झज्जर। मैडम जी हाम नै आई बार आश्वासन मिल ज्या सै। हाम विश्वास करकै वापस चले ज्यां सां, ईब हाम किस तरह विश्वास करां कि म्हारी सरसम खरीद ली जागी। जब बी आवां सां केवल आप लोगों की बात सुण कै वापस चले जां सां। कितनी बार आ लिये कोये समाधान क्यों नहीं करते। यह बात सरसों की खरीद न होने को लेकर डीसी से मिलने पहुंचे किसानों ने एसडीएम से कही। एसडीएम ने किसानों को कहा अभी तक चुनाव कार्य में व्यस्त थे। आपकी डिमांड चंडीगढ़ मुख्यालय को भेजी गई है लेकिन अभी तक सरसों खरीदने के लिए सरकार ने अनुमति नहीं दी है। उन्हें बुधवार तक का समय दिया जाए उस समय तक कुछ न कुछ समाधान निकलने की उम्मीद है। झज्जर की अनाज मंडी में पड़ी सरसों की टोकन काटने के बाद भी खरीद न होने से परेशान आढ़ती और किसान बड़ी संख्या में एकत्रित होकर डीसी संजय जून से मिलने के लिए पहुंचे। लेकिन उनकी समस्या को लेकर एसडीएम से मिलने के लिए कहा गया। उसके बाद किसान डीसी के आवास के सामने बैठ गए। एसडीएम ने किसानों को बुधवार तक समस्या का कुछ हल निकालने का आश्वासन दिया उसके बाद ही किसान वापस आए। किसानों ने कहा कि वे दो बार उपायुक्त से मिल चुके हैं और जाम भी लगा चुके हैं। लेकिन अभी तक आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला है। उन्होंने टोकन काटने के बाद भी समय पर सरसों की खरीद न करने को लेकर अपनी परेशानी बताई। इससे पहले भी किसान व आढ़ती शुक्रवार को डीसी से मिले थे। लेकिन सोमवार तक समस्या का समाधान नहीं हुआ तो मंगलवार को वे एक बार फिर से अनाज मंडी में एकत्रित हुए और उन्होंने कहा कि किसानों की सरसों खरीदने के लिए मार्केट कमेटी की तरफ से उनके टोकन भी काटे गए थे। कुछ किसानों की सरसों के टोकन काटे जाने थे। लेकिन एजेंसियों की तरफ सें टोकन काटने के बाद भी सरसों नहीं खरीदी। जबकि गेट पास काटने के बाद उन्होंने अनाज मंडी में सरसों डाल दी थी। सरसों की खरीद न होने से वे पूरी तरह परेशान हो चुके हैं। कभी आढ़तियों के तो कभी प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं।
बिना खरीद के मंडी में पड़ी है 50 हजार क्विंटल सरसों
पिछले साल की सरसों खरीद के आंकड़ों को देखा जाए तो इस बार एक लाख 80 हजार क्विंटल सरसों अधिक खरीदी जा चुकी है। पिछले साल जिले में करीब 2 लाख 90 हजार क्विंटल सरसों खरीदी गई थी। इस बार चार लाख 75 हजार क्विंटल से अधिक सरसों की खरीद हो चुकी है। अगर झज्जर की अनाज मंडी के आढ़तियों की बात मानी जाए तो अभी भी करीब 50 हजार क्विंटल सरसों बिना खरीदी पड़ी है। झज्जर की अनाज मंडी से भी टोकन की डिटेल मार्केट कमेटी ने आढ़तियों से मांगी गई थी। ताकि सरकार को स्थिति से अवगत कराया जा सके। अगर सरकार ने आदेश दिए तो सरसों की खरीद हो सकती है अन्यथा किसानों को प्राइवेट खरीद के माध्यम से सरसों बेचनी पड़ेगी या फिर उसे वापस अपने घर ले जानी पड़ेगी।
एसडीएम ने हमें बुधवार तक का समय दिया है। अगर उसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। अभी तक चुनाव में व्यस्त होने की बात कहीं गई है।
चांद सिंह पहलवान, प्रधान अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन, झज्जर।
