हांसी। एक करोड़ 32 लाख रुपये की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने द आदर्श सहकारी एनएटीसी समिति लिमिटेड के पूर्व प्रधान सुंदर लाल को गिरफ्तार कर लिया है। सुंदरलाल वर्तमान में हांसी शहर में पटवारी के पद पर कार्यरत हैं। पुलिस ने लाल सड़क निवासी अशोक कुमार की शिकायत पर करीब तीन साल सुंदरलाल समेत 13 के खिलाफ केस दर्ज किया था।
शिकायतकर्ता अशोक ने बताया कि उसने द आदर्श सहकारी समिति एनएटीसी के संचालक भरत सैनी के पास कुछ रिश्तेदारों के नाम से पूंजी जमा कराई थी। समिति में भरत सैनी व राजेश चोपड़ा की भागीदारी थी। बाद में राजेश चोपड़ा ने अपनी द सेंट्रल सहकारी एनएटीसी समिति लिमिटेड का गठन कर लिया। शिकायतकर्ता अशोक ने बताया कि वह 2017 से समिति में पूंजी जमा करवा रहे थे। उनकी दो एफडीआर दिसंबर 2019 में पूरी हो चुकी थी। समय पूरा होने के बाद जब वह रकम लेने गया तो उसे पैसा नहीं दिया गया। उनके इसकी शिकायत कॉपरेटिव सोसायटी के असिस्टेंट रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार को दी।
एआरसीएस ने समिति संचालक का मकान अटैच कर दिया। पूर्व खजांची दीपक कुमार की सैलरी पर रोक लगा दी। इस मामले की जांच डीआरसीएस हिसार को सौंपी गई। एफडीआर की असल कॉपी लेकर उन्हें चेक दिए। खाते में पैसे न होने से चेक पास नहीं हो सके। पुलिस ने शिकायत के आधार पर सुंदर लाल सहित समेत 13 लोगों पर धोखाधड़ी व अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। पुलिस प्रवक्ता सुभाष शर्मा ने बताया कि सुंदर लाल सरकारी कर्मचारी है। वीरवार शाम को गिरफ्तार किया गया है। शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
गृहमंत्री अनिल विज के सामने उठा था मुद्दा
यह मामला 13 जनवरी को हिसार में आयोजित जनपरिवाद समिति की बैठक में प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज के सामने उठाया गया था। इसमें अशोक की शिकायत की सुनवाई करते हुए गृहमंत्री ने आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। इस मामले में धोखाधड़ी के आरोपी अटैच प्रॉपर्टी को बेचने को लेकर हांसी के नायब तहसीलदार पर कार्रवाई के आदेश दिए थे।
114 लोगों के 1.32 करोड़ रुपये फंसे
शिकायतकर्ता अशोक ने बताया था कि इस सोसायटी में करीब 114 लोगों के 1.32 करोड़ रुपये जमा हैं। सोसायटी ने संपत्ति के नाम पर एक मकान को रहन रखा था। बाद में सोसायटी के संचालकों ने इस रहन-अटैच किए गए मकान की रजिस्ट्री किसी को बेच दिया।