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हरियाणा की जैविक खेती के मुरीद हुए गुजरात के किसान
रोहतक ब्यूरो
Updated Wed, 15 Sep 2021 01:26 AM IST
जैविक खेती के बारे में जानकारी लेते गुजरात के किसान। संवाद
- फोटो : Jhjhar
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झज्जर। प्रदेश में की जा रही जैविक खेती के गुजरात के किसान मुरीद हो गए हैं। गुजरात के विभिन्न जिलों से 16 किसानों का प्रतिनिधिमंडल विभिन्न जिलों का दौरा करने के बाद मंगलवार को झज्जर जिले के सेहलंगा व ढाणा गांव में पहुंचे। यहां पर जैविक खेती कर रहे कृषि रत्न अवॉर्डी भीम सिंह डागर व ढाणा गांव के अनिल कुमार के खेत में जैविक खेती के बारे में उन्होंने जानकारी ली। सेहलंगा गांव निवासी भीम सिंह डागर के फॉर्म हाउस पर प्याज, मूंग, लोबिया, बेर, सहजन व सब्जियों के बारे में जानकारी दी गई। किसानों का गांव के सरपंच जगत सिंह ने स्वागत किया। किसानों का प्रतिनिधिमंडल पानीपत, सोनीपत, रोहतक, झज्जर आदि जिलों का दौरा कर चुके हैं। यहां पर उन्होंने किसानों से खेती करने, फसलों की बिजाई से पूर्व जैविक तरीके से बीज उपचार करने, कीट नाशक तैयार करने व किस मौसम में कौन सी फसल पैदा होती है इसके बारे जानकारी ली है। वहीं फसलों की बिजाई, निराई-गुड़ाई करने में प्रयोग की जाने वाली मशीनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। किसानों ने कहा कि अब हरियाणा का किसान जैविक खेती कर व्यापारी, उत्पादक, तकनीकी तौर पर भी विकसित हो रहा है। गुजरात के किसानों ने बताया कि कई फसल ऐसी हैं जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है और वे बाजार में जैविक उत्पादों का प्रयोग करने वाले लोगों को पूरी तरह से उत्पाद मांग के अनुसार उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं। जबकि हरियाणा में किसानों से कई तरह की जानकारी प्राप्त की है। यहां के किसानों का तौर तरीका कुछ अलग है। इस समय जैविक उत्पादों की बाजार में मांग काफी बढ़ रही है। जिससे किसान अपनी आर्थिक स्थिति को और अधिक मजबूत कर सकते हैं। किसान भीम सिंह डागर ने बताया कि वे 12 एकड़ में जैविक खेती वर्ष 2009 से कर रहे हैं और इस समय वे अपने उत्पाद बाजार में लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं। गुरुग्राम में काफी समय से बड़ी संख्या में लोगों को जैविक उत्पाद मुहैया करा रहे हैं। उनका कहना है कि जैविक उत्पादों के अनुसार उनका भाव भी निर्धारित करते हैं और उस भाव से बाजार में उत्पाद बेच रहे हैं। शुरुआत में कुछ समय के लिए परेशानियां आई थी, लेकिन अब कोई परेशानी नहीं आ रही है। प्रतिनिधिमंडल में राजेश पटेल, प्रवीण भाई, अशोक, पुरोहित नरेंद्र, वनराज सिंह, राजेंद्र सिंह, जसू भाई, महेश, प्रोफेसर आरओ पटेल, अतुल पटेल, अनुज पटेल, सेजल कुमार, अनु भाई पटेल, देवेश आर पटेल व रोहतक से डॉ राजेंद्र चौधरी आदि शामिल थे।
झज्जर। प्रदेश में की जा रही जैविक खेती के गुजरात के किसान मुरीद हो गए हैं। गुजरात के विभिन्न जिलों से 16 किसानों का प्रतिनिधिमंडल विभिन्न जिलों का दौरा करने के बाद मंगलवार को झज्जर जिले के सेहलंगा व ढाणा गांव में पहुंचे। यहां पर जैविक खेती कर रहे कृषि रत्न अवॉर्डी भीम सिंह डागर व ढाणा गांव के अनिल कुमार के खेत में जैविक खेती के बारे में उन्होंने जानकारी ली।
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सेहलंगा गांव निवासी भीम सिंह डागर के फॉर्म हाउस पर प्याज, मूंग, लोबिया, बेर, सहजन व सब्जियों के बारे में जानकारी दी गई। किसानों का गांव के सरपंच जगत सिंह ने स्वागत किया। किसानों का प्रतिनिधिमंडल पानीपत, सोनीपत, रोहतक, झज्जर आदि जिलों का दौरा कर चुके हैं। यहां पर उन्होंने किसानों से खेती करने, फसलों की बिजाई से पूर्व जैविक तरीके से बीज उपचार करने, कीट नाशक तैयार करने व किस मौसम में कौन सी फसल पैदा होती है इसके बारे जानकारी ली है। वहीं फसलों की बिजाई, निराई-गुड़ाई करने में प्रयोग की जाने वाली मशीनों के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
किसानों ने कहा कि अब हरियाणा का किसान जैविक खेती कर व्यापारी, उत्पादक, तकनीकी तौर पर भी विकसित हो रहा है। गुजरात के किसानों ने बताया कि कई फसल ऐसी हैं जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है और वे बाजार में जैविक उत्पादों का प्रयोग करने वाले लोगों को पूरी तरह से उत्पाद मांग के अनुसार उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं। जबकि हरियाणा में किसानों से कई तरह की जानकारी प्राप्त की है। यहां के किसानों का तौर तरीका कुछ अलग है। इस समय जैविक उत्पादों की बाजार में मांग काफी बढ़ रही है। जिससे किसान अपनी आर्थिक स्थिति को और अधिक मजबूत कर सकते हैं।
किसान भीम सिंह डागर ने बताया कि वे 12 एकड़ में जैविक खेती वर्ष 2009 से कर रहे हैं और इस समय वे अपने उत्पाद बाजार में लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं। गुरुग्राम में काफी समय से बड़ी संख्या में लोगों को जैविक उत्पाद मुहैया करा रहे हैं। उनका कहना है कि जैविक उत्पादों के अनुसार उनका भाव भी निर्धारित करते हैं और उस भाव से बाजार में उत्पाद बेच रहे हैं। शुरुआत में कुछ समय के लिए परेशानियां आई थी, लेकिन अब कोई परेशानी नहीं आ रही है।
प्रतिनिधिमंडल में राजेश पटेल, प्रवीण भाई, अशोक, पुरोहित नरेंद्र, वनराज सिंह, राजेंद्र सिंह, जसू भाई, महेश, प्रोफेसर आरओ पटेल, अतुल पटेल, अनुज पटेल, सेजल कुमार, अनु भाई पटेल, देवेश आर पटेल व रोहतक से डॉ राजेंद्र चौधरी आदि शामिल थे।
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