की तारीख से नौ प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज सहित भुगतान करना होगा। इसके अलावा किसान को मानसिक परेशानी व अभियोग खर्च के दस हजार रुपये 30 दिन के अंदर किसान को देने हैं। इसके बावजूद भी निर्धारित समय में बीमा कंपनी यह भुगतान किसान को नहीं करती है तो इस राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक दर से देरी के समय के लिए ब्याज भी बीमा कंपनी को किसान को देना पड़ेगा।
वर्ष 2017 में खरेंटी गांव निवासी किसान सूरजमल नैन की तीन एकड़ की कपास की फसल खराब हो गई थी। इसके के लिए पंजाब नेशनल बैंक गतौली ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 4702.04 रुपये किसान के खाते से 31 जुलाई 2017 को बीमा कंपनी के खाते में ट्रांसफर कर दिए थे। प्राकृतिक आपदा के कारण किसान सूरजमल नैन की 3 एकड़ में कपास खराब हो गई थी, जिसकी किसान सूरजमल नैन ने कृषि विभाग को शिकायत दी थी और चार सितंबर 2017 को कृषि विभाग ने बीमा कंपनी ने खरेंटी गांव में खराब हुई फसल का दौरा भी किया था। इसमें किसान सूरजमल नैन की कपास की फसल 100 प्रतिशत खराब दिखाई थी और किसान सूरजमल नैन ने मुआवजा लेने के लिए लिखित शिकायत कृषि विभाग को दी, लेकिन 20 फरवरी 2020 को बीमा कंपनी ने किसान को मुआवजा देने से मना कर दिया था। इस पर किसान ने न्याय पाने के लिए 16 जून 2020 को उपभोक्ता फोरम जींद में शिकायत दी थी। इस पर सभी पक्षों की सुनवाई करने के बाद उपभोक्ता फोरम ने किसान के पक्ष में फैसला सुनाया।