झज्जर। रोहतक-झज्जर-रेवाड़ी रेल मार्ग के विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो गया है। जल्द ही इस ट्रैक पर बिजली से चलने वाली रेल गाड़ियां दौड़ती नजर आएंगी। आज पहली बार रेलवे के सीआरएस शैलेश कुमार पाठक बिजली से चलने वाली गाड़ी लेकर ट्रैक के निरीक्षण के लिए पहुंचे। उन्होंने रोहतक के अस्थल बोहर से निरीक्षण करना शुरू किया और डीघल, झज्जर, माछरौली, गोकलगढ़ के रेलवे स्टेशनों के अलावा करीब 70 किलोमीटर तक के ट्रैक का निरीक्षण किया। उनके साथ नार्दन रेलवे के आला अधिकारी भी साथ थे। उन्होंने रेलवे लाइन पर लगाई गई इलेक्ट्रिक रॉड, गेट, इलेक्ट्रिक गेंग आदि का निरीक्षण किया। उसके हर स्टेशन पर वे 10 से 15 मिनट के लिए रुक रहे थे। वहीं रेलवे के अधिकारी उन्हें हर प्रकार की जानकारी दे रहे थे। अब उनके दौरे के बाद वे अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को भेजेंगे।
उसके बाद मंत्रालय की तरफ से तय किया जाएगा कि किस दिन से ट्रैक पर बिजली से चलने वाली गाडियां चलाई जाएंगी। बिजली से चलने वाली रेलगाड़ियां चलने के बाद इस मार्ग पर पैसेंजर गाड़ियों के बढ़ाए जाने की संभावनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। क्योंकि फिलहाल इस मार्ग पर सुबह शाम ही रेलगाड़ियां चलती हैं। जिनसे लोगों को फायदा कम मिल रहा है। दिन के समय भी दो से तीन राउंड पैसेंजर गाड़ियों के होने चाहिए।
100 की स्पीड से दौड़ेंगी गाड़ियां
रेलवे लाइन के विद्युतीकरण के बाद अब इस मार्ग पर सौ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से रेलगाड़ियां दौड़ती नजर आएंगी। इसके लिए पिछले साल ही रेलवे ट्रैक को सौ किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गाड़ियां चलाने के लिए तैयार किया जा चुका है। इससे पहले इस ट्रैक की क्षमता 80 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार के लिए तैयार किया गया था। अब रेलवे लाइन के विद्युतीकरण के बाद गाड़ियां और अधिक स्पीड से दौड़ेंगी तो लोगों को रेल से आवागमन करने में भी समय कम लगेगा। वहीं रेलगाड़ियों के बिजली और डीजल से चलने वाले इंजन बदलने का झंझट भी खत्म हो जाएगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी। वहीं दूसरी ओर जनवरी 2013 में झज्जर के लोगों का रेल की सीटी सुनने का सपना पूरा हुआ था। उसके बाद से चार घंटे सुबह और चार घंटे शाम को रेलगाड़ियां चलती थीं।
मार्च में इस रेल मार्ग पर लगने वाले सभी स्टेशनों पर पूरा स्टाफ नियुक्त करते हुए 24 घंटे के लिए खोला जा चुका है। ताकि 24 घंटे गाड़ियां चलाई जा सकें। फिलहाल जयपुर-चंडीगढ़ के बीच चलने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस, एक पैसेंजर और दो डेमू गाड़ियां ही चलती हैं। इनके अलावा इस लाइन पर मालगाड़ियां अधिक दौड़ती हैं। जल्द ही इस रेलवे ट्रैक पर इलेक्ट्रिक ट्रेन चलेगी। आज वे ट्रैक के निरीक्षण के लिए आए हैं। हर पहलू को ध्यान में रखते हुए निरीक्षण किया जा रहा है।
- शैलेश कुमार पाठक, सीआरएस, रेलवे विभाग, नई दिल्ली।