झज्जर। मैडम जी हाम नै आई बार आश्वासन मिल ज्या सै। हाम विश्वास करकै वापस चले ज्यां सां, ईब हाम किस तरह विश्वास करां कि म्हारी सरसम खरीद ली जागी। जब बी आवां सां केवल आप लोगों की बात सुण कै वापस चले जां सां। कितनी बार आ लिये कोये समाधान क्यों नहीं करते। यह बात सरसों की खरीद न होने को लेकर डीसी से मिलने पहुंचे किसानों ने एसडीएम से कही। एसडीएम ने किसानों को कहा अभी तक चुनाव कार्य में व्यस्त थे। आपकी डिमांड चंडीगढ़ मुख्यालय को भेजी गई है लेकिन अभी तक सरसों खरीदने के लिए सरकार ने अनुमति नहीं दी है। उन्हें बुधवार तक का समय दिया जाए उस समय तक कुछ न कुछ समाधान निकलने की उम्मीद है। झज्जर की अनाज मंडी में पड़ी सरसों की टोकन काटने के बाद भी खरीद न होने से परेशान आढ़ती और किसान बड़ी संख्या में एकत्रित होकर डीसी संजय जून से मिलने के लिए पहुंचे। लेकिन उनकी समस्या को लेकर एसडीएम से मिलने के लिए कहा गया। उसके बाद किसान डीसी के आवास के सामने बैठ गए। एसडीएम ने किसानों को बुधवार तक समस्या का कुछ हल निकालने का आश्वासन दिया उसके बाद ही किसान वापस आए। किसानों ने कहा कि वे दो बार उपायुक्त से मिल चुके हैं और जाम भी लगा चुके हैं। लेकिन अभी तक आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला है। उन्होंने टोकन काटने के बाद भी समय पर सरसों की खरीद न करने को लेकर अपनी परेशानी बताई। इससे पहले भी किसान व आढ़ती शुक्रवार को डीसी से मिले थे। लेकिन सोमवार तक समस्या का समाधान नहीं हुआ तो मंगलवार को वे एक बार फिर से अनाज मंडी में एकत्रित हुए और उन्होंने कहा कि किसानों की सरसों खरीदने के लिए मार्केट कमेटी की तरफ से उनके टोकन भी काटे गए थे। कुछ किसानों की सरसों के टोकन काटे जाने थे। लेकिन एजेंसियों की तरफ सें टोकन काटने के बाद भी सरसों नहीं खरीदी। जबकि गेट पास काटने के बाद उन्होंने अनाज मंडी में सरसों डाल दी थी। सरसों की खरीद न होने से वे पूरी तरह परेशान हो चुके हैं। कभी आढ़तियों के तो कभी प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं।
बिना खरीद के मंडी में पड़ी है 50 हजार क्विंटल सरसों
पिछले साल की सरसों खरीद के आंकड़ों को देखा जाए तो इस बार एक लाख 80 हजार क्विंटल सरसों अधिक खरीदी जा चुकी है। पिछले साल जिले में करीब 2 लाख 90 हजार क्विंटल सरसों खरीदी गई थी। इस बार चार लाख 75 हजार क्विंटल से अधिक सरसों की खरीद हो चुकी है। अगर झज्जर की अनाज मंडी के आढ़तियों की बात मानी जाए तो अभी भी करीब 50 हजार क्विंटल सरसों बिना खरीदी पड़ी है। झज्जर की अनाज मंडी से भी टोकन की डिटेल मार्केट कमेटी ने आढ़तियों से मांगी गई थी। ताकि सरकार को स्थिति से अवगत कराया जा सके। अगर सरकार ने आदेश दिए तो सरसों की खरीद हो सकती है अन्यथा किसानों को प्राइवेट खरीद के माध्यम से सरसों बेचनी पड़ेगी या फिर उसे वापस अपने घर ले जानी पड़ेगी।
एसडीएम ने हमें बुधवार तक का समय दिया है। अगर उसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। अभी तक चुनाव में व्यस्त होने की बात कहीं गई है।
चांद सिंह पहलवान, प्रधान अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन, झज्जर।