बहादुरगढ़। कृषि कानूनों के विरोध में टीकरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में शामिल पंजाब के दो किसानों की रविवार को अलग-अलग जगहों पर मौत हो गई। दोनों की मौत हृदयाघात से होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मौत की असल वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी। मृतकों में एक किसान पंजाब के मोगा जिले से और दूसरा पंजाब के ही संगरूर जिले का निवासी था।
पंजाब के मोगा जिले के गांव धूलकोट रणसी के रहने वाले किसान सुखजिंदर भारतीय (57) किसान यूनियन (कादियां) निहाल सिंहवाला ब्लाक के प्रधान थे। वह टीकरी बॉर्डर पर किसानों के धरने में शुरुआत से ही भाग ले रहे थे। वह 26 नवंबर के पहले ही काफिले में यहां आए थे। वह टीकरी बॉर्डर के निकट मेट्रो पिलर नंबर 775 के निकट अपने साथी किसानों के साथ रहते थे। यूनियन के जिला प्रधान निर्मल सिंह माणूके ने बताया कि रविवार सुबह 7 बजे अचानक सुखजिंदर की तबीयत बिगड़ गई। मेजर सिंह व उनके दूसरे साथी किसानों ने तुरंत इलाज के लिए नागरिक अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने जांच कर मृत घोषित कर दिया। एमआईई पुलिस चौकी प्रभारी रविंद्र ने बताया कि सुखजिंदर दो बेटियों और एक बेटा के पिता थे। बड़ी बेटी विवाहित है।
संगरूर के किसान की मौत
बहादुरगढ़ के बाईपास पर सेक्टर-9 के निकट ठहरे पंजाब के संगरूर जिले के गांव कलोदी के रहने वाले किसान लक्खा सिंह (70) की भी अचानक मौत हो गई। वह तीन फरवरी को ही सेक्टर-9 बाईपास पर किसानों के साथ जत्थे में शामिल हुए थे। उनका जत्था स्वामी दयानंद पार्क के नजदीक ठहरा हुआ था। रविवार को सुबह वह सैर करके आए और अपने ठिकाने पर लेट गए। काफी देर तक नहीं उठे तो किसानों ने चाय के लिए आवाज लगाई। वह नहीं उठे तो हिलाकर जगाने की कोशिश की गई तो वह निढाल मिले। उन्हेें तुरंत नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सेक्टर-9 चौकी प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि लक्खा सिंह दो बेटों के पिता थे। पुलिस ने उनके परिजनों को सूचित कर दिया है। लक्खा सिंह भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) से जुड़े थे।
बहादुरगढ़। कृषि कानूनों के विरोध में टीकरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में शामिल पंजाब के दो किसानों की रविवार को अलग-अलग जगहों पर मौत हो गई। दोनों की मौत हृदयाघात से होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मौत की असल वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी। मृतकों में एक किसान पंजाब के मोगा जिले से और दूसरा पंजाब के ही संगरूर जिले का निवासी था।
पंजाब के मोगा जिले के गांव धूलकोट रणसी के रहने वाले किसान सुखजिंदर भारतीय (57) किसान यूनियन (कादियां) निहाल सिंहवाला ब्लाक के प्रधान थे। वह टीकरी बॉर्डर पर किसानों के धरने में शुरुआत से ही भाग ले रहे थे। वह 26 नवंबर के पहले ही काफिले में यहां आए थे। वह टीकरी बॉर्डर के निकट मेट्रो पिलर नंबर 775 के निकट अपने साथी किसानों के साथ रहते थे। यूनियन के जिला प्रधान निर्मल सिंह माणूके ने बताया कि रविवार सुबह 7 बजे अचानक सुखजिंदर की तबीयत बिगड़ गई। मेजर सिंह व उनके दूसरे साथी किसानों ने तुरंत इलाज के लिए नागरिक अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने जांच कर मृत घोषित कर दिया। एमआईई पुलिस चौकी प्रभारी रविंद्र ने बताया कि सुखजिंदर दो बेटियों और एक बेटा के पिता थे। बड़ी बेटी विवाहित है।
संगरूर के किसान की मौत
बहादुरगढ़ के बाईपास पर सेक्टर-9 के निकट ठहरे पंजाब के संगरूर जिले के गांव कलोदी के रहने वाले किसान लक्खा सिंह (70) की भी अचानक मौत हो गई। वह तीन फरवरी को ही सेक्टर-9 बाईपास पर किसानों के साथ जत्थे में शामिल हुए थे। उनका जत्था स्वामी दयानंद पार्क के नजदीक ठहरा हुआ था। रविवार को सुबह वह सैर करके आए और अपने ठिकाने पर लेट गए। काफी देर तक नहीं उठे तो किसानों ने चाय के लिए आवाज लगाई। वह नहीं उठे तो हिलाकर जगाने की कोशिश की गई तो वह निढाल मिले। उन्हेें तुरंत नागरिक अस्पताल पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सेक्टर-9 चौकी प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि लक्खा सिंह दो बेटों के पिता थे। पुलिस ने उनके परिजनों को सूचित कर दिया है। लक्खा सिंह भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) से जुड़े थे।